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Jharkhand Election 2024: कोडरमा विधायक का रिपोर्ट कार्ड, लोगों ने कहा- पहली बार में किया था अच्छा काम

भाजपा ने कोडरमा से नीरा यादव पर तीसरी बार दांव खेला है. उनके कामकाज को लेकर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है.

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जनता से बातचीत करते संवाददाता भोला शंकर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 22, 2024, 2:25 PM IST

कोडरमा: विधानसभा चुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है. प्रत्याशी भी अब जनता के बीच पहुंचना शुरू कर दिए हैं. भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक नीरा यादव पर तीसरी बार दांव खेला है तो वहीं राजद भी अपने किले पर दोबारा काबिज होना चाहता है, लेकिन राजद की राह फिलहाल आसान नहीं दिख रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली शालिनी गुप्ता राजद और बीजेपी प्रत्याशी को पटखनी देने के लिए दमखम से चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. कोडरमा में कई निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी जीत की दावेदारी को लेकर ताल ठोक रहे हैं. हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है.

जानकार बताते हैं कि कोडरमा में पिछले कई दशकों से बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर हो रही है. हालांकि अब तक राजद ने कोडरमा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सुभाष यादव ही राजद के प्रत्याशी होंगे. कुल मिलाकर कहा जाए तो कोडरमा में त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. कोडरमा की जनता कैसा प्रत्याशी चाहती है और वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में कितना काम किया हैं? इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से बातचीत की है.

संवाददाता भोला शंकर की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

कोडरमा की जनता का मूड

कोडरमा के युवाओं ने कहा कि जिले में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा कुछ खास काम नहीं हो पाया है. मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. इंजीनियरिंग कॉलेज अभी तक चालू नहीं हुआ है. रोजगार के लिए अभी भी कई लोग पलायन करने को मजबूर हैं. कोडरमा में पत्थर और माइका उद्योग बंद पड़ा है.

वहीं, एक बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है कि नीरा यादव पिछले दो बार से यहां की विधायक रही हैं. हालांकि जब झारखंड में बीजेपी की सरकार थी, तब के समय में नीरा यादव ने कोडरमा में विकास के कई काम किए थे लेकिन दूसरे टर्म में नीरा यादव ने कोडरमा के विकास के लिए कोई बेहतर काम नहीं किया है. जबकि कुछ लोगों ने बताया कि नीरा यादव ने कोडरमा के किसानों के लिए कोई काम नहीं किया है. नीरा यादव किसानों के लिए सिंचाई तक की व्यवस्था कराने में असफल रही हैं. साथ ही महंगाई और बेरोजगारी के मामले में भी नीरा यादव को दोषी ठहराया गया है.

महिलाओं के लिए रोजगार की कमी

महिलाओं का कहना है कि कोडरमा में महिलाओं के लिए रोजगार की घोर कमी है. उन्होंने बताया कि जो कोडरमा का समुचित विकास कर पाएगा, कोडरमा के लिए जनकल्याणकारी योजना लेकर आएगा, महिलाओं के हितों की रक्षा करेगा और महिलाओं के लिए रोजगार मुहैया कराएगा वैसे उम्मीदवार को वह अपना प्रतिनिधि चुनेंगी.

उनका कहना है कि कोडरमा स्वास्थ्य के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. कोडरमा घाटी और कोडरमा से सटे जवाहर घाटी में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं और जब तक घायलों को रांची भेजा जाता है तब तक कई लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं. जबकि यहां की विधायक को कोडरमा में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए थी.

शिक्षा को बेहतर करने में विफल रहीं नीरा यादव

युवाओं ने बताया कि कोडरमा के लोग बेहतर इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में जाते हैं. यदि कोडरमा में मेडिकल कॉलेज बना होता तो यहां के लोगों को काफी सहूलियत मिलती, लेकिन अभी तक कोडरमा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है. नीरा यादव पहली जीत में कोडरमा की शिक्षा मंत्री बनी थी, लेकिन वे सरकारी स्कूलों की शिक्षा को बेहतर करने में विफल रहीं. आलम यह है कि आज लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चे को भेजते हैं.

अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो वर्तमान विधायक से कुछ लोगों में नाराजगी है. लोगों ने नीरा यादव के कार्यों को असंतोषजनक बताया है. इन सबसे के बीच क्या नीरा यादव जीत की हैट्रिक लगा पाने में सफल रहेगी या इस बार कोडरमा की जनता उन्हें नाकार देगी. यह आने वाला वक्त ही बताएगा. जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आएगी, मुकाबला रोमांचक होता जाएगा.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Election 2024: कोडरमा से फिर नीरा यादव को मिला टिकट, अन्नपूर्णा देवी को मात दे चुकी हैं पूर्व शिक्षा मंत्री

ये भी पढ़ें: Jharkhand Election 2024: नीरा यादव ने किया अपनी जीत का दावा, कहा- झारखंड में बनेगी भाजपा की सरकार

कोडरमा: विधानसभा चुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है. प्रत्याशी भी अब जनता के बीच पहुंचना शुरू कर दिए हैं. भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक नीरा यादव पर तीसरी बार दांव खेला है तो वहीं राजद भी अपने किले पर दोबारा काबिज होना चाहता है, लेकिन राजद की राह फिलहाल आसान नहीं दिख रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली शालिनी गुप्ता राजद और बीजेपी प्रत्याशी को पटखनी देने के लिए दमखम से चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. कोडरमा में कई निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी जीत की दावेदारी को लेकर ताल ठोक रहे हैं. हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है.

जानकार बताते हैं कि कोडरमा में पिछले कई दशकों से बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर हो रही है. हालांकि अब तक राजद ने कोडरमा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सुभाष यादव ही राजद के प्रत्याशी होंगे. कुल मिलाकर कहा जाए तो कोडरमा में त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. कोडरमा की जनता कैसा प्रत्याशी चाहती है और वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में कितना काम किया हैं? इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से बातचीत की है.

संवाददाता भोला शंकर की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

कोडरमा की जनता का मूड

कोडरमा के युवाओं ने कहा कि जिले में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा कुछ खास काम नहीं हो पाया है. मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. इंजीनियरिंग कॉलेज अभी तक चालू नहीं हुआ है. रोजगार के लिए अभी भी कई लोग पलायन करने को मजबूर हैं. कोडरमा में पत्थर और माइका उद्योग बंद पड़ा है.

वहीं, एक बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है कि नीरा यादव पिछले दो बार से यहां की विधायक रही हैं. हालांकि जब झारखंड में बीजेपी की सरकार थी, तब के समय में नीरा यादव ने कोडरमा में विकास के कई काम किए थे लेकिन दूसरे टर्म में नीरा यादव ने कोडरमा के विकास के लिए कोई बेहतर काम नहीं किया है. जबकि कुछ लोगों ने बताया कि नीरा यादव ने कोडरमा के किसानों के लिए कोई काम नहीं किया है. नीरा यादव किसानों के लिए सिंचाई तक की व्यवस्था कराने में असफल रही हैं. साथ ही महंगाई और बेरोजगारी के मामले में भी नीरा यादव को दोषी ठहराया गया है.

महिलाओं के लिए रोजगार की कमी

महिलाओं का कहना है कि कोडरमा में महिलाओं के लिए रोजगार की घोर कमी है. उन्होंने बताया कि जो कोडरमा का समुचित विकास कर पाएगा, कोडरमा के लिए जनकल्याणकारी योजना लेकर आएगा, महिलाओं के हितों की रक्षा करेगा और महिलाओं के लिए रोजगार मुहैया कराएगा वैसे उम्मीदवार को वह अपना प्रतिनिधि चुनेंगी.

उनका कहना है कि कोडरमा स्वास्थ्य के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. कोडरमा घाटी और कोडरमा से सटे जवाहर घाटी में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं और जब तक घायलों को रांची भेजा जाता है तब तक कई लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं. जबकि यहां की विधायक को कोडरमा में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए थी.

शिक्षा को बेहतर करने में विफल रहीं नीरा यादव

युवाओं ने बताया कि कोडरमा के लोग बेहतर इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में जाते हैं. यदि कोडरमा में मेडिकल कॉलेज बना होता तो यहां के लोगों को काफी सहूलियत मिलती, लेकिन अभी तक कोडरमा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है. नीरा यादव पहली जीत में कोडरमा की शिक्षा मंत्री बनी थी, लेकिन वे सरकारी स्कूलों की शिक्षा को बेहतर करने में विफल रहीं. आलम यह है कि आज लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चे को भेजते हैं.

अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो वर्तमान विधायक से कुछ लोगों में नाराजगी है. लोगों ने नीरा यादव के कार्यों को असंतोषजनक बताया है. इन सबसे के बीच क्या नीरा यादव जीत की हैट्रिक लगा पाने में सफल रहेगी या इस बार कोडरमा की जनता उन्हें नाकार देगी. यह आने वाला वक्त ही बताएगा. जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आएगी, मुकाबला रोमांचक होता जाएगा.

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