रांची: पिछले दो वर्षों से राज्य में मानसून अच्छा नहीं रहने और समय पर वर्षा नहीं होने का बेहद खराब असर खेती पर पड़ा है. पिछले दो साल लक्ष्य से कम क्षेत्र में ही धान और अन्य खरीफ की फसलों का आच्छादन हुआ था. इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा राज्य में अच्छी मानसूनी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए कृषि विभाग में 28 लाख हेक्टेयर की जगह 30 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल लगाने का लक्ष्य रखा है. राज्य के कृषि निदेशक डॉ कुमार ताराचंद ने इसकी जानकारी देते हुए उम्मीद जताई कि इस वर्ष राज्य में बंपर खरीफ की फसल होगी.
खरीफ फसल को लेकर सभी तैयारी पूरी, प्रखंड स्तर तक पहुंच चुके हैं बीज
राज्य के कृषि निदेशक डॉ कुमार ताराचंद ने बताया कि खरीफ की फसल को लेकर इस सीजन के लिए विभाग ने काफी पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी. समय पर बीज के टेंडर होने से राज्य के ज्यादातर लाभुक किसानों तक अलग-अलग योजनाओं के तहत मुफ्त मिलने वाले बीज पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में धान के अलावा अरहर, मूंगफली और मूंग के बीज भी वितरित किए गए हैं.
सीमित किसानों को बजट के अनुसार उपलब्ध कराए गए खरीफ फसलों के बीज
उन्होंने साफ किया कि राज्य में सीमित किसानों को बजट के अनुसार ही खरीफ फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, बल्कि तीन योजनाओं के तहत किसानों को बजट के अनुसार सीड यानी बीज उपलब्ध कराए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि एसईपी यानि सीड एक्सचेंज पालिसी, बिरसा कृषि विकास योजना और नेशनल फूड सिक्योरिटी के तहत केंद्र से मिलने वाले बीज को 15-20 प्रतिशत किसानों में वितरित किया जाता है, बाकी बीज किसान अपनी जरूरत के अनुसार बाजार से क्रय करते हैं.
18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर धान का आच्छादन का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 30 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल आच्छादन का लक्ष्य है. जिसमें अकेले 18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर धान का आच्छादन का लक्ष्य है.
खेतों की मिट्टी जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल लिए गए
कृषि निदेशक डॉ कुमार ताराचंद ने बताया कि किसानों के खेतों की मिट्टी जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल भी लिए गए हैं. धान के साथ साथ तिलहन, दलहन और मोटे अनाज की खेती को भी बढ़ावा देने की योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है.
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