रांची: ब्लैकआउट होने से झारखंड फिलहाल बच गया है. झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ से जुड़े बिजलीकर्मियों ने अपना हड़ताल समाप्त कर दिया है. जेबीवीएनएल मुख्यालय में निदेशक प्रमुख से हुई सकारात्मक वार्ता के बाद बिजलीकर्मियों ने आज से शुरू हो रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस लेने की घोषणा की. इससे पहले जेबीवीएनएल मुख्यालय में संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में दस सदस्यीय शिष्टमंडल कार्यकारी निदेशक केके वर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ वार्ता करने पहुंचे.
वार्ता के दौरान संघ के द्वारा छह सूत्री मांग सौंपी गई. इस मौके पर कार्यकारी निदेशक केके वर्मा ने कहा कि एरियर बकाया और एजेंसी की मनमानी की शिकायत के लिए दो सदस्यीय जांच टीम बनाई जायेगी. इसके अलावे अन्य मांगों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में अगले महीने रखा जायेगा.
ठेका पर काम कर रहे बिजलीकर्मियों की सेवा 60 साल करने सहित अन्य प्रस्तावों पर केके वर्मा ने सहमति जताते हुए कहा कि उनकी ओर से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में समर्थन किया जायेगा. जेबीवीएनएल अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर एक महीने के अंदर फैसला नहीं लिया जाता है तो बिजली कर्मी हड़ताल करने के लिए विवश हो जायेंगे.
नारेबाजी करते बिजलीकर्मी पहुंचे जेबीवीएनएल मुख्यालय
गुरुवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार राज्यभर से आउटसोर्सिंग पर कार्यरत बिजली कर्मी जेबीवीएनएल मुख्यालय पहुंचे. संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में जेबीवीएनएल मुख्यालय पहुंचे बिजलीकर्मियों ने इस दौरान अपनी छह सूत्री मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. धुर्वा गोलचक्कर पर एकत्रित हुए आंदोलनरत बिजली कर्मी जैसे ही जेबीवीएनएल मुख्यालय की ओर बढ़े पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास किया गया.
हालांकि जेबीवीएनएल कार्यालय के मुख्य द्वार तक पहुंचने में बिजलीकर्मी सफल रहे और वहाँ जमकर नारेबाजी की. आंदोलनरत बिजलीकर्मी ठेका पर काम कराने की प्रथा को बंद करने तथा एंजेसी पर मानदेय का भुगतान नहीं करने का लगातार आरोप लगा रहे थे.
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