रांचीः महिलाओं और बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर आज गृह विभाग के सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, रांची नगर निगम के आयुक्त, रांची के उपायुक्त और रांची और एसएसपी सशरीर उपस्थित हुए. गृह सचिव ने हाईकोर्ट को बताया कि ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण करने के लिए स्कूल प्रबंधन स्तर पर बैठक कर रास्ता निकाला जाएगा. इसलिए समय दिया जाए. पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय करते हुए पूरे मामले में शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है.
दरअसल, भारती कुमारी की याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने पूछा था कि बच्चों और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं क्यों नहीं रुक रही हैं. कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नगर निगम को प्रतिवादी बनाने का निर्देश देते हुए आलाधिकारियों को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था.
आपको बता दें कि पिछले दिनों जमशेदपुर में स्कूल वैन ड्राइवर द्वारा साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ उत्पीड़न और रिम्स में महिला स्टाफ के साथ छेड़खानी की घटना हुई थी. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है. बड़ी संख्या में बच्चे बसों से स्कूल आना जाना करते हैं. इस दौरान यौन उत्पीड़न ना हो, इसके लिए स्कूल प्रबंधन को बस में स्टाफ रखने की जरूरत है.
30 सितंबर को सुनवाई के दौरान राजधानी में स्ट्रीट लाइट, सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे, पीसीआर वैन के मूवमेंट के स्टेट्स पर भी सुनवाई होगी. दरअसल, याचिकाकर्ता भारती कुमारी की ओर से कोर्ट के समक्ष इस साल जनवरी से जून तक महिलाओं के खिलाफ हुए दुष्कर्म की घटनाओं का डाटा पेश दिया गया है. इसके मुताबिक राज्य में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है.
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