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नहीं सुधर रही है रांची की ट्रैफिक व्यवस्था, सात वर्षों से पीआईएल पर हो रही है सुनवाई, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी - Ranchi traffic system

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 6, 2024, 12:53 PM IST

Jharkhand High Court. एक बार फिर झारखंड हाईकोर्ट ने राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था पर नाराजगी जताई है. अदालत ने ट्रैफिक एसपी से कहा कि सात वर्षों से पीआईएल की सुनवाई हो रही है, लेकिन अभी तक ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधर पाई.

Jharkhand High Court
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत- फाइल फोटो)

रांची: हाईकोर्ट के कई आदेशों के बावजूद राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आज हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सख्त मौखिक टिप्पणी की है. कोर्ट में सशरीर उपस्थित ट्रैफिक एसपी से कहा कि सात वर्षों से ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है. लेकिन आज तक जाम की समस्या का ठोस समाधान नहीं निकल पाया.

इसके लिए लॉन्ग टर्म प्लान बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने अवैध तरीके से राजधानी में चल रहे ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ नियमित अभियान चलाने का निर्देश दिया. इस दौरान कोर्ट ने चौक चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वॉशरूम समेत अन्य सुविधाओं के बारे में भी पूछा. इसपर नगर निगम की ओर से कहा गया कि जहां वॉशरूम की सुविधा नहीं है वहां बहुत जल्द मॉड्यूलर वॉशरूम लगाया जाएगा.

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त निर्धारित करते हुए अब तक हुए सुधार उपाय से जुड़ा शपथ पत्र दायर करने को कहा है.

कोर्ट ने मौखिक तौर पर ट्रैफिक एसपी से पूछा कि क्या ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था बहाल हो गई है. अगर ऐसा नहीं हो पाया है तो लगातार अभियान चलाएं. साथ ही ऑटो में निर्धारित संख्या से ज्यादा पैसेंजर ना बिठाए जाएं, इसको भी सुनिश्चित करना है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वीआईपी मूवमेंट होने पर व्यवस्था ठीक हो जाती है. इसके बाद ढिलाई बरतने से आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है.

आपको बता दें कि राजधानी की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट गंभीर है. हर सुनवाई पर फटकार लगायी जा रही है. हालांकि इसका असर भी दिख रहा है. लालपुर से कोकर डिस्टिलरी पुल से बीच सड़क किनारे सब्जी बेचने वालों को बिरसा मुंडा समाधि स्थल के पास शेड बनाकर शिफ्ट कर दिया गया है. इससे आम लोगों को काफी राहत मिली है.

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इसके लिए लॉन्ग टर्म प्लान बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने अवैध तरीके से राजधानी में चल रहे ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ नियमित अभियान चलाने का निर्देश दिया. इस दौरान कोर्ट ने चौक चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वॉशरूम समेत अन्य सुविधाओं के बारे में भी पूछा. इसपर नगर निगम की ओर से कहा गया कि जहां वॉशरूम की सुविधा नहीं है वहां बहुत जल्द मॉड्यूलर वॉशरूम लगाया जाएगा.

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त निर्धारित करते हुए अब तक हुए सुधार उपाय से जुड़ा शपथ पत्र दायर करने को कहा है.

कोर्ट ने मौखिक तौर पर ट्रैफिक एसपी से पूछा कि क्या ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था बहाल हो गई है. अगर ऐसा नहीं हो पाया है तो लगातार अभियान चलाएं. साथ ही ऑटो में निर्धारित संख्या से ज्यादा पैसेंजर ना बिठाए जाएं, इसको भी सुनिश्चित करना है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वीआईपी मूवमेंट होने पर व्यवस्था ठीक हो जाती है. इसके बाद ढिलाई बरतने से आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है.

आपको बता दें कि राजधानी की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट गंभीर है. हर सुनवाई पर फटकार लगायी जा रही है. हालांकि इसका असर भी दिख रहा है. लालपुर से कोकर डिस्टिलरी पुल से बीच सड़क किनारे सब्जी बेचने वालों को बिरसा मुंडा समाधि स्थल के पास शेड बनाकर शिफ्ट कर दिया गया है. इससे आम लोगों को काफी राहत मिली है.

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