सूरजगढ़ (झुंझुनू) : राजस्थान में झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ थाना इलाके के महपालवास गांव में प्रेम विवाह की नाराजगी के कारण एक युवक की हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. महपाल वास गांव निवासी अंकित उर्फ अमित पुत्र मूंगाराम जाट अपने घर के बाथरूम में नहाने के लिए गया था. उसी दौरान एक बोलेरो गाड़ी में हथियारों से लैस होकर आए उसके साले समेत अन्य लोग उसके घर पर आए और अमित पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने अमित पर पहले तलवार से हमला किया, फिर उसे गोली मार दी. जिसके बाद अमित ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
सूरजगढ़ थानाधिकारी सुखदेव सिंह ने बताया कि युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में मृतक अमित के पिता मूंगाराम ने कुशलपुरा गांव के रिंकू, प्रीतम, अशोक, दौलत, पूजा, चौराड़ी के दीपू, चिमा का बास के दक्षित, चांदु सिंह पूरा के विकास जांगिड़ के साथ ही एक अन्य पंकज पापड़ो के खिलाफ बेटे कि हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने मूंगाराम की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
युवक की मौत के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. घटना की सूचना मिलने पर थाना अधिकारी सुखदेव सिंह पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे. बड़ी वारदात के बाद झुंझुनू एसपी राजर्षि राज वर्मा, एएसपी पुष्पेंद्र सिंह, डीवाईएसपी विकास कुमार भी मौके पर पहुंच गए और घटनास्थल का जायजा लिया. एसपी राजर्षि राज वर्मा ने परिजनों से घटना को लेकर जानकारी ली.
परिजनों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने वाले कोई गैर नहीं, बल्कि मृतक की पत्नी के भाई व अन्य लोग हैं. वहीं, प्रारम्भिक रूप में सामने आया है कि मृतक अंकित उर्फ अमित ने कुशलपुरा गांव कि मोनिका से करीब 6 माह पूर्व प्रेम विवाह किया था. मोनिका के परिजन इस विवाह से खुश नहीं थे और नाराज भाई व उसके साथियों ने मिलकर मंगलवार रात में अंकित की हत्या कर दी.
थाने पर परिजनों और ग्रामीणों ने दिया धरना : युवक की हत्या के घंटों बीत जाने के बाद उसके शव के पोस्टमार्टम में हो रही देरी के कारण मृतक के परिजनों के साथ ही ग्रामीणों का आक्रोश फुट पड़ा. बुधवार को दोपहर तक पोस्टमार्टम के लिए इंतजार कर रहे ग्रामीणों व परिजनों ने सूरजगढ़ थाने पर पोस्टमार्टम में देरी को लेकर एक चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया. ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन से मामला गरमा गया. तहसीलदार चंद्र सेखर यादव भी धरनास्थल पहुंचे और समझाइश का प्रयास शुरू किया.
तहसीलदार चंद्रशेखर द्वारा संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को दिए गए आश्वासन के बाद करीब तीन घंटे तक चला ग्रामीणों का धरना समाप्त हो गया और मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. करीब 21 घंटे बाद मृतक अमित उर्फ अंकित के शव का मेडिकल बोर्ड सदस्य डॉ. संदीप ऐचरा, डॉ. नेत्रपाल और डॉ. नरेश कुमार ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया.