रांची: लोकसभा चुनाव में झारखंड की सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इंडिया गठबंधन के तहत झारखंड के साथ-साथ बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में भी लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहता है. दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ सीट शेयरिंग पर हुई बैठक में भाग लेकर रांची लौटे झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि झारखंड के अलावा पार्टी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और असम में भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है.
18 फरवरी को दिल्ली में हुई थी बैठक
18 फरवरी को दिल्ली में हुई बैठक में झारखंड और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो जाने की बात कहते हुए झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि बिहार में अचानक बदली राजनीतिक हालात की वजह से वहां सीट शेयरिंग के लिए फिर से बात होगी. वहीं ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इसलिए ओडिशा में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करने में थोड़ा वक्त लग रहा है. झामुमो ने साफ किया कि ओडिशा में इंडिया के बैनर तले पार्टी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करेगी.
तीसरी बैठक के बाद सार्वजनिक किया जाएगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
झामुमो नेता ने कहा कि बिहार और ओडिशा में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो जाने के बाद जल्द ही एक और बैठक होगी और उसके बाद समझौते के तहत मिली सीट और संभावित उम्मीदवार के नाम के साथ इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी.
7-5-2 के फॉर्मूला पर झारखंड में समझौता होने के संकेत
झारखंड में 14 लोकसभा सीट के लिए झामुमो और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो जाने के बाद भले ही इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की जा रही हो, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस बार 7-5-1-1 के फार्मूले पर सहमति बनी है. इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस को 07 लोकसभा सीट, झामुमो को 05 लोकसभा सीट और राजद-लेफ्ट को 01-01 लोकसभा सीट मिलेगी. भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए किसी अन्य सहयोगी पार्टी को 01 सीट देना पड़ेगा तो वह कांग्रेस की खाते वाली सीट होगी.
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