जमशेदपुर: झारखंड में पश्चिम बंगाल से आलू के आने पर रोक लगाए जाने पर इसका व्यापक असर प्रदेश पर पड़ा है. एक तरफ महंगा आलू खरीदने से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, वहीं आलू का कारोबार करने वाले व्यापारियों ने इस मामले में झारखंड सरकार से पहल करने की मांग की है. जिससे सुचारू रूप से आलू मंडियों में आता रहे.
जमशेदपुर में आलू का भाव आसमान छू रहा है. पिछले जून माह के बाद आलू की कीमत पर लगातार उतार चढ़ाव देखा जा रहा है. वहीं नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में आलू की कीमत बढ़कर चालीस रुपए प्रति किलो हो गयी है. जिसके कारण आम जनता के साथ साथ कारोबारियों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा है.
बता दें की झारखंड में 28 नवंबर को शपथ ग्रहण सामारोह में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं. सीएम ममता बनर्जी के वापस बंगाल जाने के बाद उन्होंने झारखंड-बिहार में बंगाल का उत्पादित आलू के निर्यात पर रोक लगा दी. इधर जमशेदपुर में बंगाल से प्रतिदिन 12 से 14 ट्रक आलू मंगाया जाता है. एक ट्रक में 10 टन आलू रहता है. सामान्य दिनों में आलू की कीमत 16 से 20 रुपए प्रति किलो रहता है. वर्तमान में आलू की कीमत बढ़कर 40-45 रुपए प्रति किलो हो गयी है.
वहीं मंडी में आलू नहीं आने पर सन्नाटा पसरा हुआ है. मंडी में 50 किलो के आलू का पैकेट 1250 से 1300 हो गया है. जमशेदपुर मंडी के आलू व्यापारी विकास कुमार ने बताया कि पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर आलू के ट्रकों को रोका जा रहा है. काफी मुंह मांगी कीमत के लेनदेन के बाद एक दो ट्रक झारखंड की सीमा में प्रवेश कर रही हैं.
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