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Jharkhand Election 2024: बरही विधानसभा का रण, यहां जातिगत समीकरण तय करता है जीत-हार!

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बरही विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं. खबर में जानिए क्या है समीकरण.

Barhi Assembly
बरही विधानसभा सीट से प्रत्याशी. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

हजारीबाग: बरही विधानसभा झारखंड की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. यहां कई दिग्गज चुनावी मैदान में हैं. जिनमें अरुण साहू, मनोज यादव, उमाशंकर अकेला, सुनील साहू, अविनाश आर्या चुनाव मैदान में हैं. लेकिन भाजपा और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला माना जा रहा है.

बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला

बरही विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से मनोज यादव तो कांग्रेस की ओर से अरुण साहू चुनावी मैदान में हैं. इस बार के चुनाव में वर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का टिकट काटकर पार्टी ने अरुण साहू पर विश्वास जताया है और उम्मीदवार बनाया है .

नाराज नेता बिगाड़ सकते हैं समीकरण

वहीं कांग्रेस से नाराज होकर उमाशंकर अकेला ने रातों-रात समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है और चुनावी दंगल में उतर गए हैं. इधर, भाजपा से रुष्ट होकर सुनील साहू ने भी नामांकन किया है. यही नहीं 51 बेटियों की शादी करवाने वाले समाजसेवी अविनाश आर्या भी चुनावी मैदान में है. इनके अलावे भी एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

2019 में कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी जीत

बता दें कि बरही विधानसभा सीट हजारीबाग जिले के अंतर्गत आता है. 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बरही सीट पर कुल 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. इनमें दो महिला उम्मीदवार भी थीं. लेकिन कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार उमाशंकर अकेला ने जीत हासिल की थी. उमाशंकर अकेला को 84 हजार 358 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के उम्मीदवार मनोज कुमार यादव को 72 हजार 987 वोट मिले थे. इस सीट पर 2019 के विधानसभा चुनाव में 62.63 फीसदी मतदान हुए थे.

2014 में कांग्रेस ने फिर मारी थी बाजी

वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर बरही सीट से मनोज कुमार यादव चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. 2014 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार उमाशंकर अकेला को हार का सामना करना पड़ा था. मनोज कुमार को 57 हजार 818 वोट मिले थे, जबकि उमाशंकर अकेला को 50 हजार 733 वोट मिले थे.

2009 में बीजेपी प्रत्याशी हुई थी जीत

वहीं इसके पूर्व 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर बरही सीट से उमाशंकर अकेला चुनाव लड़ रहे थे, तो कांग्रेस के टिकट पर मनोज यादव ने ताल ठोकी थी. 2009 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उमाशंकर अकेला को 60 हजार 044 वोट मिले थे. वहीं मनोज यादव को 51 हजार 959 वोट मिले थे.

बता दें कि मनोज यादव बरही से चार टर्म विधायक रह चुके हैं और पांचवीं बार चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं उमाशंकर अकेला दो बार विधायक बने हैं. इस बार कांग्रेस से अरुण साहू पूरे ताकत के साथ चुनावी मैदान में हैं.

यादव वोट बैंक माना जाता है निर्णायक

वहीं चुनावी समीकरण की बात की जाए तो यादव वोट यहां निर्णायक माना जाता है. मनोज यादव और उमाशंकर अकेला यादव इसी समाज से आते हैं. ऐसे में वोट का बंटवारा भी इन दोनों के बीच ही होने का अनुमान है. बरही में कांग्रेस का भी अपना जनाधार रहा है. अल्पसंख्यक समाज के मतदाता कांग्रेस के साथ हमेशा रहे हैं. साथ ही यहां साहू समाज का भी अच्छा वोट है. वहीं तिलेश्वर साहू और साबी देवी का अपना वोट बैंक है.भारतीय जनता पार्टी से रुष्ट होकर सुनील साहू चुनावी मैदान में है. ऐसे में उनके लिए भी संभावना है. ऐसे में भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

बरही विधानसभा सीट से जीत का इतिहास

वर्षविजेता
1952रामेश्वर प्रसाद महथा
1957रामेश्वर प्रसाद महथा
1962कामाख्या नारायण सिंह
1967 कुंवर जितेंद्र नारायण सिंह
1969 कुंवर जितेंद्र नारायण सिंह
1972रामेश्वर प्रसाद महथा
1977राजमाता ललिता राजलक्ष्मी
1980निरंजन सिंह
1985निरंजन सिंह
1990रामलखन सिंह
1995मनोज कुमार यादव
2000मनोज कुमार यादव
2005मनोज कुमार यादव
2009उमाशंकर अकेला यादव
2014मनोज कुमार यादव
2019उमाशंकर अकेला यादव

बरही में लगभग 3.35 लाख मतदाता

बता दें कि बरही में कुल 3 लाख, 35 हजार, 339 मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख, 70 हजार, 828 पुरुष मतदाता और 1 लाख, 63 हजार, 999 महिला मतदाता हैं. वहीं मतदान केंद्रों की संख्या 400 है. कुल 19 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. 2019 विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो 14 प्रत्याशियों ने बरही सीट के लिए नामांकन किया था.

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बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला

बरही विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से मनोज यादव तो कांग्रेस की ओर से अरुण साहू चुनावी मैदान में हैं. इस बार के चुनाव में वर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का टिकट काटकर पार्टी ने अरुण साहू पर विश्वास जताया है और उम्मीदवार बनाया है .

नाराज नेता बिगाड़ सकते हैं समीकरण

वहीं कांग्रेस से नाराज होकर उमाशंकर अकेला ने रातों-रात समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है और चुनावी दंगल में उतर गए हैं. इधर, भाजपा से रुष्ट होकर सुनील साहू ने भी नामांकन किया है. यही नहीं 51 बेटियों की शादी करवाने वाले समाजसेवी अविनाश आर्या भी चुनावी मैदान में है. इनके अलावे भी एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

2019 में कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी जीत

बता दें कि बरही विधानसभा सीट हजारीबाग जिले के अंतर्गत आता है. 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बरही सीट पर कुल 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. इनमें दो महिला उम्मीदवार भी थीं. लेकिन कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार उमाशंकर अकेला ने जीत हासिल की थी. उमाशंकर अकेला को 84 हजार 358 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के उम्मीदवार मनोज कुमार यादव को 72 हजार 987 वोट मिले थे. इस सीट पर 2019 के विधानसभा चुनाव में 62.63 फीसदी मतदान हुए थे.

2014 में कांग्रेस ने फिर मारी थी बाजी

वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर बरही सीट से मनोज कुमार यादव चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. 2014 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार उमाशंकर अकेला को हार का सामना करना पड़ा था. मनोज कुमार को 57 हजार 818 वोट मिले थे, जबकि उमाशंकर अकेला को 50 हजार 733 वोट मिले थे.

2009 में बीजेपी प्रत्याशी हुई थी जीत

वहीं इसके पूर्व 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर बरही सीट से उमाशंकर अकेला चुनाव लड़ रहे थे, तो कांग्रेस के टिकट पर मनोज यादव ने ताल ठोकी थी. 2009 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उमाशंकर अकेला को 60 हजार 044 वोट मिले थे. वहीं मनोज यादव को 51 हजार 959 वोट मिले थे.

बता दें कि मनोज यादव बरही से चार टर्म विधायक रह चुके हैं और पांचवीं बार चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं उमाशंकर अकेला दो बार विधायक बने हैं. इस बार कांग्रेस से अरुण साहू पूरे ताकत के साथ चुनावी मैदान में हैं.

यादव वोट बैंक माना जाता है निर्णायक

वहीं चुनावी समीकरण की बात की जाए तो यादव वोट यहां निर्णायक माना जाता है. मनोज यादव और उमाशंकर अकेला यादव इसी समाज से आते हैं. ऐसे में वोट का बंटवारा भी इन दोनों के बीच ही होने का अनुमान है. बरही में कांग्रेस का भी अपना जनाधार रहा है. अल्पसंख्यक समाज के मतदाता कांग्रेस के साथ हमेशा रहे हैं. साथ ही यहां साहू समाज का भी अच्छा वोट है. वहीं तिलेश्वर साहू और साबी देवी का अपना वोट बैंक है.भारतीय जनता पार्टी से रुष्ट होकर सुनील साहू चुनावी मैदान में है. ऐसे में उनके लिए भी संभावना है. ऐसे में भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

बरही विधानसभा सीट से जीत का इतिहास

वर्षविजेता
1952रामेश्वर प्रसाद महथा
1957रामेश्वर प्रसाद महथा
1962कामाख्या नारायण सिंह
1967 कुंवर जितेंद्र नारायण सिंह
1969 कुंवर जितेंद्र नारायण सिंह
1972रामेश्वर प्रसाद महथा
1977राजमाता ललिता राजलक्ष्मी
1980निरंजन सिंह
1985निरंजन सिंह
1990रामलखन सिंह
1995मनोज कुमार यादव
2000मनोज कुमार यादव
2005मनोज कुमार यादव
2009उमाशंकर अकेला यादव
2014मनोज कुमार यादव
2019उमाशंकर अकेला यादव

बरही में लगभग 3.35 लाख मतदाता

बता दें कि बरही में कुल 3 लाख, 35 हजार, 339 मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख, 70 हजार, 828 पुरुष मतदाता और 1 लाख, 63 हजार, 999 महिला मतदाता हैं. वहीं मतदान केंद्रों की संख्या 400 है. कुल 19 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. 2019 विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो 14 प्रत्याशियों ने बरही सीट के लिए नामांकन किया था.

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