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रांची की यातायात व्यवस्था पर हाईकोर्ट सख्त, ट्रैफिक एसपी को लगातार अभियान चलाने का निर्देश, सुविधा पर रिपोर्ट तलब - HC on Ranchi traffic system - HC ON RANCHI TRAFFIC SYSTEM

HC on Ranchi traffic system. रांची के खराब ट्रैफिक व्यवस्था पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं.

HC ON RANCHI TRAFFIC SYSTEM
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 4, 2024, 9:28 PM IST

रांची: राजधानी रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए रांची के ट्रैफिक एसपी को यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लगातार अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर लगाया जाए. खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पीक आवर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना जरुरी है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि चौक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड कर्मियों के लिए वॉशरूम समेत किस तरह की अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इस बाबत हाईकोर्ट ने रिपोर्ट भी मांगा है. मामले की विस्तृत सुनवाई 18 जुलाई को होगी.

दरअसल, राजधानी की सड़कों पर चलना तक मुहाल हो गया है. मेन रोड, कांटा टोली रोड, हरमू बाईपास रोड, रातू रोड, लालपुर रोड समेत सभी मुख्य मार्गों पर जाम लगने की वजह से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. कई बात चंद किलोमीटर का सफर पूरा करने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाता है. चौक-चौराहों पर सब्जी की दुकानें, गाड़ियों की अवैध पार्किंग, बिना परमिट वाले ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या सबसे बड़ा कारण बनी है.

27 जून को ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने भी प्रशासन से कई सवाल पूछे थे. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का ड्रेस कोड क्यों नहीं है.

आपको बता दें कि राजधानी में कुछ-एक चौक को छोड़ दें तो ज्यादातर जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. ट्रैफिक पुलिस के जवान अपने स्तर पर प्लास्टिक और टेंट लगाकर धूप और बारिश में खुद को बचाते हैं. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कार्रवाई के दौरान आए दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी की खबरें सामने आती हैं.

ये भी पढ़ें:

रांची की ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट की सख्त मौखिक टिप्पणी, क्या अदृश्य हो गये हैं 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवान - High court on poor traffic system

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रांची: राजधानी रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए रांची के ट्रैफिक एसपी को यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लगातार अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर लगाया जाए. खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पीक आवर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना जरुरी है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि चौक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड कर्मियों के लिए वॉशरूम समेत किस तरह की अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इस बाबत हाईकोर्ट ने रिपोर्ट भी मांगा है. मामले की विस्तृत सुनवाई 18 जुलाई को होगी.

दरअसल, राजधानी की सड़कों पर चलना तक मुहाल हो गया है. मेन रोड, कांटा टोली रोड, हरमू बाईपास रोड, रातू रोड, लालपुर रोड समेत सभी मुख्य मार्गों पर जाम लगने की वजह से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. कई बात चंद किलोमीटर का सफर पूरा करने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाता है. चौक-चौराहों पर सब्जी की दुकानें, गाड़ियों की अवैध पार्किंग, बिना परमिट वाले ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या सबसे बड़ा कारण बनी है.

27 जून को ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने भी प्रशासन से कई सवाल पूछे थे. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का ड्रेस कोड क्यों नहीं है.

आपको बता दें कि राजधानी में कुछ-एक चौक को छोड़ दें तो ज्यादातर जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. ट्रैफिक पुलिस के जवान अपने स्तर पर प्लास्टिक और टेंट लगाकर धूप और बारिश में खुद को बचाते हैं. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कार्रवाई के दौरान आए दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी की खबरें सामने आती हैं.

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