रायपुर : ठंड के मौसम में जोड़ों का दर्द सबसे ज्यादा परेशान करता है. खास कर बढ़ती उम्र वाली महिलाओं में ये समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. गौरतलब है कि ठंड के मौसम में बैरोमीटर के दबाव में गिरावट के कारण मांसपेशियां और आसपास के ऊतक में एक्सपेंशन और कांट्रेक्शन होता है. यही वजह है की हड्डियों में कठोरता बढ़ने लगती है.जिससे दर्द बढ़ता है.
क्यों ठंड में होता है जोड़ों का दर्द ? : हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पंकज धाबलिया के अनुसार 50% मरीज का कहना है कि गर्मी के आने के पहले और ठंड के जाने के बाद मौसम में परिवर्तन की वजह से यूजुअली लोग कहते हैं कि जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है. हालांकि कोई ऐसा साइंटिफिकली रिसर्च अभी तक नहीं हुआ है कि ठंड से गर्मी की ओर जाने के वक्त जोड़ों का दर्द बढ़ जाए. लेकिन मरीजों का फीडबैक यही मिलता है.
''शरीर का टेंपरेचर कम ज्यादा होने से, ब्लड सर्कुलेशन का कम ज्यादा होने से ऐसे दर्द की संभावनाएं रहती है.इसलिए जब ठंड से गर्मी की ओर जाते हैं तो धीरे-धीरे हमें एडजस्ट करके चलना चाहिए. तुरंत गर्मी वाले क्षेत्र में न जाए जो एयर कंडीशन में बैठते हैं वो एक टेंपरेचर को एडजस्ट करें."- पंकज धाबलिया, हड्डी रोग विशेषज्ञ
आपको बता दें कि साल 2015 में जनरल ऑफ रूमेटोलॉजी के अध्ययन में यह पता चला था कि जिस भी व्यक्ति, महिला या पुरुष को घुटने या अन्य जॉइंट वाली जगह पर दर्द की शिकायत रहती है वह ज्यादातर तापमान में गिरावट की वजह से पाई जाती है.
● ठंड के मौसम में अक्सर आलस बढ़ता है. जिस वजह से व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियां कम होने लगती है. यह प्रमुख वजह जोड़ों में बढ़ते दर्द की है .
● जोड़ों में सायनोवियल फ्लुएड एक शॉक एब्सॉर्बर की तरह काम करते हुए बेहतर रहता है.मौसम में गिरावट के कारण यह फ्लूएड गाढ़ा हो जाता है.जिससे इसके बहने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके कारण जोड़ों का दर्द बढ़ने लगता है.
● ठंड के मौसम में नस अति संवेदनशील हो जाती है, जिस वजह से जोड़ों के दर्द में बढ़ोतरी होती है.
क्या है जोड़ों के दर्द से बचने के उपाय ?
● रोजाना व्यायाम करें.
● पौष्टिक आहार में फैटी एसिड के खाद्य पदार्थ को खाने में शामिल करें. हरी सब्जियां फल और ओमेगा 3 का सेवन करें. इससे शरीर को ताकत मिलेगी और शरीर की गर्माहट बनी रहेगी.
● मांसपेशियों को लचीला रखने के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें.
● शरीर को ठंड में हाइड्रेटेड रखें. क्योंकि ठंड में प्यास कम लगने की वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है.