रांची: झारखंड में मादक पदार्थों के कारोबार पर प्रभावित तरीके से लगाम कसने की तैयारी की जा रही है. झारखंड में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और इसके कारोबार पर ब्रेक लगाने के लिए मंगलवार को झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह सभी जिलों के एसपी के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं.
एक्शन प्लान तैयार
झारखंड में मादक पदार्थों के उत्पादन और उसके कारोबार पर नियंत्रण के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा 20 बिंदुओं का एक्शन प्लान तैयार किया गया है. झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें यह बात निकाल कर आई थी कि राज्य में नशे के कारोबार में वृद्धि हुई है. मामले को लेकर कार्रवाई सभी जिलों के पुलिस के द्वारा की जा रही है लेकिन कार्रवाई की दिशा क्या है और ड्रग्स के कारोबार पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस के द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है, इसे लेकर राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कुछ अहम निर्देश जारी किए गए हैं.
डीजीपी के अनुसार हर हाल में नशे के कारोबार पर ब्रेक लगाना है और इसके लिए हर तरह की कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों के पुलिस को निर्देश जारी किया गया है. डीजीपी ने बताया की नशे की कारोबारियो के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के सभी जिलों के एसपी से पुलिस मुख्यालय के द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी. इसके अलावा डीजीपी ने ये भी निर्देश दिए कि नशे के कारोबारियों की संपत्ति का पता लगाकर उसे जब्त करने की भी कार्रवाई की जाए.
बैठक में रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में सभी जिलों के पुलिस कप्तानों ने अपने-अपने जिलों में पिछले 5 वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत क्या-क्या कार्रवाई की गई है, अफीम की कितनी अवैध खेती नष्ट की गई है और गांजा सहित अन्य नशीले पदार्थ कितने मात्रा में बरामद हुए हैं, एनडीपीएस केस में जब्त किए गए मादक पदार्थ में से कितने को नष्ट किया गया है, झारखंड में कौन-कौन से ऐसे इलाके हैं जो अफीम की खेती और उसके कारोबार के लिए हॉटस्पॉट बने हुए हैं इन सभी प्रमुख एजेंडा पर एक एक कर डीजीपी के सामने अपनी अपनी रिपोर्ट पेश की.
तस्करों की सूची भी तैयार ,संसाधन को लेकर भी चर्चा
सभी जिलों के पुलिस कप्तानों के द्वारा उनके जिलों में कौन-कौन लोग ड्रग्स की तस्करी में शामिल हैं, साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत अब तक कितने लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव पारित किए गए हैं इसका ब्योरा भी डीजीपी को उपलब्ध करवाया. डीजीपी ने बताया कि नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को सीआईडी के द्वारा लीड किया जा रहा है.
मंगलवार को हुई मीटिंग को भी सीआईडी के द्वारा ही कॉर्डिनेट किया गया था. बैठक में यह तय हुआ है कि नशे के तस्करों को चिन्हित करते हुए उन पर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही ड्रग्स का ओरिजिन जहां से हो रहा है, वहां तक पुलिस पहुंचकर कार्रवाई करें. बैठक में राज्य में तस्करी करने वाले बाहर के कौन-कौन लोग हैं उन्हें चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं, स्पेशल ब्रांच के द्वारा जो सूचनाओं जिलों के पुलिस को उपलब्ध करवाई जा रही है, उसपर सटीक कार्रवाई करने के निर्देश भी डीजीपी के द्वारा दिया गया है. सभी जिलों में मादक पदार्थों के पहचान के लिए ड्रग्स किट भी उपलब्ध करवाने का निर्देश डीजीपी के द्वारा दिया गया है. डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि नशे के सौदागरों के खिलाफ दर्ज केस में उनके बेलर कौन हैं इसका भी सत्यापन किया जा रहा है, साथ ही नशे के सौदागरों के खिलाफ थाना स्तर पर डोजियर खोलने का भी निर्देश दिया गया है.
नारकोटिक्स थाने के प्रस्ताव को लेकर भी हुई चर्चा
गौरतलब है कि झारखंड के हजारीबाग, चतरा जमशेदपुर, खूंटी, सरायकेला और रांची में नारकोटिक्स थाना खोलने के लिए प्रस्ताव दिया गया है. प्रस्ताव की फिलहाल स्थिति क्या है इस पर भी डीजीपी के द्वारा चर्चा की गई जल्द ही इन जिलों में नारकोटिक्स थाने खोले जाएंगे. नशे की कारोबार पर ब्रेक लगाने के लिए की गए बैठक में झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह, सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता, एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर सहित सीआईडी और मुख्यालय के कई वरीय अधिकारी पुलिस मुख्यालय में मौजूद रहे. जबकि रेंज डीआईजी और जिलो के एसएसपी/एसपी वीसी के जरिये मीटिंग में जुड़े थे.
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