रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों को लेकर भारतीय जनता पार्टी दो दिवसीय समीक्षा बैठक में लगी है. दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के 24 में से 11 जिलों में इस बार NDA (BJP+AJSU+LJP(RV)+JDU) का खाता नहीं खुलने का हवाला दिया. साथ ही 2029 विधानसभा चुनाव में राज्य की राजनीति से भाजपा को आउट कर देने की बात कही है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक की प्रचंड जीत से उत्साहित झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सचिव और केंद्रीय प्रवक्ता ने आक्रामक स्वर में भाजपा पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि इस बार 11 जिलों में इनका खाता नहीं खुला, पांच साल इंतजार करें, राज्य की राजनीति से इनका नामोनिशान मिटा दिया जाएगा. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नफरत के सौदागरों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है, इन्हें राज्य में इतिहास बना दिया जाएगा.
झामुमो नेता इतने पर नहीं रुके. उन्होंने कहा कि यह उनका अहंकार नहीं बोल रहा है बल्कि झारखंडियों की ताकत के बल पर वह ऐसा बोल रहे हैं. क्योंकि दुश्मनों को जवाब देना झारखंडी को आता है.
झामुमो नेता का बयान अहंकार भरा- झारखंड भाजपा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय के बयान को प्रदेश भाजपा ने उनका बड़बोलापन करार दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी चुनाव में जीत या हार होना स्वभाविक और सामान्य बात है. लेकिन जिस तरह के बयान झामुमो नेता दे रहे हैं, यह उनके अहंकार को दर्शाता है. राज्य की भोली-भाली जनता के भोलेपन का लाभ उठाकर भले ही इंडिया ब्लॉक ने जीत हासिल की हो लेकिन उन्हें अहंकार से बचना चाहिए. देश का इतिहास रहा है कि जनता ने समय समय पर बड़े-बड़े नेताओं को उनका कद दिखा दिया है.
हम दोबारा मजबूत होकर वापसी करेंगे- अविनेश कुमार सिंह
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हम चुनावी नतीजों की समीक्षा और चिंतन मनन कर रहे हैं, संभव है कि हममें कोई कमी रह गयी हों. इन कमियों को दूर कर केकार्यकर्ताओं के सहयोग से दोबारा संगठन को मजबूत कर वापसी करेंगे.
11 जिलों में नहीं खुला NDA का खाता
झारखंड विधानसभा चुनाव में जहां इंडिया ब्लॉक (JMM+CONGRESS+RJD+CPI-ML) ने 81 सदस्य वाली विधानसभा में 56 सीटें जीत लीं. वहीं एनडीए सिर्फ 24 सीटें जीतने में कामयाब रहा. राज्य के 24 जिलों में से पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी, गुमला और लोहरदगा ऐसे 11 जिले रहे जहां भाजपा या उसके सहयोगी दलों का खाता भी नहीं खुला.
इसे भी पढे़ं- हार का कारण ढूंढने में जुटी झारखंड बीजेपी, असफल प्रत्याशियों ने समीक्षा बैठक में बताई आपबीती!
इसे भी पढ़ें- हेमंत सोरेन ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ, भाजपा ने जनता से किये वादा निभाने की दी सलाह
इसे भी पढ़ें- हिमंता का नहीं चला जादू, संथाल में झामुमो का किला नहीं भेद पाई बीजेपी, कोल्हान-दक्षिणी छोटानागपुर में भी फेल