गया: बिहार के गया जिले की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इनमें इमामगंज और बेलागंज है. दोनों सीटें चर्चा में है, यहां से एनडीए और इंडिया गठबंधन के अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी अपना उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है.
प्रशांत किशोर पर मांझी का हमला: लगभग यह तय है कि इमामगंज विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की ' हम पार्टी ' ही उपचुनाव लड़ेगी. मांझी की पार्टी यहां चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी है. वहीं जन सुराज पार्टी के घोषणा के बाद इमामगंज विधानसभा का उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. हालांकि जीतन राम मांझी ने जन सुराज पर कटाक्ष भी किया है.
'अखाड़े में पता चलेगी पहलवानी'- मांझी: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने गया में अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहलवान की शक्ति अखाड़े में ही पता चलती है कि कौन पहलवान कैसा है. जन सुराज पार्टी बनी है तो जनता के बीच जाने से कौन रोक सकता है. जनता ही फैसला करेगी.
"चुनाव में हर कोई अपना उम्मीदवार देता है. बहुत से निर्दलीय उम्मीदवार भी होते हैं. अब तो जनता के ऊपर में है, यह जम्हूरियत है, उन्हें कौन रोक सकता है, लेकिन मैं समझता हूं कि जो भी यहां बिहार में चुनाव होने वाले हैं उसमें एनडीए के प्रत्याशी की जीत होगी."- जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री
'एनडीए की होगी जीत': केंद्रीय मंत्री जीतन मांझी ने कहा के बिहार में जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां एनडीए का प्रत्याशी भारी बहुमत से जीतेगा. मांझी ने दावा किया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने विकास के बड़े काम किए हैं और वहां की विधि व्यवस्था में भी सुधार हुआ है. इमामगंज की जनता उन पर भरोसा करती है, इसलिए उन्हें पूरी आशा है कि इमामगंज विधानसभा सीट पर हम पार्टी के उम्मीदवार की ही जीत होगी.
बेलागंज में जेडीयू की जीत का मांझी ने किया दावा: मांझी ने कहा कि जो जहां से जीता होता है, उपचुनाव में उस पार्टी के उम्मीदवार की जीत होती है. हालांकि मांझी ने बेलागंज विधानसभा सीट के संबंध में कहा के यहां इसके विपरीत होगा. यहां राजद की हार होगी और यहां से जदयू के उम्मीदवार की जीत होगी. बेलागंज विधानसभा पिछले 35 वर्षों से राजद का गढ़ माना जाता है. यहां से जहानाबाद के वर्तमान एमपी डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद यादव लगभग 35 वर्षों तक विधायक रहे हैं.
2015 से मांझी इमामगांज का कर रहे हैं नेतृत्व: इमामगंज विधानसभा सीट पर विगत दो विधानसभा चुनाव से जीतन राम मांझी का कब्जा रहा है. गया लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद जीतन राम मांझी इमामगंज विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन मांझी का दिल दिमाग इमामगंज विधानसभा पर ही टिका हुआ है. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी जीतन राम मांझी का हर हफ्ते दिल्ली से गया आना जाना लगा रहता है.
मांझी का पूरा फोकस: गया आने पर मांझी एक बार इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का दौरा जरूर करते हैं. निर्वाचन आयोग ने भले ही अबतक उपचुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन इमामगंज विधानसभा में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और उनके पुत्र मंत्री संतोष सुमन तैयारी में लगे हैं. यहां से मांझी की पार्टी 'हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर ' का उम्मीदवार भी लगभग तय है.
परिवार का कोई सदस्य हो सकता है उम्मीदवार: पार्टी के लोगों में यह स्पष्ट है के इमामगंज विधानसभा से मांझी के परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा. इसमें पहले नंबर पर संतोष मांझी की पत्नी का नाम है. मांझी ने इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सभी बड़े नेताओं को उतार दिया है और वह अपने स्तर से प्रचार प्रसार में लगे हैं.
प्रशांत किशोर भी इमामगंज का कर चुके हैं दौरा: जन सुराज पार्टी की घोषणा से पहले प्रशांत किशोर का गया जिले का पहला दौरा इमामगंज विधानसभा में ही हुआ था. विगत एक माह पहले प्रशांत किशोर गया दौरे पर थे. यहां सबसे पहले इमामगंज विधानसभा के हेड क्वार्टर इमामगंज में ही प्रशांत किशोर की सभा हुई थी, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों की उपस्थिति थी.
बड़े उलट फेर की आशंका: प्रशांत किशोर ने इमामगंज की सभा से ही ऐलान किया था कि इमामगंज में उनकी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा. हालांकि उन्होंने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की थी, लेकिन इमामगंज पर उनकी पहली नजर है और यहां जन सुराज के कार्यकर्ता भी उपचुनाव की तैयारी में लगे हैं. इमामगंज विधानसभा में यह भी माना जा रहा है कि बड़ा उलट फेर भी हो सकता है.
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