रांची: झारखंड चुनावी रण में टिकट न मिलने पर पार्टी बदलने या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर कांग्रेस ने कड़ा कदम उठाया है. प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देशानुसार, देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, मुनेश्वर उरांव और इसराफिल अंसारी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है. इस कार्रवाई की जानकारी प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन सतीश पॉल मुंजनी ने दी.
दरअसल, पांकी विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस सीट पर वर्तमान विधायक भाजपा के कुशवाहा शशिभूषण मेहता हैं. कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व मंत्री मधु सिंह के बेटे लाल सूरज सिंह को उम्मीदवार बनाया है. टिकट न मिलने से नाराज पूर्व मंत्री विदेश सिंह के बेटे बिट्टू सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि 2017 में विदेश सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने लाल सूरज सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे विदेश सिंह के बेटे बिट्टू सिंह से हार गए थे.
कांग्रेस ने मनिका सीट से मौजूदा विधायक रामचंद्र सिंह को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. हालांकि, लातेहार के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रहे मुनेश्वर उरांव टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए हैं. इस सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक हरिकृष्ण सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
वहीं, बोकारो जिले की गोमिया सीट पर आजसू के मौजूदा विधायक लंबोदर महतो के खिलाफ झामुमो ने योगेंद्र महतो को उतारा है. 2019 में भी यह सीट महागठबंधन के तहत झामुमो को मिली थी. इस बार कांग्रेस नेता इसराफिल अंसारी टिकट की आस लगाए बैठे थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. कांग्रेस ने इसे अपने संविधान के अनुशासनात्मक नियम का उल्लंघन मानते हुए निष्कासन की कार्रवाई की है.
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