रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा अब तथ्यों के साथ हेमंत सरकार को घेरने में जुट गई है. आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान "मिला क्या ?"स्लोगन के साथ वीडियो दिखाकर बताया गया कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन ने जो वादे किए थे, उन वादों का क्या हाल है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान जब सरकार को वादों की याद दिलाई जा रही थी, तब भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. 23 अगस्त को जन आक्रोश रैली से सरकार डरी हुई नजर आयी. वहीं, गिरिडीह जिला में तीसरी ब्लॉक के बेलवाना पंचायत के सिलसिया गांव से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस वक्त हमारे साथ गांव की कई महिलाएं मौजूद हैं. हमने सभी से सर्वजन पेंशन योजना के बारे में पूछा। यहां किसी को पेंशन नहीं मिल रहा है.
हमें तो नहीं मिला, आपको मिला क्या: भाजपा
भाजपा ने कहा कि सरकार ने हर वर्ष 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, रोजगार नहीं मिलने तक 5000 रुपये स्नातक को और 7000 रुपये स्नातकोत्तर को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था. इतना ही नहीं हेमंत सोरेन ने कहा था कि यदि ये कार्य पूर्ण न हुए तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. जिससे युवा पूछ रहे हैं मुझे सरकारी नौकरी नहीं मिली, आपको मिली क्या? हेमंत सोरेन ने महिलाओं को गारंटी फ्री 50000 का ऋण देने का वादा किया था, महिलाओं को प्रतिमाह 2000 चूल्हा भत्ता देने का वादा किया था, गरीब बेटियों की शादी के बाद सोने का सिक्का देने का वादा किया था, किसानों से वादा किया था कि सभी 264 ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे, सभी गरीब परिवार को 72000 प्रति वर्ष देने का वादा किया था, सभी विधवा महिलाओं को 2500 रुपया प्रतिमाह देने का वादा किया था. इसके अलावा हेमंत सोरेन ने चाईबासा, पलामू और हज़ारीबाग को उपराजधानी बनाने का वादा किया था, स्वास्थ्य क्षेत्र में सभी प्राथमिक, उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो अब तक पूरा नहीं हुआ. जिससे मरीज भी पूछ रहे मुझे तो इलाज न मिला आपको मिला क्या?
भाजपा ने आगे कहा कि हेमंत सोरेन ने अनुबंधकर्मी और संविदाकर्मियों से स्थायीकरण करने का वादा किया था. जब पारा शिक्षकों ने अपने अधिकार के लिए आवाज उठाई तो उनपर लाठियां बरसाई गयी. सरकार के लगभग सभी परीक्षाओं में घोटाला हुआ. CGL, JSSC, JPSC, LAB तकनीशियन सभी तरह की परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. JPSC में सदस्य सरकार के नेताओं के परिजन हैं, सरकार ने नौकरी को बेचने का काम किया है. आज राज्य में बालू सोने के भाव बिक रहा है. सरकार के संरक्षण में बालू की कालाबाजारी हो रही है. एक तरफ झारखंड सेवा सचिवालय, समाहरणालय कर्मी जैसे कई सरकारी कर्मचारी हैं, जिनकी नौकरी छीनने का काम भी इस सरकार ने किया.
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