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जींद के कानूनगो को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, कृषि भूमि की सरहदबंदी की एवज में ली थी रिश्वत - IMPRISONMENT FOR TOOK BRIBE

जींद के कानूनगो को कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है. उसने कृषि भूमि की सरहदबंदी करने की एवज में रिश्वत मांगी थी.

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कानूनगो को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा (File Photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 29, 2025, 8:56 PM IST

जींद: हरियाणा में जींद जिले की अदालत ने वर्ष 2022 के दर्ज एक मामले में एक कानूनगो को 5 साल की सजा सुनाई है. दोषी की पहचान जींद के हल्का गतौली के कानूनगो जसबीर सिंह के रूप में हुई है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अदालत ने दोषी को अलग- अलग धाराओं के तहत एक में 4 वर्ष और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 5 साल की सजा समेत 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

कृषि भूमि की सरहदबंदी के लिए ली रिश्वत: मामले में शिकायतकर्ता जींद के गांव गतौली के रहने वाले हरिओम हैं, जिन्होंने 2 जून 2022 को एसीबी करनाल को शिकायत दी थी. उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि गांव गतौली में उनकी कृषि भूमि की सरहदबंदी करने की एवज में कानूनगो जसबीर सिंह ने उनसे 5 हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग कर रहा है.

शिकायत के दिन ही लगाया ट्रैप: करनाल की एसीबी टीम ने 2 जून 2022 को शिकायत की पुष्टि होने पर शिकायतकर्ता हरिओम को कानूनगो जसबीर सिंह के पास रिश्वत के 5 हजार रुपये देकर भेजा. उस दौरान रिश्वत की रकम लेते ही एसीबी ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी जसबीर सिंह के खिलाफ करनाल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में केस दर्ज किया गया.

जुलाई 2022 में किया चालान पेश: करनाल की एसीबी टीम ने केस की जांच पूरी करने के बाद 28 जुलाई 2022 को आरोपी जसबीर सिंह के खिलाफ जींद जिला अदालत में चालान (चार्जशीट) पेश किया.

किस धारा के तहत कितनी सजा और जुर्माना: जींद जिला अदालत, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आरोपी कानूनगो जसबीर सिंह को दोषी ठहराते हुए धारा 7 भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 4 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना और धारा 13(1)बी सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 5 साल की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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जींद: हरियाणा में जींद जिले की अदालत ने वर्ष 2022 के दर्ज एक मामले में एक कानूनगो को 5 साल की सजा सुनाई है. दोषी की पहचान जींद के हल्का गतौली के कानूनगो जसबीर सिंह के रूप में हुई है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अदालत ने दोषी को अलग- अलग धाराओं के तहत एक में 4 वर्ष और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 5 साल की सजा समेत 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

कृषि भूमि की सरहदबंदी के लिए ली रिश्वत: मामले में शिकायतकर्ता जींद के गांव गतौली के रहने वाले हरिओम हैं, जिन्होंने 2 जून 2022 को एसीबी करनाल को शिकायत दी थी. उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि गांव गतौली में उनकी कृषि भूमि की सरहदबंदी करने की एवज में कानूनगो जसबीर सिंह ने उनसे 5 हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग कर रहा है.

शिकायत के दिन ही लगाया ट्रैप: करनाल की एसीबी टीम ने 2 जून 2022 को शिकायत की पुष्टि होने पर शिकायतकर्ता हरिओम को कानूनगो जसबीर सिंह के पास रिश्वत के 5 हजार रुपये देकर भेजा. उस दौरान रिश्वत की रकम लेते ही एसीबी ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी जसबीर सिंह के खिलाफ करनाल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में केस दर्ज किया गया.

जुलाई 2022 में किया चालान पेश: करनाल की एसीबी टीम ने केस की जांच पूरी करने के बाद 28 जुलाई 2022 को आरोपी जसबीर सिंह के खिलाफ जींद जिला अदालत में चालान (चार्जशीट) पेश किया.

किस धारा के तहत कितनी सजा और जुर्माना: जींद जिला अदालत, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आरोपी कानूनगो जसबीर सिंह को दोषी ठहराते हुए धारा 7 भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 4 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना और धारा 13(1)बी सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत 5 साल की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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