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आलू व्यवसायियों ने ममता और हेमंत सरकार से लगाई गुहार, कहा- जल्द खोलें बॉर्डर

आलू पर घमासान हो रहा है. एक तरफ कीमतों में इजाफा तो दूसरी ओर बंगाल सरकार द्वारा निर्यात पर रोक.

Jharkhand Bihar Potato traders appealed to Bengal and Jharkhand government to open border for business
चेकपोस्ट और आलू के ट्रक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 30, 2024, 4:07 PM IST

धनबादः पश्चिम बंगाल सरकार की बेरुखी का असर झारखंड और बिहार के व्यवसायियों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी झेलना पड़ रहा है. झारखंड और बंगाल सीमा के मैथन की डिबुडीह चेकपोस्ट पर आलू लोड वाहनों को गुरुवार रात से ही रोक दिया गया है. बंगाल से आलू लोड करके बिहार और झारखंड में लाया जा रहा था.

आलू लोड वाहन डिबुडीह चेकपोस्ट पर रात से ही खड़ी है. इसमें रखे आलू खराब हो रहे हैं. वहीं धनबाद के बरवाअड्डा स्थित कृषि बाजार में बंगाल से आने वाले वाहन शुक्रवार से वहां नहीं पहुंचे. कृषि बाजार के थोक व्यवसायी उत्तर प्रदेश से आलू मंगवा रहे हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः झारखंड और बंगाल सीमा आलू की खड़ी ट्रकों को लेकर कारोबारी परेशान (ETV Bharat)

वहीं कुछ व्यवसायियों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है, यह आदेश सिर्फ मौखिक है. डिबुडीह चेकपोस्ट पर वाहनों से वसूली करके छोड़ा जा रहा है. बंगाल सरकार के इस फरमान से हर दिन रिटेल प्राइस में 15 से 20 रु की वृद्धि हो रही है.

कृषि बाजार के थोक व्यवसायी लक्की साव ने कहा कि आलू सब्जी का राजा है, बिना आलू के कोई सब्जी नहीं बन सकती है. आम आदमी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बंगाल से आलू की आवक बंद होने के बाद यूपी से आलू मंगवाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल से सप्लाई बंद होने के बाद यूपी के आलू के दाम में वृद्धि हो जाती है. सरकार से आग्रह है कि बॉर्डर को जल्द से जल्द खुलवाए.

वहीं कारोबारी राजकुमार साव ने बताया कि पश्चिम बंगाल बॉर्डर से आलू आने नहीं दिया जा रहा है. खुदरा बाजार में आलू महंगी होती जा रही है. उन्होंने बॉर्डर खोलने की मांग की है. व्यवसायी विनय कंधवे ने कहा कि झारखंड और बिहार में आलू की सप्लाई मुख्य रूप से बिहार से होती है. यह विषय सीएम ममता बनर्जी अच्छी तरह से जानती है. हर छह और तीन महीने में आलू पर प्रतिबंध लगाया जाता है. यह कागजी प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बॉर्डर पर ही यह प्रतिबंध है, सीमा पर सिपाही पैसे लेकर गाड़ियों को छोड़ रहें हैं.

व्यवसायी विनय कंधवे ने कहा कि किसी से 11 हजार, किसी से 20 हजार बंगाल पुलिस बॉर्डर पर वाहनों से वसूली कर उन्हें छोड़ रही है. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. सीएम हेमंत सोरेन अगर बंगाल सरकार से बात करें तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है. आलू की सप्लाई बंद होने से झारखंड और बिहार पर असर पड़ रहा है. हर दिन 15 से 20 रुपए आलू की कीमत में वृद्धि हो रही है.

इसे भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल-झारखंड बॉर्डर खुला, गाड़ियों की लगी लंबी जाम से मिली राहत - Jharkhand Bengal border

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इसे भी पढ़ें- बारिश ने बरपाया हजारीबाग के किसानों पर कहर, आलू की फसल बर्बाद, सरकार से मुआवजे की मांग - Potato Farmers in Hazaribagh

धनबादः पश्चिम बंगाल सरकार की बेरुखी का असर झारखंड और बिहार के व्यवसायियों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी झेलना पड़ रहा है. झारखंड और बंगाल सीमा के मैथन की डिबुडीह चेकपोस्ट पर आलू लोड वाहनों को गुरुवार रात से ही रोक दिया गया है. बंगाल से आलू लोड करके बिहार और झारखंड में लाया जा रहा था.

आलू लोड वाहन डिबुडीह चेकपोस्ट पर रात से ही खड़ी है. इसमें रखे आलू खराब हो रहे हैं. वहीं धनबाद के बरवाअड्डा स्थित कृषि बाजार में बंगाल से आने वाले वाहन शुक्रवार से वहां नहीं पहुंचे. कृषि बाजार के थोक व्यवसायी उत्तर प्रदेश से आलू मंगवा रहे हैं.

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वहीं कुछ व्यवसायियों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है, यह आदेश सिर्फ मौखिक है. डिबुडीह चेकपोस्ट पर वाहनों से वसूली करके छोड़ा जा रहा है. बंगाल सरकार के इस फरमान से हर दिन रिटेल प्राइस में 15 से 20 रु की वृद्धि हो रही है.

कृषि बाजार के थोक व्यवसायी लक्की साव ने कहा कि आलू सब्जी का राजा है, बिना आलू के कोई सब्जी नहीं बन सकती है. आम आदमी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बंगाल से आलू की आवक बंद होने के बाद यूपी से आलू मंगवाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल से सप्लाई बंद होने के बाद यूपी के आलू के दाम में वृद्धि हो जाती है. सरकार से आग्रह है कि बॉर्डर को जल्द से जल्द खुलवाए.

वहीं कारोबारी राजकुमार साव ने बताया कि पश्चिम बंगाल बॉर्डर से आलू आने नहीं दिया जा रहा है. खुदरा बाजार में आलू महंगी होती जा रही है. उन्होंने बॉर्डर खोलने की मांग की है. व्यवसायी विनय कंधवे ने कहा कि झारखंड और बिहार में आलू की सप्लाई मुख्य रूप से बिहार से होती है. यह विषय सीएम ममता बनर्जी अच्छी तरह से जानती है. हर छह और तीन महीने में आलू पर प्रतिबंध लगाया जाता है. यह कागजी प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बॉर्डर पर ही यह प्रतिबंध है, सीमा पर सिपाही पैसे लेकर गाड़ियों को छोड़ रहें हैं.

व्यवसायी विनय कंधवे ने कहा कि किसी से 11 हजार, किसी से 20 हजार बंगाल पुलिस बॉर्डर पर वाहनों से वसूली कर उन्हें छोड़ रही है. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. सीएम हेमंत सोरेन अगर बंगाल सरकार से बात करें तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है. आलू की सप्लाई बंद होने से झारखंड और बिहार पर असर पड़ रहा है. हर दिन 15 से 20 रुपए आलू की कीमत में वृद्धि हो रही है.

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