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PM मोदी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर JNUSU ने JNU प्रशासन के नोटिस की निंदा की - BBC DOCUMENTARY CONTROVERSY

-'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग पर जेएनयू प्रशासन के नोटिस की निंदा की गई. -लगाए गए कई आरोप.

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' स्क्रीनिंग मामला
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' स्क्रीनिंग मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 6 hours ago

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग पर जारी किए गए नोटिस की कड़ी निंदा की है. JNUSU का कहना है कि प्रशासन का यह कदम छात्रों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. यह प्रशासन की उन ताकतों के साथ सांठ-गांठ को दर्शाता है जो विरोधी आवाजों को दबाने का प्रयास करती है.

जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने हमेशा सरकार की आलोचना करने वाली डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की है, जबकि संघ-भाजपा के एजेंडे को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को बिना किसी सवाल के स्क्रीनिंग की अनुमति दी है. इस चयनात्मक रवैये से प्रशासन के दोहरे मापदंड और आरएसएस-भाजपा के प्रोपेगेंडा उजागर होता है.

JNU प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर छात्रों को दी थी चेतावनी: जेएनयू प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया था कि ''छात्रों के एक समूह ने 16 दिसंबर की रात 9 बजे गंगा ढाबा पर निर्धारित एक प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए एक पर्चा जारी किया. इस कार्यक्रम के लिए इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आइएचए) से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई. ऐसे में संबंधित छात्रों को सख्ती से सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सभी गतिविधियों से बचें, अन्यथा विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग पर जारी किए गए नोटिस की कड़ी निंदा की है. JNUSU का कहना है कि प्रशासन का यह कदम छात्रों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. यह प्रशासन की उन ताकतों के साथ सांठ-गांठ को दर्शाता है जो विरोधी आवाजों को दबाने का प्रयास करती है.

जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने हमेशा सरकार की आलोचना करने वाली डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की है, जबकि संघ-भाजपा के एजेंडे को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को बिना किसी सवाल के स्क्रीनिंग की अनुमति दी है. इस चयनात्मक रवैये से प्रशासन के दोहरे मापदंड और आरएसएस-भाजपा के प्रोपेगेंडा उजागर होता है.

JNU प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर छात्रों को दी थी चेतावनी: जेएनयू प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया था कि ''छात्रों के एक समूह ने 16 दिसंबर की रात 9 बजे गंगा ढाबा पर निर्धारित एक प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए एक पर्चा जारी किया. इस कार्यक्रम के लिए इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आइएचए) से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई. ऐसे में संबंधित छात्रों को सख्ती से सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सभी गतिविधियों से बचें, अन्यथा विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

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