रांचीः एक ओर जहां युवाओं को नौकरी मुहैया कराने पर राजनीति चल रही है, वहीं दूसरी ओर झारखंड में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर का लाभ यहां का युवा नहीं उठा पा रहा है. राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 40 हजार से नीचे के पदों पर 75%सीट आरक्षित कर रखी है, जिससे यहां के युवाओं को नौकरी पाने का अवसर प्राप्त हो मगर सच्चाई यह है कि श्रम विभाग द्वारा हर महीने लगाए जाने वाले रोजगार मेला में रिक्ति के अनुरूप योग्य युवक नहीं मिल पा रहे हैं.
निजी कंपनियों में रिक्ति के अनुरूप नियोजनालय के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर मेला के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं. मगर इसमें अंतिम रूप से चयन का प्रतिशत काफी कम है. श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के उपनिदेशक निशिकांत मिश्र बताते हैं कि इसके पीछे कई कारण हैं. झारखंड के युवा स्थानीय स्तर पर नौकरी पाना चाहते हैं. इसके पीछे की वजह पर्व-त्योहार में घर जाने की चाहत है. यह कारण राज्य के दूसरे शहर और प्रदेश के बाहर के लिए भी है.
इन वजहों से युवा नहीं चाहते निजी क्षेत्र में नौकरी
- स्थानीय स्तर पर नौकरी की चाहत, प्रदेश एवं गृह जिले से बाहर नहीं करना चाहते नौकरी
- फैक्ट्री या प्रतिष्ठान के नियम से बंधकर घर से दूर काम करना पसंद नहीं
- भाषाई समस्या की वजह से दक्षिण भारत नहीं जाना चाहते
- कोरोना के समय हुई परेशानी के बाद लोग घर के इर्द गिर्द काम करना चाहते हैं
- कम वेतन की वजह से निजी क्षेत्र में काम करने में नहीं दिखाते रुचि
- वर्तमान में श्रम विभाग के पास नियोक्ता-7025
- वर्तमान में श्रम विभाग के पास रिक्ति-12791
- वर्तमान में श्रम विभाग के पास लाइव वैकेंसी-43
- अब तक रोजगार मेला से 12 हजार सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-24103
- अब तक रोजगार मेला से 12-14 हजार सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-10013
- अब तक रोजगार मेला से 14-16 हजार सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-4656
- अब तक रोजगार मेला से 16-18 हजार सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-1478
- अब तक रोजगार मेला से 18-20 हजार सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-614
- अब तक रोजगार मेला से 20 हजार से अधिक सैलरी तक नौकरी पाने वाले की संख्या-468
सर्वाधिक मैट्रिक पास युवक नौकरी की रखते हैं चाहत
झारखंड में निजी क्षेत्र में नौकरी की चाहत रखने वाले सर्वाधिक मैट्रिक पास हैं. श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इनकी संख्या 25241 है. सामान्य मैट्रिक पास के लिए आधुनिक समय में बगैर टेक्निकल डिग्री के नौकरी मिलना बेहद ही मुश्किल है. ऐसे में छोटे स्तर की नौकरी का ऑफर इन्हें या तो पसंद नहीं है या प्रदेश से बाहर जाकर वो करना नहीं चाहते.
छात्र नेता एस अली कहते हैं कि आधुनिक समय में टेक्निकल डिग्री होना आवश्यक है. कौशल केंद्र के जरिए जब तक युवाओं को ईमानदारी से प्रशिक्षित नहीं किया जायेगा तब तक अवसर भले ही लाख हो मगर इसका लाभ यहां के युवाओं को नहीं मिलेगा. बहरहाल वर्तमान समय में जिस तरह से नौकरी की तलाश में युवा भटक रहे हैं वैसे में यदि झारखंड में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं तो निश्चित रुप से इसका लाभ उठाने की आवश्यकता है. इसके लिए बदलते समय के साथ युवाओं को अपने आपको ढालना होगा.