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संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ से डेमोग्राफी चेंज! कनीय पदाधिकारियों के जवाब दाखिल करने पर हाईकोर्ट नाराज, उपायुक्तों को देना होगा शपथ पत्र - Jharkhand HC on Demography Change

Jharkhand HC on Demography Change. संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ से डेमोग्राफी चेंज मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कनीय पदाधिकारियों के जवाब दाखिल करने पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि उपायुक्तों को शपथ पत्र देना होगा.

JHARKHAND HC ON DEMOGRAPHY CHANGE
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 18, 2024, 4:40 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 4:52 PM IST

रांची: झारखंड के संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ से डेमोग्राफी के प्रभावित होने का मामला दिन ब दिन गहराता जा रहा है. अब यह मामला राजनीतिक खींचतान के दायरे से बाहर निकलकर हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है.

अधिवक्ता धीरज कुमार का बयान (ईटीवी भारत)

बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विद्युत रंजन सारंगी और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने पूछा कि पिछली सुनवाई में संथाल के सभी छह जिलों के उपायुक्तों को शपथ पत्र के जरिए रिपोर्ट मांगी गयी थी, तो फिर उनकी जगह कनीय पदाधिकारियों ने कैसे रिपोर्ट दे दी. यह कहते हुए खंडपीठ ने कनीय पदाधिकारियों के शपथ पत्र को खारिज कर दिया. साथ ही संथाल परगना प्रमंडल के दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, देवघर और गोड्डा के डीसी को फ्रेश शपथ पत्र दायर करने को कहा है.

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि संबंधित छह राज्यों के डीसी और एसपी की रिपोर्ट को खुद मुख्य सचिव खुद मॉनिटर करेंगे. लेकिन शपथ पत्र को उपायुक्त के बजाए कनीय पदाधिकारियों के हवाले से दायर कर दिया गया. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.

बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी पर पड़ रहे प्रभाव का हवाला देते हुए दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रहकर सुविधा का लाभ उठा रहे हैं तो आपके उनकी पहचान कर बांग्लादेश वापस भेजना होगा.

याचिका के मुताबिक संथाल के इन जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ हुआ है. यहां आने के बाद बांग्लादेशी यहां की आदिवासियों लड़कियों के साथ शादी कर लेते हैं. इससे डेमोग्राफी पर असर पड़ रहा है. याचिका के मुताबिक केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि बॉर्डर से घुसपैठ कैसे हो रहा है दरअसल, इस मसले को मुख्य विपक्षी दल भाजपा जोर शोर से उठा रही है. भाजपा की दलील है कि घुसपैठ को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में संथाल में आदिवासी खोजना मुश्किल हो जाएगा.

ये भी पढ़ें:

डेमोग्राफी चेंज पर बीजेपी से पूछे जा रहे सवाल, सत्ता में रहते हुए क्यों नहीं की कार्रवाई? लोगों ने माना खतरे में आदिवासी पहचान - Demographic change in Jharkhand

झारखंड के संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ और बदलते डेमोग्राफी का जिम्मेदार कौन? केंद्र या राज्य सरकार - Demographic change in Jharkhand

रांची: झारखंड के संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ से डेमोग्राफी के प्रभावित होने का मामला दिन ब दिन गहराता जा रहा है. अब यह मामला राजनीतिक खींचतान के दायरे से बाहर निकलकर हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है.

अधिवक्ता धीरज कुमार का बयान (ईटीवी भारत)

बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विद्युत रंजन सारंगी और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने पूछा कि पिछली सुनवाई में संथाल के सभी छह जिलों के उपायुक्तों को शपथ पत्र के जरिए रिपोर्ट मांगी गयी थी, तो फिर उनकी जगह कनीय पदाधिकारियों ने कैसे रिपोर्ट दे दी. यह कहते हुए खंडपीठ ने कनीय पदाधिकारियों के शपथ पत्र को खारिज कर दिया. साथ ही संथाल परगना प्रमंडल के दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, देवघर और गोड्डा के डीसी को फ्रेश शपथ पत्र दायर करने को कहा है.

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि संबंधित छह राज्यों के डीसी और एसपी की रिपोर्ट को खुद मुख्य सचिव खुद मॉनिटर करेंगे. लेकिन शपथ पत्र को उपायुक्त के बजाए कनीय पदाधिकारियों के हवाले से दायर कर दिया गया. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.

बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी पर पड़ रहे प्रभाव का हवाला देते हुए दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रहकर सुविधा का लाभ उठा रहे हैं तो आपके उनकी पहचान कर बांग्लादेश वापस भेजना होगा.

याचिका के मुताबिक संथाल के इन जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ हुआ है. यहां आने के बाद बांग्लादेशी यहां की आदिवासियों लड़कियों के साथ शादी कर लेते हैं. इससे डेमोग्राफी पर असर पड़ रहा है. याचिका के मुताबिक केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि बॉर्डर से घुसपैठ कैसे हो रहा है दरअसल, इस मसले को मुख्य विपक्षी दल भाजपा जोर शोर से उठा रही है. भाजपा की दलील है कि घुसपैठ को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में संथाल में आदिवासी खोजना मुश्किल हो जाएगा.

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Last Updated : Jul 18, 2024, 4:52 PM IST
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