गिरिडीहः न्यूनतम मजदूरी और छंटनी की गई महिला कर्मियों को काम पर वापस लेने की मांग आंगनबाड़ी सेविका, जलसाहिया, स्वास्थ्य सहिया, रसोइया, पोषण सखी लगातार कर रही हैं. इसे लेकर कई दफा आंदोलन भी किया गया है, लेकिन अब तक मांगें पूरी नहीं की गई हैं. अब इन महिला कर्मियों ने आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है.
हर माह दो दिन प्रदर्शन करने का लिया गया निर्णय
नए निर्णय के अनुसार महीने में दो दिन संविदा पर सेवा देने वाली महिलाएं जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय में थाली बजाकर प्रदर्शन करेंगी और राज्य सरकार को जगाने का काम करेंगी. शनिवार को इस आंदोलन की शुरुआत गिरिडीह से की गई. गिरिडीह में झारखंड सरकारी महिला मजदूर मोर्चा के बैनर तले महिलाओं ने रैली निकाली और थाली बजाकर सरकार को जगाने का काम किया.
झामुमो ने नहीं पूरा किया वादाः अशोक
इस दौरान कर्मचारी नेता अशोक सिंह ने कहा कि सरकार बनने से पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कहा गया था कि एक-डेढ़ हजार रुपए मानदेय पर काम कर रही दीदियों को न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी, पर ऐसा हुआ नहीं. बल्कि जिन महिलाएं सेवा में थीं उनमें से कई को काम से हटा दिया गया है. यह कहां का इंसाफ है.
जो महिलाओं से जो टकराएगा, पांच साल तक पछताएगा
इस दौरान कर्मचारी नेता ने कहा कि राज्य सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में शनिवार से गिरिडीह से समूचे राज्य में थाली बजाने का कार्यक्रम शुरू हुआ है. इसके बाद हर माह एक दिन ब्लॉक में और एक दिन जिला मुख्यालय ने थाली बजाकर राज्य सरकार को जगाने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि तब तक थाली बजेगा, जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं. कर्मचारी नेता अशोक सिंह ने आगे कहा कि महिलाओं से जो टकराएगा वह पांच साल तक पछताएगा. इस दौरान महिला कर्मियों ने कहा कि सरकार का बजट हमलोगों के मानदेय से ही बिगड़ रहा है. बाकी सभी लोगों को वेतन मिल रहा है.
मौके पर ये भी थे मौजूद
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अंशुलता स्वरूप ने की. जबकि इस दौरान झारखंड मजदूर मोर्चा के अशोक सिंह, रघुनंदन विश्वकर्मा, रुपलाल महतो, सरिता देवी, दिव्या देवी, सितारा प्रवीण, संपा सिंह, प्रमिला देवी समेत कई महिला संविदा कर्मचारी मौजूद थीं.
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