राजनांदगांव: बस्तर क्षेत्र के झीरम घाटी में आज से 11 साल पहले नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पूरी फ्रंटलाइन खत्म हो गई थी. झीरम नक्सली हमले की बरसी पर राजनांदगांव में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं को नमन किया. इसका आयोजन राजनांदगांव शहर में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से किया गया.
राजनांदगांव में झीरम के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि: राजनांदगांव शहर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद हुए राजनांदगांव के पूर्व विधायक उदय मुदलियार, शहर के कांग्रेसी नेता अलानूर भिंडसरा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तात्कालिक अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं को याद किया गया. झीरम की 11वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस श्रद्धांजलि सभा में महापौर हेमा देशमुख, कुलबीर सिंह छाबड़ा,कमलजीत सिंह पिंटू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री थानेश्वर पाटील सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
11 साल पहले हुई थी कांग्रेस नेताओं की हत्या: इस दौरान शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि, "आज का दिन वह काला दिन है, जब हमने अपने नेताओं को खोया था. प्रदेश में भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ परिवर्तन यात्रा उस समय निकाली गई थी. सभा से लौटते वक्त झीरम घाटी के नक्सली हमले में उनकी मौत हो गई. आज 11 साल पूरे होने पर सभी शहीदों को हमने श्रद्धांजलि अर्पित की है." श्रद्धांजलि सभा के बाद कांग्रेस नेताओं ने शहर के पोस्ट ऑफिस चौक पर लगी शहीद उदय मुदलियार और अलानूर भिंडसरा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता वहां मौजूद रहे.
झीरम घाटी हत्या कांड: साल 2013 में विधानसभा चुनाव होने थे. छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार थी. रमन सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. कांग्रेस ने चुनाव के पहले परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी. इस परिवर्तन यात्रा के जरिए कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटी हुई थी. यह परिवर्तन यात्रा विभिन्न जगहों से होते हुए झीरम पहुंची. झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. लगभग 32 लोगों की हत्या नक्सलियों ने कर दी. इसमें कई कांग्रेसी नेता मारे गए. कई जवान शहीद भी हो गए. इस दौरान कुछ लोग अपनी जान बचाने में कामयाब रहे.