फरीदाबाद: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोपों की मुख्यमंत्री के आदेश पर महिला आईपीएस अधिकारी जांच कर रही हैं, वहीं हरियाणा महिला आयोग ने भी मामले पर कड़ा संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने रविवार को हरियाणा के डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरे मामले पर चर्चा भी की.
ये था मामला : दरअसल, दो दिन पहले इंटरनेट पर चार पन्ने का एक शिकायत पत्र वायरल हुआ था. इसमें सात महिला पुलिस कर्मियों के हस्ताक्षर थे. पत्र मुख्यमंत्री के नाम 18 अक्टूबर को लिखा गया है. पत्र में महिला पुलिस कर्मियों ने एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. शिकायत में कहा गया था कि एसपी सुमित कुमार एक एसएचओ और एक महिला डीएसपी के अलावा तमाम लोगों के साथ मिलकर एक रैकेट चलाते हैं. ये रैकेट महिलाओं की मदद से पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाकर वसूली करते हैं. महिला पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर पूर्व में जब इसकी सूचना एक डिप्टी एसपी को दी तो उन्होंने कहा कि साहब के साथ कोऑपरेट करिए.
"कार्रवाई न हुई तो आत्महत्या कर लेंगे" : मुख्यमंत्री को लिखी गई इस चिट्ठी में कथित तौर पर सात महिला पुलिसकर्मियों ने आईपीएस अफसर की शिकायत की है. महिला कर्मियों का आरोप है कि अधिकारी ने न सिर्फ उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया, बल्कि प्रमोशन के लिए अनैतिक समझौते करने का दबाव भी डाला. आरोपों के मुताबिक, अधिकारी महिला पुलिसकर्मियों पर अनुचित दबाव डालता है और विरोध करने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब करने की धमकी देता है. महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि जब उन्होंने महिला डीएसपी और एसएचओ से इस बारे में शिकायत की, तो उन्हें मदद की जगह नसीहत मिली कि अधिकारियों के साथ सहयोग करो, तभी प्रमोशन मिलेगा. महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में साफ कर दिया है कि यदि उनके आरोपों पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगी.
19 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज : पत्र में कहा गया है कि बड़े अधिकारी ने एक अन्य महिला पुलिस कर्मचारी के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास किया. इसकी उन्होंने विधायक से भी शिकायत की थी. हरियाणा सरकार ने जांच के आदेश मिलने के बाद फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी ने शिकायत पत्र पर नाम लिखने वाली महिला पुलिस कर्मचारियों को बुलाकर पूछताछ की है. आस्था मोदी के अनुसार इस मामले में अभी तक 19 पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं. अभी तक जिन महिला पुलिस कर्मचारियों से पूछताछ की गई है, उनके आधार पर ये कहना जल्दबाजी होगी कि आईपीएस अधिकारी ने किसी के साथ कोई शोषण किया है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शनिवार को पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को आईपीएस अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. कपूर ने इस मामले की जांच महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी को सौंपी है.
"बड़े अधिकारी ने महिला पुलिसकर्मी का हाथ पकड़ा": वायरल शिकायत पत्र में लिखा गया है कि महिला पुलिस कर्मियों के थाने की ही एक महिला अधिकारी एक पुलिस कर्मी को बड़े अधिकारी के निवास पर लेकर गई. अधिकारी ने उन्हें चाय बनाने के लिए कहा, जब वो चाय लेकर वापस आईं तो महिला अधिकारी वहां नहीं थी. आरोप है कि इस दौरान उनका हाथ अधिकारी ने पकड़ लिया. जब वो हाथ छुड़वाकर निवास से बाहर निकली तो बाहर भी वो अधिकारी नहीं मिली. बाद में इस महिला अधिकारी ने कहा कि बड़े अधिकारियों के साथ सहयोग करना पड़ता है. आरोप है कि इसके बाद पीड़िता ने दूसरी महिला अधिकारी को इसके बारे में बताया तो उन्होंने भी ऐसा ही कहा.
"मेरा चरित्र हनन किया जा रहा": महिला आयोग के समक्ष पेश हुए आरोपी जींद एसपी सुमित कुमार मीडिया के सामने आये और उन्होंने कहा कि तमाम आरोपों के पीछे साजिश है. अभी तक इस मामले में कोई भी सामने नहीं आया है. केवल सोशल मीडिया पर ही शिकायत वायरल हो रही है. जिस पेज से शिकायत वायरल हुई है उस पेज को कुछ ही मिनट बाद डिलीट कर दिया गया. इस शिकायत के माध्यम से मेरा चरित्र हनन किया जा रहा है. मैं इस मामले में पूरी तरह बेकसूर हूं.
7 नवंबर को हो जाएगा दूध का दूध पानी का पानी: वहीं, इस मामले पर जब हमने महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया से बात की तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है. हरियाणा डीजीपी से जींद एसपी सुमित कुमार को छुट्टी पर भेजने या किसी दूसरी जगह लगाने की बाबत चिट्ठी लिखी गई है. अभी हमने फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी को इस मामले की जांच सौंपी है. सारे मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जायेगी. आने वाली 7 तारीख को मामले में जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. जो भी इसमें दोषी होगा, उसको बख्शा नहीं जायेगा. चाहे वो आरोपी हो या आरोप लगाने वाले.