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लोकसभा चुनाव के लिए गल्ला मंडी के अधिग्रहण का विरोध, व्यापारियों ने सांसद के आवास पर किया प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) के लिए झांसी की भोजला गल्ला मंडी के अधिग्रहण के विरोध में गुरुवार को व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही व्यापारियों ने सांसद के आवास पर पहुंच कर अपने मांगें रखीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 9:31 PM IST

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लोकसभा चुनाव के लिए गल्ला मंडी के अधिग्रहण का विरोध.

झांसी : लोकसभा चुनाव में गल्ला मंडी को मतगणना के लिए अधिग्रहण करने का विरोध गल्ला व्यापारियों ने किया है. इस कड़ी में गुरुवार को झांसी के गल्ला व्यापारियों ने सांसद के आवास पर धरना प्रदर्शन किया. व्यापारियों की मांग है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मतगणना के लिए भोजला गल्ला मंडी को न चुना जाए. चुनाव में गल्ला मंडी को मतगणना स्थल बनाने से व्यापारियों और किसानों का करोड़ों का नुकसान होता. इसके अलावा मंडी ठप होने से रोजाना पल्लेदारी करने वाले बेरोजगार और उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ जाते हैं. सांसद ने ज्ञापन लेते हुए उनको आश्वासन दिया है कि उनकी मांग बिलकुल जायज है और उनकी समस्या के लिए वह मुख्य चुनाव आयुक्त से बात करेंगे.

धरने पर बैठे गल्ला व्यापारी.
धरने पर बैठे गल्ला व्यापारी.

वर्ष 2019 में लोक सभा निर्वाचन के लिए भोजला गल्ला मंडी का अधिग्रहण किया गया था. उस समय भी व्यापारियों द्वारा विरोध किया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. व्यापारी नेता उमेश गुप्ता ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भोजला मंडी गल्ला व्यापारियों को आवंटित नहीं की गई थी. आवंटित होने के बाद गल्ला व्यापारियों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया हेतु भोजला गल्ला मंडी के अधिग्रहण का लगातार विरोध करता आ रहा है. चुनाव पर्यवेक्षक द्वारा जिलाधिकारी वही नक्शा दिखाकर निर्वाचन कराने को कहा जाता है. हर दो ढाई साल में कोई न कोई निर्वाचन प्रक्रिया के लिए 2-3 महीनों के लिए भोजला गल्ला मंडी का अधिग्रहण कर लिया जाता है. इस दौरान किसान भी अपनी उपज औने-पौने दामों में ग्रामीण व्यापारी को बेचने को मजबूर हो जाता है.

व्यापारियों की शिकायत सुनकर झांसी पीपीललितपुर सांसद अनुराग शर्मा ने उनकी समस्या को जायज बताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शुरू से कहते चले आ रहे हैं कि हमारे देश में बहुत ज्यादा चुनाव होते हैं. जब जब चुनाव होते हैं तब तब बहुत सारी गीतिविधियां रुक जाती हैं. इस बार लोकसभा चुनाव भी लगभग मार्च अप्रैल में होने की संभावना है और उसी समय मंडी में भी काम ज्यादा रहता है. दो महीने की चुनाव प्रक्रिया में जाहिर सी बात है. व्यापारियों का किसानों का और मजदूरों का काफी नुकसान होगा. सांसद ने आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या के निवारण के लिए वह मुख्य चुनाव आयोग से बात करेंगे.

यह भी पढ़ें : वाराणसी: कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर व्यापारियों ने दिया धरना

यह भी पढ़ें : शहर कोतवाली में धरने पर बैठे व्यापारी, ये है मांग

लोकसभा चुनाव के लिए गल्ला मंडी के अधिग्रहण का विरोध.

झांसी : लोकसभा चुनाव में गल्ला मंडी को मतगणना के लिए अधिग्रहण करने का विरोध गल्ला व्यापारियों ने किया है. इस कड़ी में गुरुवार को झांसी के गल्ला व्यापारियों ने सांसद के आवास पर धरना प्रदर्शन किया. व्यापारियों की मांग है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मतगणना के लिए भोजला गल्ला मंडी को न चुना जाए. चुनाव में गल्ला मंडी को मतगणना स्थल बनाने से व्यापारियों और किसानों का करोड़ों का नुकसान होता. इसके अलावा मंडी ठप होने से रोजाना पल्लेदारी करने वाले बेरोजगार और उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ जाते हैं. सांसद ने ज्ञापन लेते हुए उनको आश्वासन दिया है कि उनकी मांग बिलकुल जायज है और उनकी समस्या के लिए वह मुख्य चुनाव आयुक्त से बात करेंगे.

धरने पर बैठे गल्ला व्यापारी.
धरने पर बैठे गल्ला व्यापारी.

वर्ष 2019 में लोक सभा निर्वाचन के लिए भोजला गल्ला मंडी का अधिग्रहण किया गया था. उस समय भी व्यापारियों द्वारा विरोध किया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. व्यापारी नेता उमेश गुप्ता ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भोजला मंडी गल्ला व्यापारियों को आवंटित नहीं की गई थी. आवंटित होने के बाद गल्ला व्यापारियों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया हेतु भोजला गल्ला मंडी के अधिग्रहण का लगातार विरोध करता आ रहा है. चुनाव पर्यवेक्षक द्वारा जिलाधिकारी वही नक्शा दिखाकर निर्वाचन कराने को कहा जाता है. हर दो ढाई साल में कोई न कोई निर्वाचन प्रक्रिया के लिए 2-3 महीनों के लिए भोजला गल्ला मंडी का अधिग्रहण कर लिया जाता है. इस दौरान किसान भी अपनी उपज औने-पौने दामों में ग्रामीण व्यापारी को बेचने को मजबूर हो जाता है.

व्यापारियों की शिकायत सुनकर झांसी पीपीललितपुर सांसद अनुराग शर्मा ने उनकी समस्या को जायज बताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शुरू से कहते चले आ रहे हैं कि हमारे देश में बहुत ज्यादा चुनाव होते हैं. जब जब चुनाव होते हैं तब तब बहुत सारी गीतिविधियां रुक जाती हैं. इस बार लोकसभा चुनाव भी लगभग मार्च अप्रैल में होने की संभावना है और उसी समय मंडी में भी काम ज्यादा रहता है. दो महीने की चुनाव प्रक्रिया में जाहिर सी बात है. व्यापारियों का किसानों का और मजदूरों का काफी नुकसान होगा. सांसद ने आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या के निवारण के लिए वह मुख्य चुनाव आयोग से बात करेंगे.

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