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झारखंड अब सामान्य वर्षापात वाले राज्यों की सूची में शामिल, बढ़ रहा धान आच्छादन का रकबा! - Monsoon update

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 5, 2024, 7:02 PM IST

Jharkhand in list of states with normal rainfall. पिछले तीन दिन से झारखंड के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई. इस लगातार बारिश के कारण अब झारखंड सामान्य वर्षापात वाले राज्यों की सूची में शामिल हो गया है. इसके साथ ही प्रदेश में धान के आच्छादन का रकबा भी बढ़ रहा है.

Jharkhand now included in list of states with normal rainfall
बारिश के बाद खेत में पानी (Etv Bharat)

रांची: अगस्त महीने के पहले तीन तक दिन राज्यभर में हुई जोरदार और लगातार बारिश ने झारखंड को सुखाड़ वाली स्थिति से बाहर निकाल दिया है. मौसम केंद्र रांची से मिली वर्षापात के 31 जुलाई के आंकड़े की तुलना अगर 05 जुलाई तक के वर्षापात के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. इससे यह साफ है कि कैसे इन तीन-चार दिन की बारिश ने लगातार तीसरे वर्ष सुखाड़ की ओर बढ़ते झारखंड को सामान्य मानसूनी वर्षापात वाले राज्यों की सूची में ला दिया है.

मौसम केंद्र रांची के 31 जुलाई के आंकड़े के अनुसार राज्य के सभी 24 जिलों में सामान्य से कम मानसूनी वर्षा हुई थी. 01 जून से 31 जुलाई तक राज्य में सामान्यत होने वाली औसत वर्षा 508.2 एमएम की जगह महज 295.9 एमएम बारिश ही हुई. यह सामान्य से 42% कम था. राज्य के चतरा, पाकुड़, पलामू, गढ़वा, चतरा जैसे कई जिलों की स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन पश्चिम बंगाल के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र और उस सिस्टम से हुई भारी से अत्यंत भारी वर्षा से राज्य में वर्षापात का आंकड़ा पूरी तरह बदल गया.

झारखंड में वर्षापात के ताजा आंकड़ें बताते हैं कि 05 अगस्त 2024 तक सामान्य औसत वर्षापात 559.8 mm की तुलना में 455.3 mm बारिश हुई है. इस तरह इन पांच दिनों में ही 159.41 mm वर्षा हो जाने से राज्य के सभी 24 जिले सामान्य वर्षापात वाले जिलों में आ गया. औसत से कम वर्षा का प्रतिशत घटकर माइनस 19% रह गया गया. सामान्य वर्षापात से माइनस-प्लस 19% वर्षापात को सामान्य वर्षापात की श्रेणी में रखा जाता है.

खरीफ फसलों के आच्छादन का रकबा बढ़ा

राज्य में अगस्त तक शुरुआती दिनों में हुई झमाझम बारिश का असर यह हुआ कि राज्य में पांच दिन में ही खरीफ फसलों के आच्छादन 01 लाख 07 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ गया. राज्य में सबसे ज्यादा 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. 31 जुलाई को जहां 03 लाख 77 हजार 610 हेक्टेयर में धान का आच्छादन हुआ था. वह अब बढ़कर 04 लाख 55 हजार 111 हेक्टेयर हो गया है.

इसी तरह मक्का का आच्छादन भी 180142 हेक्टेयर से 187521 हेक्टेयर हो गया है. इसी तरह खरीफ दलहन फसलों का आच्छादन भी पिछले चार पांच दिनों में बढ़ा है. 31 जुलाई को जहां 176127 हेक्टेयर में दलहन का आच्छादन हुआ था जो अब बढ़कर 193308 हेक्टेयर हो गया है. तिलहन की बात करें तो 18177 हेक्टेयर में तिलहन की फसल लगाई गई थी जो अब बढ़कर 21926 हेक्टेयर हो गयी है. इसी तरह राज्य में 31 जुलाई तक जहां 13843 हेक्टेयर में मोटे अनाज की फसल लगाई गई थी, वह अब बढ़कर 15815 हेक्टेयर हो गयी है.

तेजी से बढ़ेगा आच्छादन का रकबा

झारखंड कृषि निदेशालय में उप कृषि निदेशक मुकेश सिन्हा ने बताया कि पिछले 03 दिनों की मूसलाधार मानसूनी बारिश पूरे राज्य में हुई है. इस वजह से जहां ताल तलैयों में पर्याप्त पानी भर गया है बल्कि अन्नदाताओं के खेतों में भी पानी है. इसलिए अब राज्य में तेजी से धान एवं अन्य खरीफ फसलों का आच्छादन बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि कृषि निदेशालय किसानों की खेती बाड़ी से जुड़ी हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत-अंत तक हम खरीफ फसलों के आच्छादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.

इसे भी पढ़ें- तीन दिनों के लगातार बारिश से लबालब हुआ खेत, लक्ष्य के अनुरूप रोपनी का अनुमान - Continuous Rain In Khunti

इसे भी पढ़ें- धनबाद में दामोदर नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, इलाके में जलापूर्ति बाधित - Damodar river water level increased

इसे भी पढ़ें- झारखंड में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, जानिए अलगे कुछ दिनों में कहां-कहां हो सकती है बारिश - Jharkhand weather Report

रांची: अगस्त महीने के पहले तीन तक दिन राज्यभर में हुई जोरदार और लगातार बारिश ने झारखंड को सुखाड़ वाली स्थिति से बाहर निकाल दिया है. मौसम केंद्र रांची से मिली वर्षापात के 31 जुलाई के आंकड़े की तुलना अगर 05 जुलाई तक के वर्षापात के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. इससे यह साफ है कि कैसे इन तीन-चार दिन की बारिश ने लगातार तीसरे वर्ष सुखाड़ की ओर बढ़ते झारखंड को सामान्य मानसूनी वर्षापात वाले राज्यों की सूची में ला दिया है.

मौसम केंद्र रांची के 31 जुलाई के आंकड़े के अनुसार राज्य के सभी 24 जिलों में सामान्य से कम मानसूनी वर्षा हुई थी. 01 जून से 31 जुलाई तक राज्य में सामान्यत होने वाली औसत वर्षा 508.2 एमएम की जगह महज 295.9 एमएम बारिश ही हुई. यह सामान्य से 42% कम था. राज्य के चतरा, पाकुड़, पलामू, गढ़वा, चतरा जैसे कई जिलों की स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन पश्चिम बंगाल के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र और उस सिस्टम से हुई भारी से अत्यंत भारी वर्षा से राज्य में वर्षापात का आंकड़ा पूरी तरह बदल गया.

झारखंड में वर्षापात के ताजा आंकड़ें बताते हैं कि 05 अगस्त 2024 तक सामान्य औसत वर्षापात 559.8 mm की तुलना में 455.3 mm बारिश हुई है. इस तरह इन पांच दिनों में ही 159.41 mm वर्षा हो जाने से राज्य के सभी 24 जिले सामान्य वर्षापात वाले जिलों में आ गया. औसत से कम वर्षा का प्रतिशत घटकर माइनस 19% रह गया गया. सामान्य वर्षापात से माइनस-प्लस 19% वर्षापात को सामान्य वर्षापात की श्रेणी में रखा जाता है.

खरीफ फसलों के आच्छादन का रकबा बढ़ा

राज्य में अगस्त तक शुरुआती दिनों में हुई झमाझम बारिश का असर यह हुआ कि राज्य में पांच दिन में ही खरीफ फसलों के आच्छादन 01 लाख 07 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ गया. राज्य में सबसे ज्यादा 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. 31 जुलाई को जहां 03 लाख 77 हजार 610 हेक्टेयर में धान का आच्छादन हुआ था. वह अब बढ़कर 04 लाख 55 हजार 111 हेक्टेयर हो गया है.

इसी तरह मक्का का आच्छादन भी 180142 हेक्टेयर से 187521 हेक्टेयर हो गया है. इसी तरह खरीफ दलहन फसलों का आच्छादन भी पिछले चार पांच दिनों में बढ़ा है. 31 जुलाई को जहां 176127 हेक्टेयर में दलहन का आच्छादन हुआ था जो अब बढ़कर 193308 हेक्टेयर हो गया है. तिलहन की बात करें तो 18177 हेक्टेयर में तिलहन की फसल लगाई गई थी जो अब बढ़कर 21926 हेक्टेयर हो गयी है. इसी तरह राज्य में 31 जुलाई तक जहां 13843 हेक्टेयर में मोटे अनाज की फसल लगाई गई थी, वह अब बढ़कर 15815 हेक्टेयर हो गयी है.

तेजी से बढ़ेगा आच्छादन का रकबा

झारखंड कृषि निदेशालय में उप कृषि निदेशक मुकेश सिन्हा ने बताया कि पिछले 03 दिनों की मूसलाधार मानसूनी बारिश पूरे राज्य में हुई है. इस वजह से जहां ताल तलैयों में पर्याप्त पानी भर गया है बल्कि अन्नदाताओं के खेतों में भी पानी है. इसलिए अब राज्य में तेजी से धान एवं अन्य खरीफ फसलों का आच्छादन बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि कृषि निदेशालय किसानों की खेती बाड़ी से जुड़ी हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत-अंत तक हम खरीफ फसलों के आच्छादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.

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