रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी अपने शबाब पर है. सभी पार्टियां और नेता पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ चुके हैं. बात करें शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट की तो ये झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से नलिन सोरेन विधायक थे जो अब सांसद बन चुके हैं. ऐसे में इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा और क्या रहा है इस सीट का इतिहास जानिए इस रिपोर्ट में.
शिकारीपाड़ा लोकसभा सीट झामुमो का एक अभेद्य किला है. अब तक कोई भी पार्टी झामुमो के इस किले को फतह नहीं कर पाई है. यहां से झामुमो के कद्दावर नेता नलिन सोरेन ने 7 बार जीत दर्ज की है. यही वजह रही है कि जब झामुमो से सीता सोरेन ने बगावत कर दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवारी दाखिल की तो पार्टी ने नलिन सोरेन पर अपना भरोसा जताया. नलिन भी पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरे और शानदार जीत दर्ज की. शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट में जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन को करीब 25 हजार वोटों की बढ़त मिली थी. इसी बढ़त ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई. जिसके बाद से अब शिकारीपाड़ा में विधायक का पद खाली है.
शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट का इतिहास
वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
नलिन सोरेन | जेएमएम | 79,400 |
परितोष सोरेन | बीजेपी | 49,929 |
राजेश मुर्मू | जेवीएम | 5,164 |
सालखन मुर्मू | जेडीयू | 4,445 |
वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
नलिन सोरेन | जेएमएम | 61,901 |
परितोष सोरेन | जेवीएम | 37,400 |
शिवधन मुर्मू | लोजपा | 21,010। |
राजा मरांडी | कांग्रेस | 7,877 |
वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
नलिन सोरेन | जेएमएम | 30,478 |
परितोष सोरेन | जेवीएम | 29,471 |
राजा मरांडी | जदयू | 29,009 |
वर्ष 2005 में विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
नलिन सोरेन | जेएमएम | 27,723 |
राजा मरांडी | जदयू | 24,641 |
1990 से लगातार जीतते आ रहे हैं नलिन
पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा इस विधानसभा सीट पर अब तक कुल मिलाकर 17 बार चुनाव हुए हैं. यहां से नलिन सोरेन 1990 से ही लगातार जीतते आ रहे हैं. फिलहाल नलिन सांसद बन गए हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि इस सीट पर झामुमो अब किसे अपना उम्मीदवार बनाएगा.
शिकारीपाड़ा सीट के लिए नलिन के परिवार वाले दावेदार
शिकारीपाड़ा सीट से क्योंकि नलिन लगातार जीतते आ रहे हैं तो ऐसे में राजनीतिक हलकों में ये भी चर्चा है कि ये सीट उनके परिवार के किसी सदस्य को ही मिले. इसमें नलिन के बेटे आलोक सोरेन और उनकी पत्नी का भी नाम लिया जा रहा है. इसके अलावा बसंत सोरेन भी इस सीट के लिए दावेदार माने जा रहे हैं.
बीजेपी के लिए बड़ा अवसर
शिकारीपाड़ा सीट पर क्योंकि झामुमो मजबूत है ऐसे में विपक्ष की तरफ से यहां कौन कैंडिडेट होगा ये भी देखना दिलचस्प होगा. हालांकि फिलहाल बीजेपी अपनी रायशुमारी कर रही है और इस सीट से किसी का नाम फाइनल नहीं किया गया है. लेकिन यहां से पारितोष सोरेन और अविनाश सोरेन एक मजबूत दावेदार हैं. शिकारीपाड़ा सीट पर बीजेपी अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाई है क्योकि यहां पर नलिन काफी मजबूत थे. लेकिन क्योंकि वे सांसद बन गए हैं तो ऐसे में ये बीजेपी के लिए ये एक बड़ा मौका होगा कि वे इस सीट पर जीत हासिल कर सके.
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