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भाजपा की चुनावी तैयारी, जमीनी स्तर पर उम्मीदवारों की पैठ आंकने की कवायद - assembly elections 2024 - ASSEMBLY ELECTIONS 2024

Jharkhand election 2024. बीजेपी चुनावी मोड में आ चुकी है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार बैठकों का सिलसिला जारी है. फिलहाल उम्मीदवारों के चयन पर मंथन जारी है.

ASSEMBLY ELECTIONS 2024
भारतीय जनता पार्टी कार्यालय (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2024, 2:19 PM IST

रांचीः झारखंड भाजपा ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. पहले फेज में जमीनी स्तर पर उम्मीदवारों की पैठ आंकी जा रही है. बुधवार को राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में संभावित उम्मीदवारों के नाम को लेकर रायशुमारी की गई. हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से उम्मीदवारों का नाम पूछा गया है. एक पदाधिकारी/ कार्यकर्ता को अधिकतम तीन संभावित उम्मीदवारों का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डलवाया गया है. इसके लिए बैलेट पेपर की तरह एक पर्ची भी तैयार की गई है. कोई चाहे तो खुद का या अपनी पसंद का एक या दो नाम भी लिख सकता है.

भाजपा सूत्रों ने बताया कि हर विधानसभा सीट के लिए 300 से 350 लोगों का विचार लिया जाना है. इस प्रक्रिया में जिला पदाधिकारी और जिला कार्यसमिति सदस्य, निवर्तमान जिला पदाधिकारी, मंडल पदाधिकारी और कार्यसमिति, मंडल मोर्चे के अध्यक्ष और महामंत्री, सभी पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व मंडल अध्यक्ष, प्रदेश मोर्चा के पदाधिकारी, कार्यसमिति के सदस्य, प्रदेश प्रकोष्ठ और विभाग के संयोजक/सह संयोजक के अलावा जिला मोर्चा के पदाधिकारी को शामिल किया गया है.

इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विधानसभा स्तर पर दो-दो लोगों की टीम बनाई गई है. वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी 81 बैलेट बॉक्स को पार्टी कार्यालय में लाया जाएगा. इसके बाद हर पर्ची की स्क्रीनिंग होगी. फिर यह देखा जाएगा कि किस विधानसभा क्षेत्र के लिए टॉप थ्री में कौन-कौन से नाम हैं. इससे आला नेताओं को बेहतर प्रत्याशियों के चयन में मदद मिलेगी. भाजपा सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया को साल 2014 के विधानसभा चुनाव के वक्त भी अपनाया गया था. इसका सार्थक नतीजा भी निकला. रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. लेकिन 2019 के चुनाव के समय रायशुमारी की प्रक्रिया पार्टी कार्यालय में ही पूरी की गई थी.

यहां यह समझना जरुरी है कि इस रायशुमारी में किसी एक उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा. इसे सेलेक्शन का पहला स्टेज कहा जा सकता है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि इसके बाद शीट शेयरिंग और सामाजिक समीकरण को लेकर भी तालमेल बिठाना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर जमशेदपुर पूर्वी सीट के लिए भी यह प्रक्रिया हुई है. लेकिन पूरी संभावना है कि गठबंधन के तहत यह सीट जदयू के खाते में जा सकती है. ऐसे में सरयू राय उम्मीदवार बन जाएंगे.

रांचीः झारखंड भाजपा ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. पहले फेज में जमीनी स्तर पर उम्मीदवारों की पैठ आंकी जा रही है. बुधवार को राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में संभावित उम्मीदवारों के नाम को लेकर रायशुमारी की गई. हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से उम्मीदवारों का नाम पूछा गया है. एक पदाधिकारी/ कार्यकर्ता को अधिकतम तीन संभावित उम्मीदवारों का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डलवाया गया है. इसके लिए बैलेट पेपर की तरह एक पर्ची भी तैयार की गई है. कोई चाहे तो खुद का या अपनी पसंद का एक या दो नाम भी लिख सकता है.

भाजपा सूत्रों ने बताया कि हर विधानसभा सीट के लिए 300 से 350 लोगों का विचार लिया जाना है. इस प्रक्रिया में जिला पदाधिकारी और जिला कार्यसमिति सदस्य, निवर्तमान जिला पदाधिकारी, मंडल पदाधिकारी और कार्यसमिति, मंडल मोर्चे के अध्यक्ष और महामंत्री, सभी पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व मंडल अध्यक्ष, प्रदेश मोर्चा के पदाधिकारी, कार्यसमिति के सदस्य, प्रदेश प्रकोष्ठ और विभाग के संयोजक/सह संयोजक के अलावा जिला मोर्चा के पदाधिकारी को शामिल किया गया है.

इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विधानसभा स्तर पर दो-दो लोगों की टीम बनाई गई है. वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी 81 बैलेट बॉक्स को पार्टी कार्यालय में लाया जाएगा. इसके बाद हर पर्ची की स्क्रीनिंग होगी. फिर यह देखा जाएगा कि किस विधानसभा क्षेत्र के लिए टॉप थ्री में कौन-कौन से नाम हैं. इससे आला नेताओं को बेहतर प्रत्याशियों के चयन में मदद मिलेगी. भाजपा सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया को साल 2014 के विधानसभा चुनाव के वक्त भी अपनाया गया था. इसका सार्थक नतीजा भी निकला. रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. लेकिन 2019 के चुनाव के समय रायशुमारी की प्रक्रिया पार्टी कार्यालय में ही पूरी की गई थी.

यहां यह समझना जरुरी है कि इस रायशुमारी में किसी एक उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा. इसे सेलेक्शन का पहला स्टेज कहा जा सकता है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि इसके बाद शीट शेयरिंग और सामाजिक समीकरण को लेकर भी तालमेल बिठाना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर जमशेदपुर पूर्वी सीट के लिए भी यह प्रक्रिया हुई है. लेकिन पूरी संभावना है कि गठबंधन के तहत यह सीट जदयू के खाते में जा सकती है. ऐसे में सरयू राय उम्मीदवार बन जाएंगे.

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