रांची: विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी इन दिनों विधानसभा स्तर पर रायशुमारी के जरिए प्रत्याशियों को जांचने और परखने में जुटा है. इस कार्यक्रम के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना जानने की कोशिश कर रही है. जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन से पहले इसका ध्यान रखा जाए. मगर जिस तरह से धनबाद, पलामू और गिरिडीह में कार्यकर्ताओं का गुस्सा और उसके बाद आपसी झड़प देखी गई उसके बाद से इस पर सवाल उठने लगे हैं. प्रदेश बीजेपी ने इसे गंभीरता से लिया है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही रायशुमारी के दौरान उपद्रव फैलाने वाले कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई होगी.
बीजेपी के रायशुमारी पर सियासत तेज
बीजेपी के रायशुमारी पर सियासत तेज है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा इसे सफल मानते हुए कहते हैं कि कुछ विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर सभी जगह बेहतरीन ढंग से कार्यक्रम हुआ, जो पार्टी का उद्देश्य है उस उद्देश्य के मुताबिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जो अन्य दल के लिए माइलस्टोन है. उन्होंने किसी तरह का विवाद से इनकार करते हुए कहा कि इतनी बड़ी पार्टी है कार्यकर्ताओं की कई अपेक्षाएं रहती हैं. उन सब के बीच चयन करना वाकई में चुनौतीपूर्ण कार्य है. ऐसे में कार्यकर्ताओं ने रायशुमारी को सफल बनाया है.
इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी के राय शुमारी की आलोचना करते हुए कहा है कि ये बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी के समय वाली पार्टी नहीं है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे इसे आईवॉश बताते हुए कहा कि अब वही होता है जो गुजरात के चंद लोग चाहते हैं. रायशुमारी के दौरान जिस तरह से घटनाएं घटी हैं, वह बेहद ही शर्मनाक है. गाली गलौज, लाठी डंडा और गाड़ियों में हथियार लेकर लोग रायशुमारी में पहुंचे थे. झामुमो ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जिसका जितना झोला भारी उसका उतनी दावेदारी. टिकट झोला तय करता है जिसका जितना भारी होगा उसकी उतना दावेदारी होगी और मिलेगा. समर्पित कार्यकर्ता मुंह ताकते रह जाते हैं.
ये भी पढ़ें: