रांची: भाजपा ने झारखंड से खाली हो रही दो राज्यसभा सीटों में से एक के लिए पार्टी के प्रदेश महासचिव डॉ. प्रदीप वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. जैसे ही प्रदीप वर्मा के नाम की घोषणा की गई, कांग्रेस और झामुमो ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया और भाजपा को आदिवासी विरोधी बताया.
आदिवासी विरोधी भाजपा- राकेश सिन्हा
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से एक आदिवासी राज्यसभा सांसद का कार्यकाल पूरा होने से खाली हो रही सीट पर बीजेपी ने एक बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है, उससे यह साफ हो गया है कि भाजपा आदिवासियों और मूलवासियों की विरोधी है. उनके दिल में आदिवासियों के लिए कितना प्यार है, इसका सच आज फिर उजागर हो गया.
वहीं झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिस पहचान के साथ भाजपा आगे बढ़ रही है, प्रदीप वर्मा की उम्मीदवारी उसी सोच को दर्शाती है. राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के कारण हो रहे चुनाव में प्रदेश के आदिवासी-मूलनिवासी धरतीपुत्र को उम्मीदवार न बनाकर उत्तर प्रदेश से आये प्रदीप वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है.
महागठबंधन का उम्मीदवार होगा झारखंडी- सुप्रियो
झामुमो नेता ने कहा कि प्रदीप वर्मा एक शिक्षण संस्थान ट्रस्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश से झारखंड में आये और फिर उनका चौतरफा विकास हुआ. जमीन का समायोजन भी ट्रस्ट के नाम कर दिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी में आदिवासी होना अभिशाप है. राज्य की जनता सब देख रही है. एक सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार झारखंडी होगा.
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