रांची: राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सह गढ़वा विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार मिथिलेश कुमार ठाकुर के हनी ट्रैप मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ किया है कि उनके कोटे के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए जाल जरूर बिछाया गया था लेकिन वे उसमें फंसे नहीं. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जिस समय में हनी ट्रैप का मामला सामने आया है, उससे कहीं न कहीं यह शक होता है कि कहीं यह कोई राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा तो नहीं.
अनुसंधान में सब कुछ हो जाएगा साफ
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि गढ़वा जहां प्रधानमंत्री की पहली चुनावी सभा होने वाली है. वहां अपनी संभावित और निश्चित हार को देख इस तरह की साजिश रची गयी हो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि हनी ट्रैप के पीछे किसी तरह की पॉलिटिकल चाल हो.
कई नेता हुए हैं हनी ट्रैप के शिकार
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि सिर्फ सत्ताधारी दल के नेता ही हनी ट्रैप के शिकार नहीं हुए हैं, बल्कि सीपी सिंह, बिरंची नारायण जैसे भाजपा के नेताओं पर भी हनी ट्रैप का आरोप लगा था. उन्होंने कहा कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मनोज पांडेय ने कहा कि उनके मंत्री ने प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है अब अनुसंधान में सब कुछ साफ हो जाएगा.
साजिश बताए जाने पर बीजेपी नेता नाराज
गढ़वा से जेएमएम प्रत्याशी और हेमंत सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के हनी ट्रैप मामले पर सियासत गर्म है. मिथिलेश ठाकुर द्वारा इसके पीछे विरोधियों की साजिश बताए जाने पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इस संबंध में बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि जिस तरह से मिथिलेश ठाकुर ने जांच की बजाय विरोधियों की साजिश बताया है वह कहीं से भी उचित नहीं है.
बीजेपी ने की मामले की जांच की मांग
उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर बयान देने के बजाय उन्हें इसकी शिकायत थाना में करनी चाहिए और इसकी जांच करानी चाहिए. प्रदीप सिन्हा ने याद दिलाते हुए कहा कि इसी तरह की घटना सीपी सिंह के साथ हुई थी और उन्होंने इसकी बकायदा शिकायत करते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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