रांची: झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने और चुनावी माहौल बनाने में भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे नजर आ रही है. वहीं, सत्तारूढ़ महागठबंधन की पार्टियां इस मामले में भाजपा से काफी पीछे दिख रही हैं. ऐसे में सत्तारूढ़ महागठबंधन की पार्टियां चुनावी नैया पार लगाने के लिए योजनाओं के लाभार्थियों के भरोसे हैं.
यही वजह है कि जब से महागठबंधन सरकार को लगने लगा है कि राज्य में जल्द चुनाव संभव हैं, तब से उसने ताबड़तोड़ ऐसी योजनाएं शुरू करनी शुरू कर दी हैं, ताकि लाभार्थियों का दायरा काफी बड़ा हो जाए और इसका चुनावी लाभ महागठबंधन को जीत के रूप में मिले.
सरकार ने शुरू की कई कल्याणकारी योजनाएं
चाहे वो हेमंत सोरेन सरकार हो या पांच महीने पुरानी चंपाई सोरेन सरकार. दोनों ही सरकारों ने कई नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं और मौजूदा योजनाओं में बदलाव की भी घोषणा की. ताकि उन योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या बढ़े.
सबसे पहले महागठबंधन सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र लाभार्थियों की उम्र 50 साल कर दी, जिससे लाभार्थियों की संख्या लाखों में पहुंच गई. इसके बाद राज्य में 21 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने का कैबिनेट प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे लाभार्थियों की संख्या में 35-40 लाख की वृद्धि हुई.
इतना ही नहीं, चंपाई सरकार ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा करके एक बड़े वर्ग को आकर्षित करने की कोशिश की है, जिसके करीब 65 लाख लाभार्थी हैं. इसी तरह हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना को बढ़ाकर 200 यूनिट कर दिया गया है, जिससे करीब 45 लाख लाभार्थी इस योजना के पात्र हो गए हैं.
इन योजनाओं से भी सरकार को उम्मीद
इसी तरह पुलिसकर्मियों के लिए विशेष मुआवजा योजना के तहत शहीद पुलिसकर्मियों के आश्रितों को 30 लाख की जगह 60 लाख रुपये देने का प्रावधान हो, सेवा के दौरान सांप काटने या मलेरिया जैसी बीमारियों से पुलिसकर्मियों की मौत होने पर 15 लाख की जगह 35 लाख रुपये की सहायता देने का प्रावधान हो, जेल में सजा काट रहे कैदियों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी आदि को लेकर भी सरकार को लाभार्थियों से काफी उम्मीद है. इसके अलावा सरकार में शामिल दलों के नेताओं को उम्मीद है कि किसानों की दो लाख तक की कर्ज माफी, पुरानी पेंशन योजना, जन पेंशन योजना से आगामी चुनाव में महागठबंधन को सत्ता में वापसी में मदद मिलेगी.
लाभार्थी शब्द भाजपा का- झामुमो
क्या लाभार्थियों के भरोसे महागठबंधन ने सत्ता में वापसी की रणनीति बनाई है? इस सवाल के जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू कहते हैं कि लाभार्थी शब्द ही भाजपा का है. हम राज्य में अपने नागरिकों को अधिक से अधिक और बेहतर कल्याणकारी सुविधाएं देना चाहते हैं. इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड की जनता ने हमें पहले भी आशीर्वाद दिया है और आगे भी देती रहेगी.
नकल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत -भाजपा
इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने अधिक से अधिक लाभुकों को योजनाओं से जोड़कर चुनावी वैतरणी पार करने की महागठबंधन सरकार की कोशिश को जनता के साथ धोखा करार दिया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता अब दोबारा महागठबंधन के झांसे में आने वाली नहीं है. राज्य की जनता जानती है कि 2019 में जिन वादों के साथ वे सत्ता में आए थे, वे पूरे नहीं हुए. भाजपा नेता ने कहा कि नकल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है.
यह भी पढ़ें: