रांची: झारखंड के विधायकों में दिल्ली पॉलिटिक्स की होड़ सी मची है. राज्य की राजनीति में लोहा मनवा चुके कई विधायक अब संसद में अपनी आवाज बुलंद करने को बेताब दिख रहे हैं. यही वजह है कि अलग-अलग दलों से एक या दो नहीं बल्कि 12 विधायक दिल्ली पहुंचने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर अलग-अलग पार्टियों से कुल 10 विधायक ताल ठोक रहे हैं. इस लिस्ट में झामुमो के दो बागी विधायकों का नाम जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 12 हो जाती है
अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या झारखंड में लोकसभा स्तर के नेताओं का टोटा हो गया है या फिर सभी पार्टियां विधायकों पर दाव खेलकर सेकेंड लाइन तैयार करना चाह रही हैं. सवाल यह भी है कि खुलकर बगावत करने वाले दो विधायकों पर झामुमो जैसी पार्टी कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है. लोहरदगा सीट पर बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा और राजमहल सीट पर बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम की खुली बगावत के आगे पार्टी क्यों मौन है.
14 में से 12 सीटों पर विधायक ठोक रहे हैं ताल
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर 12 विधायकों के ताल ठोकने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. इस रेस में सभी पार्टियां शामिल हैं. भाजपा ने हजारीबाग में सीटिंग विधायक मनीष जायसवाल, धनबाद में बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो और दुमका में जामा विधायक सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाया है. वहीं झामुमो ने गिरिडीह में टुंडी विधायक मथुरा महतो, सिंहभूम में मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी, जमशेदपुर में बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती और दुमका में शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन को मैदान में उतारा है.
इंडिया गठबंधन में शामिल भाकपा माले ने बगोदर से इकलौते विधायक विनोद कुमार सिंह को कोडरमा का प्रत्याशी बनाया है. इस मामले में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस ने गोड्डा सीट के लिए पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और मांडू से विधायक जेपी पटेल पर दांव खेला है. इसके अलावा लोहरदगा सीट पर बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने नामांकन कर दिया है. वहीं बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल लोकसभा सीट पर उतरने के लिए बेकरार दिख रहे हैं.
दिल्ली की रेस में झारखंड के माननीय
- भाजपा- मनीष जायसवाल, ढुल्लू महतो, सीता सोरेन
- झामुमो- मथुरा महतो, जोबा मांझी, नलिन सोरेन, समीर मोहंती
- कांग्रेस- जेपी पटेल, प्रदीप यादव
- भाकपा माले- विनोद कुमार सिंह
- बागी विधायक- चमरा लिंडा, लोबिन हेंब्रम
बागी पर भाजपा ले चुकी एक्शन, झामुमो मौन
झामुमो पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं क्योंकि चमरा लिंडा के नामांकन के बावजूद अभी तक पार्टी ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है. जबकि इंडिया गठबंधन के तहत लोहरदगा से कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के नामांकन में खुद सीएम चंपाई सोरेन पहुंचे थे. रही बात लोबिन की तो वह काफी समय से पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हैं. लगातार पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं. अब राजमहल से चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर चुके हैं. इसके बावजूद उनपर भी पार्टी कोई एक्शन नहीं ले रही है. हालांकि इस सवाल पर 24 अप्रैल को झामुमो ने स्टैंड क्लियर कर दिया है कि समय आने पर उचित फैसला लिया जाएगा.
इससे इतर भाजपा अपने मांडू विधायक जेपी पटेल के कांग्रेस में जाते ही दलबदल का मामला चलाने के लिए स्पीकर का दरवाजा खटखटा चुकी है. खुद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने 10वीं अनुसूची के तहत कार्रवाई की मांग की है. रही बात सीता सोरेन की तो वह भाजपा में शामिल होने से पहले ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के अलावा विधायक पद से भी इस्तीफा दे चुकी हैं. यह अलग बात है कि उनका इस्तीफा स्पीकर के पास लंबित है.
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