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शिकारीपाड़ा में कौन संभालेगा नलिन सोरेन की विरासत, क्या बीजेपी के लिए खत्म होगा 35 साल का सूखा - Jharkhand assembly Election - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

झारखंड विधानसभा चुनाव में शिकारीपाड़ा सीट काफी खास है. क्योंकि इस सीट से झामुमो पिछले 35 साल से जीत हासिल करता आ रहा है. खास बात ये है कि यहां से नलिन सोरेन लगातार सात बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. अब चूकी वे सांसद बन गए हैं तो ऐसे में बीजेपी को भी उम्मीद दिख रही है कि वे इस सीट पर कब्जा कर सकते हैं.

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 18, 2024, 10:44 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी अपने शबाब पर है. सभी पार्टियां और नेता पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ चुके हैं. बात करें शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट की तो ये झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से नलिन सोरेन विधायक थे जो अब सांसद बन चुके हैं. ऐसे में इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा और क्या रहा है इस सीट का इतिहास जानिए इस रिपोर्ट में.

शिकारीपाड़ा लोकसभा सीट झामुमो का एक अभेद्य किला है. अब तक कोई भी पार्टी झामुमो के इस किले को फतह नहीं कर पाई है. यहां से झामुमो के कद्दावर नेता नलिन सोरेन ने 7 बार जीत दर्ज की है. यही वजह रही है कि जब झामुमो से सीता सोरेन ने बगावत कर दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवारी दाखिल की तो पार्टी ने नलिन सोरेन पर अपना भरोसा जताया. नलिन भी पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरे और शानदार जीत दर्ज की. शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट में जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन को करीब 25 हजार वोटों की बढ़त मिली थी. इसी बढ़त ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई. जिसके बाद से अब शिकारीपाड़ा में विधायक का पद खाली है.

शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट का इतिहास

वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम79,400
परितोष सोरेनबीजेपी49,929
राजेश मुर्मूजेवीएम5,164
सालखन मुर्मूजेडीयू4,445
वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम61,901
परितोष सोरेनजेवीएम37,400
शिवधन मुर्मूलोजपा21,010।
राजा मरांडीकांग्रेस7,877
वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम30,478
परितोष सोरेनजेवीएम29,471
राजा मरांडीजदयू29,009
वर्ष 2005 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम27,723
राजा मरांडीजदयू24,641

1990 से लगातार जीतते आ रहे हैं नलिन

पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा इस विधानसभा सीट पर अब तक कुल मिलाकर 17 बार चुनाव हुए हैं. यहां से नलिन सोरेन 1990 से ही लगातार जीतते आ रहे हैं. फिलहाल नलिन सांसद बन गए हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि इस सीट पर झामुमो अब किसे अपना उम्मीदवार बनाएगा.

शिकारीपाड़ा सीट के लिए नलिन के परिवार वाले दावेदार

शिकारीपाड़ा सीट से क्योंकि नलिन लगातार जीतते आ रहे हैं तो ऐसे में राजनीतिक हलकों में ये भी चर्चा है कि ये सीट उनके परिवार के किसी सदस्य को ही मिले. इसमें नलिन के बेटे आलोक सोरेन और उनकी पत्नी का भी नाम लिया जा रहा है. इसके अलावा बसंत सोरेन भी इस सीट के लिए दावेदार माने जा रहे हैं.

बीजेपी के लिए बड़ा अवसर

शिकारीपाड़ा सीट पर क्योंकि झामुमो मजबूत है ऐसे में विपक्ष की तरफ से यहां कौन कैंडिडेट होगा ये भी देखना दिलचस्प होगा. हालांकि फिलहाल बीजेपी अपनी रायशुमारी कर रही है और इस सीट से किसी का नाम फाइनल नहीं किया गया है. लेकिन यहां से पारितोष सोरेन और अविनाश सोरेन एक मजबूत दावेदार हैं. शिकारीपाड़ा सीट पर बीजेपी अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाई है क्योकि यहां पर नलिन काफी मजबूत थे. लेकिन क्योंकि वे सांसद बन गए हैं तो ऐसे में ये बीजेपी के लिए ये एक बड़ा मौका होगा कि वे इस सीट पर जीत हासिल कर सके.

ये भी पढ़ें:

बीजेपी के पास 35 साल का सूखा खत्म करने का मौका, क्या नलिन सोरेन के चुनाव न लड़ने से बदलेंगे हालात, क्या होगी जेएमएम की रणनीति - Shikaripara Assembly seat

झारखंड विधानसभा चुनाव में परिवारवाद! बेटे-बेटियों के साथ बहुएं और पत्नियां भी तैयारी में - Nepotism in Politics

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी अपने शबाब पर है. सभी पार्टियां और नेता पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ चुके हैं. बात करें शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट की तो ये झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से नलिन सोरेन विधायक थे जो अब सांसद बन चुके हैं. ऐसे में इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा और क्या रहा है इस सीट का इतिहास जानिए इस रिपोर्ट में.

शिकारीपाड़ा लोकसभा सीट झामुमो का एक अभेद्य किला है. अब तक कोई भी पार्टी झामुमो के इस किले को फतह नहीं कर पाई है. यहां से झामुमो के कद्दावर नेता नलिन सोरेन ने 7 बार जीत दर्ज की है. यही वजह रही है कि जब झामुमो से सीता सोरेन ने बगावत कर दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवारी दाखिल की तो पार्टी ने नलिन सोरेन पर अपना भरोसा जताया. नलिन भी पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरे और शानदार जीत दर्ज की. शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट में जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन को करीब 25 हजार वोटों की बढ़त मिली थी. इसी बढ़त ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई. जिसके बाद से अब शिकारीपाड़ा में विधायक का पद खाली है.

शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट का इतिहास

वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम79,400
परितोष सोरेनबीजेपी49,929
राजेश मुर्मूजेवीएम5,164
सालखन मुर्मूजेडीयू4,445
वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम61,901
परितोष सोरेनजेवीएम37,400
शिवधन मुर्मूलोजपा21,010।
राजा मरांडीकांग्रेस7,877
वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम30,478
परितोष सोरेनजेवीएम29,471
राजा मरांडीजदयू29,009
वर्ष 2005 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टीप्राप्त मत
नलिन सोरेनजेएमएम27,723
राजा मरांडीजदयू24,641

1990 से लगातार जीतते आ रहे हैं नलिन

पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा इस विधानसभा सीट पर अब तक कुल मिलाकर 17 बार चुनाव हुए हैं. यहां से नलिन सोरेन 1990 से ही लगातार जीतते आ रहे हैं. फिलहाल नलिन सांसद बन गए हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि इस सीट पर झामुमो अब किसे अपना उम्मीदवार बनाएगा.

शिकारीपाड़ा सीट के लिए नलिन के परिवार वाले दावेदार

शिकारीपाड़ा सीट से क्योंकि नलिन लगातार जीतते आ रहे हैं तो ऐसे में राजनीतिक हलकों में ये भी चर्चा है कि ये सीट उनके परिवार के किसी सदस्य को ही मिले. इसमें नलिन के बेटे आलोक सोरेन और उनकी पत्नी का भी नाम लिया जा रहा है. इसके अलावा बसंत सोरेन भी इस सीट के लिए दावेदार माने जा रहे हैं.

बीजेपी के लिए बड़ा अवसर

शिकारीपाड़ा सीट पर क्योंकि झामुमो मजबूत है ऐसे में विपक्ष की तरफ से यहां कौन कैंडिडेट होगा ये भी देखना दिलचस्प होगा. हालांकि फिलहाल बीजेपी अपनी रायशुमारी कर रही है और इस सीट से किसी का नाम फाइनल नहीं किया गया है. लेकिन यहां से पारितोष सोरेन और अविनाश सोरेन एक मजबूत दावेदार हैं. शिकारीपाड़ा सीट पर बीजेपी अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाई है क्योकि यहां पर नलिन काफी मजबूत थे. लेकिन क्योंकि वे सांसद बन गए हैं तो ऐसे में ये बीजेपी के लिए ये एक बड़ा मौका होगा कि वे इस सीट पर जीत हासिल कर सके.

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