रांची: राजधानी रांची पूरी तरह से आदिवासी महोत्सव के रंग में रंग गई है. आज से समारोह की शुरुआत हो रही है. मुख्य समारोह 10 अगस्त तक बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय में आयोजित किया जाएगा. झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. वहीं राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन मुख्य अतिथि होंगे. ये दोनों नेता मेले में लगाए गए प्रदर्शनी शिविर, आदिवासी चित्रकार शिविर और आदिवासी व्यंजनों का उद्घाटन करेंगे, जिसके बाद शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित करेंगे.
समारोह के लिए बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव में भाग लेने के लिए देश के कई राज्यों से कलाकार रांची पहुंच चुके हैं. इस अवसर पर झारखंड के साहित्यकारों से जुड़ी पुस्तकों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे.
बिरसा स्मृति पार्क तैयार
9 और 10 अगस्त को होने वाले आदिवासी महोत्सव के लिए बिरसा स्मृति पार्क सह संग्रहालय पूरी साज-सज्जा के साथ तैयार है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन की तस्वीर वाला प्रवेश द्वार आदिवासी संस्कृति और सभ्यता से ओतप्रोत है. इस अवसर पर धुमकुड़िया भवन करम टोली चौक से बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान जेल चौक तक रीझ-रंग शोभा यात्रा निकाली जाएगी.
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मिजोरम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा आदि राज्यों के कलाकार पारंपरिक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत करेंगे. इसके साथ ही अखाड़ा दर्शन, आठ जनजातियों का गीत नृत्य, पद्मश्री मुकुंद नायक द्वारा नागपुरी गीत नृत्य, जननी झूमर वर्षा लकड़ा एवं उनके समूह द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की ऐतिहासिक गाथा का वर्णनात्मक संगीतमय नृत्य नाटक, संथाली बैंड द्वारा प्रस्तुति, झारखंड झरोखा लोक कला वाद्य यंत्र एवं वेशभूषा की प्रस्तुति मेले में की जाएगी.
वहीं, परिवर्तन संस्था के आदिवासी दिव्यांग बच्चों द्वारा चरित्र गुणों पर आधारित नाटक, परिधान दर्शन में आदिवासी संस्कृति इन फ्रैगमेंट स्टाइलिश एवं आश्रम विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक प्रस्तुत किया जाएगा. इस बार आदिवासी महोत्सव के दौरान 12 पुस्तकों का विमोचन और वनाधिकार पट्टे वितरित किए जाएंगे.
आतिशबाजी और लेजर शो होगा खास आकर्षण
इस बार आदिवासी महोत्सव के दौरान आतिशबाजी और लेजर शो खास आकर्षण होगा. इसके अलावा राष्ट्रीय आदिवासी चित्रकार शिविर, कला और शिल्प प्रदर्शनी और वृत्तचित्र प्रदर्शन भी लोगों को खूब लुभाएंगे. कार्यक्रम को सफल बनाने में आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा समेत कई अधिकारी लगे हुए हैं.
यह भी पढ़ें:
ट्रायबल फूड क्यों है दूसरों से अलग, जानिए क्या है इसमें खास
झारखंड आदिवासी महोत्सव: मोनिका मुंडू के गीतों पर झूमने लगे श्रोता, तालियों से गूंज उठा परिसर