नई दिल्लीः जेएनयू छात्र संघ चुनाव में आज चुनाव प्रचार (Last Day of Election Campaign) का आखिरी दिन है. रात को नौ बजे अध्यक्षीय डिबेट होगी. जिसमें अध्यक्ष पद के आठ प्रत्याशी अपने चुनावी मुद्दों को रखकर वोट मांगेंगे, 22 मार्च को मतदान होना है. इन चुनावों में अहम मुकाबला ABVP और और यूनाइटेड लेफ्ट के बीच है. करीब एक हफ्ते से दोनों छात्र संगठनों की ओर से जोरदार प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. छात्रों की टोलियां छात्रावास, ढाबों, मैस, क्लास रूम, लाइब्रेरी और लैब में जाकर चुनाव प्रचार कर रही हैं.
हाथों में अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र और पोस्टर लेकर छात्र संगठन अपने पक्ष में वोट मांग रहे हैं. विद्यार्थी परिषद की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तेलंगाना के उमेश चंद्र अजमीरा हैं तो वहीं, यूनाइटेड लेफ्ट की ओर से धनंजय मैदान में हैं. जबकि बापसा से विश्वजीत मिजी, एनएसयूआई से जुनेद रजा हैं.
इसके अलावा उपाध्यक्ष और सचिव पद पर चार-चार प्रत्याशी हैं तो वहीं, संयुक्त सचिव पद के लिए तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा छात्र राष्ट्रीय जनता दल और निर्दलीय प्रत्याशी भी अध्यक्षीय डिबेट में अपनी बात रखेंगे. बता दें कि जेएनयू के चुनाव में अध्यक्षीय डिबेट एक मुख्य आकर्षण का केंद्र रहती है.
रात के समय में छात्रों की भीड़ के बीच में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रभावी तरीके से अपनी-अपनी बात रखते हैं. इस बार के चुनाव में महिला सुरक्षा, छात्रावास की मरम्मत, नये छात्रावास के कमरों का आवंटन, लंबित स्कॉलरशिप समेत कई ज्वलंत मुद्दे हैं. इन मुद्दों पर अपनी बात रखकर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में सभी प्रत्याशी जुटे हैं.
मंगलवार रात लेफ्ट और एबीवीपी ने निकाला मशाल जुलूस
रात के समय एबीवीपी और लेफ्ट छात्र संगठनों की ओऱ से मशाल जुलूस निकाला गया. मशाल जुलूस भी जेएनयू छात्र संघ के चुनाव में प्रचार का एक परंपरागत तरीका है. एबीवीपी और लेफ्ट दोनों दलों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मशाल जुलूस में शामिल हुए. इस बार एबीवीपी के मशाल जुलूस में अन्य सालों के मुकाबले अधिक भीड़ देखी गई. एबीवीपी की जेएनयू इकाई के मीडिया प्रभारी आदर्श ने बताया कि इस बार एबीवीपी के जुलूस में 1500 से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं. यह ऐतिहासिक मशाल जुलूस रहा. इस बार एबीवीपी जेएनयू छात्र संघ चुनाव में जरूर इतिहास रचेगी. वहीं, लेफ्ट संगठनों के मशाल जुलूस में भी काफी भीड़ देखने को मिली. लेफ्ट संगठन आइसा के पदाधिकारी एन साई बालाजी ने भी दावा किया इस बार भी यूनाइटेड पैनल जेएनयू की चारों सीटों पर जीत दर्ज करेगा.
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