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मगही में कहते हैं, 'खेला होकतो' और भोजपुरी में 'खेला होखी', क्या बिहार में होगा 'खेला'? मांझी ने कर दिया इशारा - बिहार में खेला होगा

Jitan Ram Manjhi: क्या आने वाले समय में बिहार में खेला होगा? हालांकि पिछले कई दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चा हो रही है लेकिन अब पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने जिस तरह का पोस्ट किया है, उससे आशंका एक बार फिर से प्रबल होने लगी है कि सूबे में सियासत कभी भी करवट ले सकती है.

जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 23, 2024, 11:41 AM IST

Updated : Jan 23, 2024, 12:08 PM IST

  • बंगला में कहतें हैं,
    “खेला होबे”
    मगही में कहतें हैं,
    “खेला होकतो”
    भोजपुरी में कहतें हैं,
    “खेला होखी”
    बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 23, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने एक एक ऐसा पोस्ट शेयर किया है, जिससे सूबे में सियासी खेल होने के कयास फिर से तेज होने लगे हैं. दरअसल, उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बगैर बताने की कोशिश की है कि किसी भी भाषा में कह लीजिए लेकिन मतलब एक ही होता है कि खेल होकर रहेगा. साथ ही अंतिम में लोगों की समझदारी पर अपनी बात को छोड़ दिया.

क्या लिखा है जीतनराम मांझी ने?: हम संरक्षक जीतनराम मांझी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'बंगला में कहते हैं, "खेला होबे" मगही में कहते हैं, "खेला होकतो" भोजपुरी में कहते हैं, "खेला होखी" बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं.'

जीतनराम मांझी
नीतीश कुमार के साथ मांझी

बिहार में सियासी बदलाव की संभावना: बिहार में सियासी मकर संक्रांति संपन्न हो चुकी है. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. अब सबकी नजर बिहार पर है. जहां सियासी उठापटक की संभावना जताई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी है. पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार नीतीश कुमार की वापसी पर सकारात्मक संकेत दिया था. हालांकि जेडीयू के बड़े नेता ऐसी किसी भी संभावना से इंकार करते रहते हैं.

मांझी के अलावे कुशवाहा का भी 'नीतीश प्रेम': पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार को लेकर पिछले कुछ दिनों से सॉफ्ट नजर आए हैं. एनडीए में सीएम की वापसी पर स्वागत करने को भी तैयार हैं. ऐसे में मांझी का पोस्ट काफी अहम हो जाता है.

इंडिया गठबंधन में नीतीश की नाराजगी की खबर: वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नीतीश कुमार नाराज हैं. हालांकि पिछली बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव भा रखा गया था लेकिन अंतिम वक्त में मामला गड़बड़ा गया और सीएम ने खुद ही इंनकार कर दिया. इधर, ये भी चर्चा है कि आरजेडी और उनके कोटे के मेत्रियों के तौर तरीकों से भी मुख्यमंत्री नाराज हैं. केके पाठक से तनातनी के कारण ही पिछले दिनों चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया गया था.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से दूर होकर नीतीश ने जीता 'INDIA का भरोसा', अब राहुल की 'न्याय यात्रा' में करेंगे मंच साझा

  • बंगला में कहतें हैं,
    “खेला होबे”
    मगही में कहतें हैं,
    “खेला होकतो”
    भोजपुरी में कहतें हैं,
    “खेला होखी”
    बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 23, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने एक एक ऐसा पोस्ट शेयर किया है, जिससे सूबे में सियासी खेल होने के कयास फिर से तेज होने लगे हैं. दरअसल, उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बगैर बताने की कोशिश की है कि किसी भी भाषा में कह लीजिए लेकिन मतलब एक ही होता है कि खेल होकर रहेगा. साथ ही अंतिम में लोगों की समझदारी पर अपनी बात को छोड़ दिया.

क्या लिखा है जीतनराम मांझी ने?: हम संरक्षक जीतनराम मांझी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'बंगला में कहते हैं, "खेला होबे" मगही में कहते हैं, "खेला होकतो" भोजपुरी में कहते हैं, "खेला होखी" बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं.'

जीतनराम मांझी
नीतीश कुमार के साथ मांझी

बिहार में सियासी बदलाव की संभावना: बिहार में सियासी मकर संक्रांति संपन्न हो चुकी है. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. अब सबकी नजर बिहार पर है. जहां सियासी उठापटक की संभावना जताई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी है. पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार नीतीश कुमार की वापसी पर सकारात्मक संकेत दिया था. हालांकि जेडीयू के बड़े नेता ऐसी किसी भी संभावना से इंकार करते रहते हैं.

मांझी के अलावे कुशवाहा का भी 'नीतीश प्रेम': पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार को लेकर पिछले कुछ दिनों से सॉफ्ट नजर आए हैं. एनडीए में सीएम की वापसी पर स्वागत करने को भी तैयार हैं. ऐसे में मांझी का पोस्ट काफी अहम हो जाता है.

इंडिया गठबंधन में नीतीश की नाराजगी की खबर: वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नीतीश कुमार नाराज हैं. हालांकि पिछली बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव भा रखा गया था लेकिन अंतिम वक्त में मामला गड़बड़ा गया और सीएम ने खुद ही इंनकार कर दिया. इधर, ये भी चर्चा है कि आरजेडी और उनके कोटे के मेत्रियों के तौर तरीकों से भी मुख्यमंत्री नाराज हैं. केके पाठक से तनातनी के कारण ही पिछले दिनों चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया गया था.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से दूर होकर नीतीश ने जीता 'INDIA का भरोसा', अब राहुल की 'न्याय यात्रा' में करेंगे मंच साझा

Last Updated : Jan 23, 2024, 12:08 PM IST
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