रांची: पड़ोसी राज्य बिहार में राजनीति उबाल के बाद अब झारखंड इंडी एलायंस दलों के नेताओं के सुर बदलने लगे हैं. जो नेता नीतीश कुमार कभी इंडी एलायंस का संयोजक और प्रधानमंत्री बनने तक का सपना अपने दिल में संजोए हुए थे, उनपर आज उनके ही सहयोगी दलों के नेता तंज कसने लगे हैं. राज्य की सबसे बड़े राजनीतिक दल झामुमो ने तो नीतीश कुमार को यूटर्न लेने के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने तक की बात कहनी शुरू कर दी है. वहीं झारखंड कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार को प्रभावहीन नेता करार दिया है. भारतीय जनता पार्टी की झारखंड इकाई ने बिहार की राजनीति पर अभी चुप्पी साध रखी है.
अपनी डूबती नैया और वजूद बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं नीतीश- मनोज पांडेयः बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की जदयू को इंडी एलायंस की जगह एनडीए में जाने के कयासों के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि इंडी गठबंधन में बहुत सारे दल हैं, किस दल की कितनी औकात है यह सभी जानते हैं. झामुमो नेता ने कहा कि अपनी डूबती नैया और पार्टी का वजूद बचाने की अंतिम लड़ाई नीतीश कुमार लड़ रहे हैं. झामुमो नेता ने कहा कि नीतीश कुमार का पलटने के मामले में गिनीज बुक में नाम दर्ज होगा. उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. झामुमो नेता ने कहा कि बिहार की राजनीति का झारखंड में कोई असर नहीं पड़ेगा.
झारखंड में गठबंधन मजबूत,नीतीश की विश्वसनीयता पर सवाल- झारखंड कांग्रेसः झामुमो की तरह झारखंड कांग्रेस ने भी बिहार में वर्तमान राजनीतिक हालात को लेकर नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला बोला है. बिहार की राजनीति का झारखंड की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने का दावा करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन बहुत मजबूत है और झामुमो-कांग्रेस मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी विश्वनीयता खो चुके हैं और बिहार की जनता आनेवाले दिनों में उनको औकात बता देगी.
सिर्फ हवा में हो रही है नीतीश कुमार के पलटी मारने की बात-भाजपाः झारखंड भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि नीतीश कुमार अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. अभी तक ना जदयू और ना ही भाजपा की ओर से यह संकेत दिया गया है कि नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होनेवाले हैं. ऐसे में सिर्फ संभावनाओं पर बात नहीं की जानी चाहिए.
नीतीश के एनडीए में जाने का मनोवैज्ञानिक लाभ भाजपा को मिलेगाः झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि यह सही बात है कि झारखंड की राजनीति पर नीतीश कुमार के गठबंधन बदलने का कोई खास लाभ भाजपा को नहीं होगा और ना ही कोई खासा नुकसान महागठबंधन को होगा, लेकिन यह तय है कि अगर नीतीश कुमार जैसा व्यक्तित्व इंडी एलायंस छोड़ एनडीए में आते हैं तो उसका मनोवैज्ञानिक लाभ जरूर भाजपा को मिलेगा.
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