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Jharkhand Assembly Election 2024: क्या कांग्रेस बन पाएगी किंगमेकर? या फिर रहेगी झामुमो के सहारे

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में मतदान के बाद रिजल्ट को लेकर चर्चा होने लगी है. सवाल है क्या कांग्रेस फिर किंगमेकर बनेगी.

CONGRESS IN JHARKHAND ELECTION
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 13, 2024, 9:02 PM IST

Updated : Nov 22, 2024, 6:34 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान खत्म हो चुका है. लोगों ने जमकर कर मतदान किया. मतदान खत्म होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस फिर से किंगमेकर बनेगी या फिर पूरे गठबंधन को हार का सामना करना पड़ेगा.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की बात करें तो कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस चुनाव में कांग्रेस किंग मेकर बनी और मंत्रिमंडल में चार पद लेने में भी कामयाब रही. पिछले पांच साल में कांग्रेस के मंत्रियों का कामकाज कैसा रहा इसका हिसाब किताब अगले कुछ दिनों में राज्य की जनता करेगी ही. लेकिन बीजेपी का कहना है कि गठबंधन जो वादे कर के सरकार में आई थी वह पूरे नहीं कर पाई.

घोषणा पत्र विवादों में फंसा

झारखंड में कांग्रेस पार्टी ने पहले चरण के मतदान शुरु होने के एक दिन पहले अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. ऐसे में बीजेपी इस पर सवाल उठाया है और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है. बीजेपी का कहना है कि साइलेंट पीरियड में घोषणा पत्र जारी करना गलत है. इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि ने बताया कि इस मामले में डीसी से रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई है. पहली नजर में ये कानूनी रूप से वैध नहीं है.

वहीं, इस बात की भी चर्चा है कि मेनिफेस्टो जारी करते वक्त कोई भी बड़ा नेता मंच पर मौजूद नहीं था. घोषणा पत्र देर से जारी करने पर पार्टी अपने वादों को जनता तक ठीक से नहीं पहुंचा पाएगी. जानकारों का कहना है कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का मेनिफेस्टो रिलीज करते वक्त ना रहना कहीं ना कहीं पार्टी की छवि को धूमिल करता है.

झारखंड में कांग्रेस ने का ट्रैक रिकॉर्ड

बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है. 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन जीत सिर्फ 9 सीटों पर ही मिली. वहीं 2009 में कांग्रेस ने 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन 14 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. 2014 में भी कांग्रेस कुछ खास नहीं कर सकी और सिर्फ 6 सीट ही जीत सकी. इस चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव हार गए. इस लिहाज से 2019 का चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे बेहतर माना जा सकता है क्योंकि इस चुनाव में उन्होंने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 16 पर जीत दर्ज कर 50 प्रतिशत से अधिक का स्ट्राइक रेट हासिल किया.

बीजेपी काफी आक्रामक

2024 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस में वह आक्रमकता नहीं दिखी, जो बीजेपी में दिखी. बीजेपी के झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पिछले कई महीनों से झारखंड में एक्टिव थे. इस चुनाव में उन्होंने अपना घुसपैठ का जो एजेंडा सेट किया है पार्टी उसी लाइन पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ी. चाहे प्रधानमंत्री हों या फिर योगी आदित्यनाथ, उसी एजेंडे को लेक आगे बढ़े. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को ठीक से डिफेंड करती नहीं दिखी.

बीजेपी के कई स्टार प्रचारकों ने किया झारखंड दौरा

एक तरफ बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ के अलावा एमपी के सीएम मोहन यादव भी कई सभाएं की. पीएम मोदी ने खुद 5 सभाएं और एक रोड शो किया. वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने चार सभाएं की. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे भी झारखंड पहुंचे. लेकिन उन्होंने सभी विधानसभा सीटों को कवर नहीं किया. माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के भरोसे ही कांग्रेस आगे बढ़ रही है.

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान खत्म हो चुका है. लोगों ने जमकर कर मतदान किया. मतदान खत्म होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस फिर से किंगमेकर बनेगी या फिर पूरे गठबंधन को हार का सामना करना पड़ेगा.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की बात करें तो कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस चुनाव में कांग्रेस किंग मेकर बनी और मंत्रिमंडल में चार पद लेने में भी कामयाब रही. पिछले पांच साल में कांग्रेस के मंत्रियों का कामकाज कैसा रहा इसका हिसाब किताब अगले कुछ दिनों में राज्य की जनता करेगी ही. लेकिन बीजेपी का कहना है कि गठबंधन जो वादे कर के सरकार में आई थी वह पूरे नहीं कर पाई.

घोषणा पत्र विवादों में फंसा

झारखंड में कांग्रेस पार्टी ने पहले चरण के मतदान शुरु होने के एक दिन पहले अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. ऐसे में बीजेपी इस पर सवाल उठाया है और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है. बीजेपी का कहना है कि साइलेंट पीरियड में घोषणा पत्र जारी करना गलत है. इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि ने बताया कि इस मामले में डीसी से रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई है. पहली नजर में ये कानूनी रूप से वैध नहीं है.

वहीं, इस बात की भी चर्चा है कि मेनिफेस्टो जारी करते वक्त कोई भी बड़ा नेता मंच पर मौजूद नहीं था. घोषणा पत्र देर से जारी करने पर पार्टी अपने वादों को जनता तक ठीक से नहीं पहुंचा पाएगी. जानकारों का कहना है कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का मेनिफेस्टो रिलीज करते वक्त ना रहना कहीं ना कहीं पार्टी की छवि को धूमिल करता है.

झारखंड में कांग्रेस ने का ट्रैक रिकॉर्ड

बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है. 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन जीत सिर्फ 9 सीटों पर ही मिली. वहीं 2009 में कांग्रेस ने 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन 14 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. 2014 में भी कांग्रेस कुछ खास नहीं कर सकी और सिर्फ 6 सीट ही जीत सकी. इस चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव हार गए. इस लिहाज से 2019 का चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे बेहतर माना जा सकता है क्योंकि इस चुनाव में उन्होंने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 16 पर जीत दर्ज कर 50 प्रतिशत से अधिक का स्ट्राइक रेट हासिल किया.

बीजेपी काफी आक्रामक

2024 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस में वह आक्रमकता नहीं दिखी, जो बीजेपी में दिखी. बीजेपी के झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पिछले कई महीनों से झारखंड में एक्टिव थे. इस चुनाव में उन्होंने अपना घुसपैठ का जो एजेंडा सेट किया है पार्टी उसी लाइन पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ी. चाहे प्रधानमंत्री हों या फिर योगी आदित्यनाथ, उसी एजेंडे को लेक आगे बढ़े. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को ठीक से डिफेंड करती नहीं दिखी.

बीजेपी के कई स्टार प्रचारकों ने किया झारखंड दौरा

एक तरफ बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ के अलावा एमपी के सीएम मोहन यादव भी कई सभाएं की. पीएम मोदी ने खुद 5 सभाएं और एक रोड शो किया. वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने चार सभाएं की. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे भी झारखंड पहुंचे. लेकिन उन्होंने सभी विधानसभा सीटों को कवर नहीं किया. माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के भरोसे ही कांग्रेस आगे बढ़ रही है.

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Last Updated : Nov 22, 2024, 6:34 PM IST
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