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भाजपा को धूल चटाने के लिए सीटों की अदला-बदली को भी तैयार हैं झामुमो-कांग्रेस! पढ़िए किन-किन सीट पर चल रही है बात - Jharkhand Assembly Election 2024

Seat Sharing in Jharkhand. झारखंड में विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कोई भी बड़ा फैसला लेने के लिए जेएमएम और कांग्रेस तैयार है. बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन के तहत दोनों पार्टियां तकरीबन दर्जन भर सीट की अदला-बदली कर सकती है. इसे लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है.

Seat Sharing in Jharkhand
जेएमएम और कांग्रेस के नेता (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 6:06 PM IST

रांची: झारखंड के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव 2024 बेहद खास होने वाला है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी जहां 2019 में अपनी खोई सत्ता को पाने के लिए अभी से एड़ी चोटी एक किये हुए है तो दूसरी ओर I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस भी अपनी जीत दोहराने की विशेष रणनीति बनाने में लगे हैं.

कांग्रेस और जेएमएम के नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)
इन विधानसभा सीटों की अदला बदली संभव

INDIA ब्लॉक के सूत्र बताते हैं कि इस बार जब INDIA ब्लॉक के नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो पहला पैमाना विनिबिलिटी का होगा. जगरनाथपुर, तोरपा, कांके, रामगढ, मांडू, भवनाथपुर, राजधनवार, जमुआ, निरसा, सिंदरी, बरकट्ठा और पोड़ैयाहाट ऐसी सीटें हैं जहां 2019 की तुलना में अदला-बदली देखने को मिल सकता है.

33 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है कांग्रेस, झामुमो को भी चाहिए अधिक सीट

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 विधानसभा सीट पर लड़ी थी. इस बार वह 33 सीटें चाहती है क्योंकि भाजपा के मांडू विधायक जेपी पटेल और पोड़ैयाहाट से जेवीएम विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा की इच्छा भी इस बार 2019 की अपेक्षा अधिक सीट पर लड़ने की है.

झामुमो का तर्क है कि भवनाथपुर के दो बड़े राजनीतिक चेहरे अनंत प्रताप देव और मो. ताहीद झामुमो में आ गए हैं, इसी तरह पूर्व विधायक जानकी यादव के जेएमएम में आ जाने से बरकट्ठा सीट पर राजद से अधिक दावेदारी JMM की हो जाती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि सभी इंडिया दलों का लक्ष्य जीत हासिल कर दोबारा सत्ता पाने का है. ऐसे में जमीनी हकीकत और विनिबिलिटी ही सीट शेयरिंग का मुख्य आधार होगा.


करीब दर्जन भर सीटों की अदला-बदली संभव

राज्य में इंडिया गठबंधन के दोनों प्रमुख दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेता मानते हैं कि 2019 और 2024 की राज्य की राजनीति परिस्थिति में कई बदलाव हुए हैं. ऐसे में विनिबिलिटी और जमीनी हकीकत का आकलन कर कुछेक सीटों की अदला बदली भी संभव है.

2019 में यह था सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

2019 के झारखंड विधानसभा विधानसभा चुनाव में तीन दल महागठबंधन के तहत लड़े थे. इसमें जेएमएम को 43, कांग्रेस को 31 और राजद 07 सीट मिली थी.

बदली परिस्थिति में अब कांग्रेस और झामुमो के नेता इस बात पर एकमत हैं कि भाजपा और NDA को राज्य की सत्ता से दूर रखने के लिए अगर कुछेक सीटों की अदला बदली करना पड़े तो उससे परहेज नहीं है.

ये भी पढ़ें-

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झारखंड की राजनीति में चेहरे का खेल, इंडिया गठबंधन के पास हैं हेमंत, एनडीए नहीं खोल रहा पत्ता, आखिर क्या है वजह - Jharkhand Assembly Elections 2024

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कांग्रेस और जेएमएम के नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)
इन विधानसभा सीटों की अदला बदली संभव

INDIA ब्लॉक के सूत्र बताते हैं कि इस बार जब INDIA ब्लॉक के नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो पहला पैमाना विनिबिलिटी का होगा. जगरनाथपुर, तोरपा, कांके, रामगढ, मांडू, भवनाथपुर, राजधनवार, जमुआ, निरसा, सिंदरी, बरकट्ठा और पोड़ैयाहाट ऐसी सीटें हैं जहां 2019 की तुलना में अदला-बदली देखने को मिल सकता है.

33 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है कांग्रेस, झामुमो को भी चाहिए अधिक सीट

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 विधानसभा सीट पर लड़ी थी. इस बार वह 33 सीटें चाहती है क्योंकि भाजपा के मांडू विधायक जेपी पटेल और पोड़ैयाहाट से जेवीएम विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा की इच्छा भी इस बार 2019 की अपेक्षा अधिक सीट पर लड़ने की है.

झामुमो का तर्क है कि भवनाथपुर के दो बड़े राजनीतिक चेहरे अनंत प्रताप देव और मो. ताहीद झामुमो में आ गए हैं, इसी तरह पूर्व विधायक जानकी यादव के जेएमएम में आ जाने से बरकट्ठा सीट पर राजद से अधिक दावेदारी JMM की हो जाती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि सभी इंडिया दलों का लक्ष्य जीत हासिल कर दोबारा सत्ता पाने का है. ऐसे में जमीनी हकीकत और विनिबिलिटी ही सीट शेयरिंग का मुख्य आधार होगा.


करीब दर्जन भर सीटों की अदला-बदली संभव

राज्य में इंडिया गठबंधन के दोनों प्रमुख दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेता मानते हैं कि 2019 और 2024 की राज्य की राजनीति परिस्थिति में कई बदलाव हुए हैं. ऐसे में विनिबिलिटी और जमीनी हकीकत का आकलन कर कुछेक सीटों की अदला बदली भी संभव है.

2019 में यह था सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

2019 के झारखंड विधानसभा विधानसभा चुनाव में तीन दल महागठबंधन के तहत लड़े थे. इसमें जेएमएम को 43, कांग्रेस को 31 और राजद 07 सीट मिली थी.

बदली परिस्थिति में अब कांग्रेस और झामुमो के नेता इस बात पर एकमत हैं कि भाजपा और NDA को राज्य की सत्ता से दूर रखने के लिए अगर कुछेक सीटों की अदला बदली करना पड़े तो उससे परहेज नहीं है.

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