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नशे के तस्करी रोकने के लिए लिए झारखंड पुलिस का स्पेशल प्लान, मनी ट्रेल के जरिये लगाम कसने की तैयारी

Jharkhand Police plans to stop drug smuggling. नशे की तस्करी को लेकर झारखंड पुलिस काफी सक्रिय हो गई है. इसके लिए एक खास योजना बनाई गई है. नशे के सौदागरों के खातों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

Jharkhand Police plans to stop drug smuggling through money trail
Jharkhand Police plans to stop drug smuggling through money trail
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 8, 2024, 10:13 AM IST

Updated : Mar 8, 2024, 10:44 AM IST

जानकारी देते रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे

रांचीः झारखंड में नशे के तस्करों पर लगाम कसने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है. योजना के तहत मादक पदार्थो के तस्करों के मनी ट्रेल की जांच कर किंगपिन तक पहुचने की तैयारी की गई है. इस संबंध में सीआईडी डीजी के द्वारा कई गाइडलाइंस जिलों के एसपी को दिए गए हैं.

ऑनलाइन होता है लेन देन

झारखंड की राजधानी रांची सहित कई बड़े शहरों में ड्रग्स का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. नसों में जहर घोलने वाले इस धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल है, जो पर्दे के पीछे रहकर मादक पदार्थों की तस्करी करवाते हैं. सीआईडी और जिला पुलिस की जांच में अब तक यह बात साफ हो चुकी है कि नशे के तस्करी के लिए नगद से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग किया जाता है. जांच में यह बात सामने आई है कि नशे के तस्कर 90 प्रतिशत मौके पर पैसे की लेन देन ऑनलाइन तरीके से ही करते हैं. ऐसे में यह बात साफ है कि अगर गहराई से मादक पदार्थों के तस्करों के मनी ट्रेल की जांच की जाए तो इस धंधे में शामिल राज्य के भीतर और बाहर दोनों के ऊपर शिकंजा कसा जा सकता है.

अकाउंट की जानकारी जुटा रही है पुलिस

रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि मादक पदार्थों पर चल रही कार्रवाई को लेकर सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने समीक्षा बैठक की थी. बैठक में नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई रणनीति तैयार की गई है. जिसमें सबसे प्रमुख है कि नशे के तस्करों के बैंक खातों की पूरी जानकारी जुटाकर उसके मनी ट्रेल के बारे में पता लगाया जाए. मनी ट्रेल के जरिए यह पता चल जाएगा कि राजधानी रांची में जो नशे के तस्कर ब्राउन शुगर, अफीम, गांजा और हेरोइन जैसे मादक पदार्थ बेचकर पैसा अपने खातों में लेते हैं वह पैसा आखिर किन-किन खातों में ट्रांसफर होता है.

मनी ट्रेल का पता करने के लिए राज्यभर में गिरफ्तार नशे के तस्करों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में अक्सर छोटे अपराधी पकड़े जाते हैं लेकिन इन सब के पीछे कौन सा बड़ा गैंग काम कर रहा है उसकी जानकारी जुटाने में मनी ट्रेल काफी सहायक साबित हो सकता है.

नशे के तस्करों पर रखे नजर

सीआईडी डीजी के द्वारा सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वैसे तस्कर जिनका नाम बार-बार नशे की तस्करी में सामने आ रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ निगरानी की कार्रवाई के लिए डोजियर खोला जाए, साथ ही वैसे तस्कर जिनकी जमानत हो चुकी है, ऐसे लोगों के बेलरो का सत्यापन किया जाए. बरामद मादक पदार्थ का सीजर ठीक तरह तैयार किया जाए. इसके अलावा अगर केस में ट्रायल के दौरान सरकारी पदाधिकारी गवाही से मुकर रहे हैं तब ऐसे लोगों के बारे में सत्यापन कर उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाए.

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खूंटी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, खेत में चीरा लगाकर अफीम की तस्करी करने वाले तीन गिरफ्तार, पौधा और अफीम भी बरामद

जानकारी देते रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे

रांचीः झारखंड में नशे के तस्करों पर लगाम कसने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है. योजना के तहत मादक पदार्थो के तस्करों के मनी ट्रेल की जांच कर किंगपिन तक पहुचने की तैयारी की गई है. इस संबंध में सीआईडी डीजी के द्वारा कई गाइडलाइंस जिलों के एसपी को दिए गए हैं.

ऑनलाइन होता है लेन देन

झारखंड की राजधानी रांची सहित कई बड़े शहरों में ड्रग्स का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. नसों में जहर घोलने वाले इस धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल है, जो पर्दे के पीछे रहकर मादक पदार्थों की तस्करी करवाते हैं. सीआईडी और जिला पुलिस की जांच में अब तक यह बात साफ हो चुकी है कि नशे के तस्करी के लिए नगद से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग किया जाता है. जांच में यह बात सामने आई है कि नशे के तस्कर 90 प्रतिशत मौके पर पैसे की लेन देन ऑनलाइन तरीके से ही करते हैं. ऐसे में यह बात साफ है कि अगर गहराई से मादक पदार्थों के तस्करों के मनी ट्रेल की जांच की जाए तो इस धंधे में शामिल राज्य के भीतर और बाहर दोनों के ऊपर शिकंजा कसा जा सकता है.

अकाउंट की जानकारी जुटा रही है पुलिस

रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि मादक पदार्थों पर चल रही कार्रवाई को लेकर सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने समीक्षा बैठक की थी. बैठक में नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई रणनीति तैयार की गई है. जिसमें सबसे प्रमुख है कि नशे के तस्करों के बैंक खातों की पूरी जानकारी जुटाकर उसके मनी ट्रेल के बारे में पता लगाया जाए. मनी ट्रेल के जरिए यह पता चल जाएगा कि राजधानी रांची में जो नशे के तस्कर ब्राउन शुगर, अफीम, गांजा और हेरोइन जैसे मादक पदार्थ बेचकर पैसा अपने खातों में लेते हैं वह पैसा आखिर किन-किन खातों में ट्रांसफर होता है.

मनी ट्रेल का पता करने के लिए राज्यभर में गिरफ्तार नशे के तस्करों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में अक्सर छोटे अपराधी पकड़े जाते हैं लेकिन इन सब के पीछे कौन सा बड़ा गैंग काम कर रहा है उसकी जानकारी जुटाने में मनी ट्रेल काफी सहायक साबित हो सकता है.

नशे के तस्करों पर रखे नजर

सीआईडी डीजी के द्वारा सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वैसे तस्कर जिनका नाम बार-बार नशे की तस्करी में सामने आ रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ निगरानी की कार्रवाई के लिए डोजियर खोला जाए, साथ ही वैसे तस्कर जिनकी जमानत हो चुकी है, ऐसे लोगों के बेलरो का सत्यापन किया जाए. बरामद मादक पदार्थ का सीजर ठीक तरह तैयार किया जाए. इसके अलावा अगर केस में ट्रायल के दौरान सरकारी पदाधिकारी गवाही से मुकर रहे हैं तब ऐसे लोगों के बारे में सत्यापन कर उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाए.

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Last Updated : Mar 8, 2024, 10:44 AM IST
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