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झारखंड में हो सकती है बत्ती गुल, झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने दी 3 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की दी धमकी - Electricity workers strike

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Electricity workers strike in Jharkhand. झारखंड में ब्लैकआउट जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है.

Electricity workers strike in Jharkhand
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ (ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड में अपनी मांगों के समर्थन में झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि राज्य के सभी सप्लाई एरिया बोर्ड ट्रांसमिशन जोन के बिजली कर्मचारी 3 अक्टूबर से होने वाली हड़ताल के लिए तैयार हैं और कल सभी रांची के सेक्टर 3 धुर्वा गोल चक्कर मैदान पहुंचेंगे.

अजय राय ने बताया कि उनकी 6 सूत्री मांगों में आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू करना, होमगार्ड की तर्ज पर 1000 रुपये से ऊपर के बिजली कर्मचारियों का मानदेय अनुभव के आधार पर चार श्रेणियों में तय करना, नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता तय करना और 10 साल से अधिक सेवा दे चुके कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति करना और सभी सप्लाई और ट्रांसमिशन जोन में एरियर घोटाले की जांच करवाना और जहां एरियर का भुगतान नहीं हुआ है, वहां एरियर का भुगतान सुनिश्चित करना शामिल है.

हड़ताल पर जाएगा झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ (ईटीवी भारत)

विद्युत व्यवस्था हो सकती है प्रभावित

अजय राय ने हड़ताल के कारण बिजली व्यवस्था प्रभावित होने का दावा करते हुए कहा है कि झारखंड में ब्लैकआउट हो सकता है. क्योंकि राज्य के 7000 बिजली कर्मचारी इस हड़ताल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने जा रहे हैं. इसको लेकर गिरिडीह, चतरा, जमशेदपुर, रामगढ़, लोहरदगा, गुमला, खूंटी आदि क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य के सभी सप्लाई एरिया बोर्ड और ट्रांसमिशन जोन के साथी रांची पहुंच रहे हैं. इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए झारखंड ऊर्जा विकास निगम जिम्मेदार होगा.

उन्होंने कहा कि यूनियन की मांग को लेकर सरकार के सभी वरीय अधिकारियों और जेबीवीएनएल के अधिकारियों से चर्चा की गई लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया. ये सभी मांगें पुरानी मांगें हैं जो यूनियन लंबे समय से कर रही है. सरकार और जेबीवीएनएल की उदासीनता के कारण यूनियन को मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है.

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अजय राय ने बताया कि उनकी 6 सूत्री मांगों में आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू करना, होमगार्ड की तर्ज पर 1000 रुपये से ऊपर के बिजली कर्मचारियों का मानदेय अनुभव के आधार पर चार श्रेणियों में तय करना, नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता तय करना और 10 साल से अधिक सेवा दे चुके कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति करना और सभी सप्लाई और ट्रांसमिशन जोन में एरियर घोटाले की जांच करवाना और जहां एरियर का भुगतान नहीं हुआ है, वहां एरियर का भुगतान सुनिश्चित करना शामिल है.

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अजय राय ने हड़ताल के कारण बिजली व्यवस्था प्रभावित होने का दावा करते हुए कहा है कि झारखंड में ब्लैकआउट हो सकता है. क्योंकि राज्य के 7000 बिजली कर्मचारी इस हड़ताल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने जा रहे हैं. इसको लेकर गिरिडीह, चतरा, जमशेदपुर, रामगढ़, लोहरदगा, गुमला, खूंटी आदि क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य के सभी सप्लाई एरिया बोर्ड और ट्रांसमिशन जोन के साथी रांची पहुंच रहे हैं. इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए झारखंड ऊर्जा विकास निगम जिम्मेदार होगा.

उन्होंने कहा कि यूनियन की मांग को लेकर सरकार के सभी वरीय अधिकारियों और जेबीवीएनएल के अधिकारियों से चर्चा की गई लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया. ये सभी मांगें पुरानी मांगें हैं जो यूनियन लंबे समय से कर रही है. सरकार और जेबीवीएनएल की उदासीनता के कारण यूनियन को मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है.

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