इंदौर। कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा अपना नामांकन पत्र वापस लेने और भाजपा ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस खेमे में खासी मायूसी है. सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन कांग्रेस से चुनावी मैदान में किसी भी दावेदार के नहीं होने से निराश कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में नए सिरे से रणनीति बनाने का ऐलान किया है. इंदौर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
कांग्रेस प्रत्याशी का किया हरण
आज इस घटनाक्रम के बाद पार्टी कार्यालय में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 'इंदौर में लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा रही है, लेकिन आज कथित तौर पर जो दबाव, ब्लैकमेलिंग, सौदेबाजी और अन्य आधुनिक कर्म से जिस तरह कांग्रेस के प्रत्याशी से नामांकन वापस कराया गया. वह इंदौर के इतिहास में लोकतंत्र के चीर हरण से कम नहीं है. उन्होंने कहा अब तक सभी लोगों ने बूथ कैपचरिंग सुनी थी, लेकिन भाजपा ने तो कांग्रेस के प्रत्याशी का ही हरण कर लिया. जीतू पटवारी ने कहा कि यह न केवल लोकतंत्र का बल्कि इंदौर के मतदाताओं का अपमान है.
कैलाश विजयवर्गीय पर बरसे जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'सिर्फ कांग्रेस के प्रत्याशी ही नहीं निर्दलीय प्रत्याशियों के भी फॉर्म निकल लिए गए. उन्होंने कहा आने वाला समय बहुत कठिन है. जिस तरह नगर निगम में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का घपला हुआ. इस तरह आने वाले दौर में यदि इसी तरह लोकतंत्र का हरण होता रहा तो न केवल लोकतंत्र बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे.' उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप लगाते हुए कहा की 'सम्मानीय कैलाश जी इस ऑपरेशन का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस उम्र में उनके इस कारनामे से प्रतीत होता है कि ऐसा करके उन्होंने लोकतंत्र और वोटरों को गाली दी है.
खतरे में लोकतंत्र और कई व्यवस्थाएं
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा हम पूरे मामले की समीक्षा कर नए सिरे से रणनीति बना रहे हैं. जिसे मंगलवार को सार्वजनिक किया जाएगा. जीतू पटवारी ने कहा अक्षय कांति बम का नाम वापस लेना कोई विषय नहीं है, लेकिन इसके लिए भाजपा द्वारा जो तरीका अपनाया गया. वह आपत्तिजनक है. इंदौर की कभी भी ऐसी पृष्ठभूमि और परंपरा नहीं रही है. उन्होंने कहा यहां की लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने न्याय के लिए अपने ही पुत्र को हाथी के पैरों तले कुचलवा दिया था, लेकिन भाजपा द्वारा जिस तरह की मनमानी अब शुरू की गई है. इससे न केवल लोकतंत्र बल्कि आरक्षण समेत अन्य पूरी व्यवस्थाएं खतरे में हैं.