रांचीः गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित मुख्य समारोह में इस बार झारखंड की झांकी भी दिखेगी. कर्तव्य पथ पर झारखंड की झांकी में राज्य में होने वाले तसर उत्पादन को दर्शाया जाएगा. झारखंड देश में सबसे ज्यादा तसर उत्पादन करने वाला राज्य है. इस बार कुल 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां कर्तव्य पथ पर दिखेंगी.
बता दें कि इस साल भी दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी दिखेगी. इस बार की थीम है 'झारखंड का तसर'. मंगलवार को सभी झांकियों का रिहर्सल हुआ. झारखंड की झांकी बेहद ही आकर्षक है. इसे सोहराय और कोहबर पेंटिंग से सजाया गया है. झांकी में झारखंड की जनजातीय शक्ति के बारे में दर्शाया जाएगा. बता दें कि इससे पहले पिछले साल की झांकी में देवघर मंदिर का प्रारूप दर्शाया गया था. जबकि उससे पहले दुमका के मंदिरों के नगर मलूटी को 26 जनवरी की झांकी में शामिल हुआ था.
इस बार झारखंड की झांकी का प्रारूप राज्य में तसर उत्पादन है. बता दें कि झारखंड तसर उत्पादन में अग्रणी राज्य है. पूरे देस की 62 फीसदी तसर का उत्पादन झारखंड में होता है. यहां का मयूराक्षी ब्रांड पूरे विश्व में विख्यात है. विश्व के कई देशों में यहां का तसर सिल्क निर्यात होता है. राज्य में जनजातीय समुदाय के लगभग एक लाख पचास हजार लोग तसर से अपनी आजीविका चलाते हैं. इस रोजगार में अधिकांश जनजातीय महिलाएं शामिल हैं. हर साल झारखंड से औसतन करीब 20 हजार पांच सौ मीट्रिक टन तसर का उत्पादन होता है.
नई दिल्ली में 2024 के गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी भी शामिल रहेगी. कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित होने वाली झांकी में झारखंड में तसर उत्पादन का प्रारूप दिखेगा.
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