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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; आग लगते ही भाग गए डॉक्टर्स-स्टाफ, परिजन रातभर ढूंढ़ती रहे अपने बच्चे - JHANSI FIRE INCIDENT LATEST UPDATES

Jhansi Medical College Fire Incident Latest Updates: परिजनों को अपस्ताल की लापरवाही का भय, रातभर कंबल में छुपाए बैठे रहे परिजन.

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पीड़ित महिला अपने बच्चे को रातभर खुले में लेकर बैठी रही. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 16, 2024, 1:53 PM IST

झांसी: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद कुछ बच्चों के परिजन भयभीत हो गए. डर इस बात का था कि बाल-बाल बचे बच्चों के साथ कोई और अनहोनी न हो जाए. इसके चलते महिलाएं अपने बच्चों को अस्पताल में वापस भर्ती न कराते हुए अलग-अलग जगहों पर कम्बल में छुपाए दिखाई दिए.

उनका कहना था कि हमारा बच्चा बिल्कुल सही है. मेडिकल कॉलेज में फिर से भर्ती करके हम बच्चों को किसी और तकलीफ में नहीं डालना चाहते. सुबह होते ही या तो हम किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराएंगे या फिर घर वापस ले जाएंगे.

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद महिलाओं ने बताया अपना दर्द. (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं, कुछ लोग ऐसे भी अस्पताल के बाहर मिले जो अपने बच्चों को तलाश रहे थे. अग्निकांड के बाद से उनके बच्चे के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था. उनका कहना है कि आग लगने के बाद डॉक्टर्स-नर्स अपनी जान बचाकर भाग गए, उनके बच्चों को बचाने वाला कोई नहीं था. उनका बच्चा जिंदा भी है या नहीं, इसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है.

झांसी में शुक्रवार की रात हुए भीषण अग्निकांड में 10 बच्चों की मौत हो गई और 39 घायल हैं. घायल और सुरक्षित बचे बच्चों के परिजन बुरी तरह भयभीत नजर आए. जिला हमीरपुर राठ कस्बे की बबली और उसके पति ने बताया कि हादसे के वक्त वह अपने बच्चे को दूध पिला रही थीं. अचानक एक नर्स जलते हुए कपड़ों में चीखते हुई बाहर की ओर भागी. किसी तरह उसने अपने कपड़ों को अलग कर अपनी जान बचाई.

उस समय आग शुरू ही हुई थी. आग को देखकर वह अपने तीन दिन पहले पैदा हुए बच्चे को लेकर बाहर की तरफ भागी और पति को फोन किया. जब तक उसका पति आ पाता तब तक आग ने भयानक रूप ले लिया था. उन दोनों ने अपनी आंखों के सामने छोटे-छोटे बच्चों को जले हुए बाहर निकलते देखा. जिसमें 6 से 7 बच्चे तो एक दम जले हुए एक साथ स्ट्रक्चर पर उनकी आंखों के सामने ले जाते दिखाई दिए, जिससे वह काफी डर गईं.

इसलिए वह अपने बच्चे को छुपाए बैठे हैं, जिससे कोई उनके बच्चे को अंदर अस्पताल में भर्ती न कर दे. उनके सही सलामत बच्चे के साथ कोई अनहोनी न हो जाए. क्योंकि, पहले से ही घंटों बीत जाने के बाद भी कई मां बाप अपने बच्चे को खोजते हुए रोते-बिलखते इधर से उधर भागते दिखाई दे रहे हैं.

इस बीच यदि बच्चे को कोई तकलीफ हुई तो मेडिकल कॉलेज में भर्ती न करते हुए किसी निजी अस्पताल में भर्ती करा लेंगे. अस्पताल बहुत लापरवाह है. बच्चों से न तो मिलने देते हैं और न ही किसी को उसक पास ठहरने देते हैं.

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद महिलाओं ने बताया अपना दर्द. (Video Credit; ETV Bharat)

महिला बोली, आग लगने के बाद स्टाफ भाग गया, मेरा बच्चा नहीं मिल रहा: ललितपुर के रहने वाले बच्चे की बड़ी मां संजना सोनी ने बताया कि उनके यहां ये पहला लड़का पैदा हुआ था. पैदा होने के बाद से उसको बड़ी बीमारी हो गई थी. उसके इलाज के लिए मंगलवार को उसे भर्ती कराया था. शुक्रवार दोपहर में ही उसका ऑपरेशन हुआ था. बच्चे को दूध पिलाने के लिए आवाज लगाई तो वह भीतर पहुंची थीं. तभी देखा एक डॉक्टर के पैर में आग लगी थी.

पीड़ित महिला संजना सोनी घटना के बारे में बताते हुए.
पीड़ित महिला संजना सोनी घटना के बारे में बताते हुए. (Photo Credit; ETV Bharat)

वह चिल्लाते हुए बाहर निकली. उनके सामने ही लगभग 15 बच्चों को जली हुई अवस्था में बाहर निकाला गया. अब उनके बच्चे की कोई जानकारी नहीं मिल रही है. वहीं जो परिजन अपने बच्चों को बचा पाए वह अस्पताल परिसर में बच्चों को छुपाते नजर आए. उनका कहना है कि वे अब दोबारा बच्चे को अस्पताल में वापस भर्ती नहीं कराना चाहते. हादसे के बाद जिन बच्चों की जलकर मौत हो गई, उनके शवों की हालत काफी खराब है. उनके परिजन ही उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं.

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झांसी: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद कुछ बच्चों के परिजन भयभीत हो गए. डर इस बात का था कि बाल-बाल बचे बच्चों के साथ कोई और अनहोनी न हो जाए. इसके चलते महिलाएं अपने बच्चों को अस्पताल में वापस भर्ती न कराते हुए अलग-अलग जगहों पर कम्बल में छुपाए दिखाई दिए.

उनका कहना था कि हमारा बच्चा बिल्कुल सही है. मेडिकल कॉलेज में फिर से भर्ती करके हम बच्चों को किसी और तकलीफ में नहीं डालना चाहते. सुबह होते ही या तो हम किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराएंगे या फिर घर वापस ले जाएंगे.

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद महिलाओं ने बताया अपना दर्द. (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं, कुछ लोग ऐसे भी अस्पताल के बाहर मिले जो अपने बच्चों को तलाश रहे थे. अग्निकांड के बाद से उनके बच्चे के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था. उनका कहना है कि आग लगने के बाद डॉक्टर्स-नर्स अपनी जान बचाकर भाग गए, उनके बच्चों को बचाने वाला कोई नहीं था. उनका बच्चा जिंदा भी है या नहीं, इसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है.

झांसी में शुक्रवार की रात हुए भीषण अग्निकांड में 10 बच्चों की मौत हो गई और 39 घायल हैं. घायल और सुरक्षित बचे बच्चों के परिजन बुरी तरह भयभीत नजर आए. जिला हमीरपुर राठ कस्बे की बबली और उसके पति ने बताया कि हादसे के वक्त वह अपने बच्चे को दूध पिला रही थीं. अचानक एक नर्स जलते हुए कपड़ों में चीखते हुई बाहर की ओर भागी. किसी तरह उसने अपने कपड़ों को अलग कर अपनी जान बचाई.

उस समय आग शुरू ही हुई थी. आग को देखकर वह अपने तीन दिन पहले पैदा हुए बच्चे को लेकर बाहर की तरफ भागी और पति को फोन किया. जब तक उसका पति आ पाता तब तक आग ने भयानक रूप ले लिया था. उन दोनों ने अपनी आंखों के सामने छोटे-छोटे बच्चों को जले हुए बाहर निकलते देखा. जिसमें 6 से 7 बच्चे तो एक दम जले हुए एक साथ स्ट्रक्चर पर उनकी आंखों के सामने ले जाते दिखाई दिए, जिससे वह काफी डर गईं.

इसलिए वह अपने बच्चे को छुपाए बैठे हैं, जिससे कोई उनके बच्चे को अंदर अस्पताल में भर्ती न कर दे. उनके सही सलामत बच्चे के साथ कोई अनहोनी न हो जाए. क्योंकि, पहले से ही घंटों बीत जाने के बाद भी कई मां बाप अपने बच्चे को खोजते हुए रोते-बिलखते इधर से उधर भागते दिखाई दे रहे हैं.

इस बीच यदि बच्चे को कोई तकलीफ हुई तो मेडिकल कॉलेज में भर्ती न करते हुए किसी निजी अस्पताल में भर्ती करा लेंगे. अस्पताल बहुत लापरवाह है. बच्चों से न तो मिलने देते हैं और न ही किसी को उसक पास ठहरने देते हैं.

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद महिलाओं ने बताया अपना दर्द. (Video Credit; ETV Bharat)

महिला बोली, आग लगने के बाद स्टाफ भाग गया, मेरा बच्चा नहीं मिल रहा: ललितपुर के रहने वाले बच्चे की बड़ी मां संजना सोनी ने बताया कि उनके यहां ये पहला लड़का पैदा हुआ था. पैदा होने के बाद से उसको बड़ी बीमारी हो गई थी. उसके इलाज के लिए मंगलवार को उसे भर्ती कराया था. शुक्रवार दोपहर में ही उसका ऑपरेशन हुआ था. बच्चे को दूध पिलाने के लिए आवाज लगाई तो वह भीतर पहुंची थीं. तभी देखा एक डॉक्टर के पैर में आग लगी थी.

पीड़ित महिला संजना सोनी घटना के बारे में बताते हुए.
पीड़ित महिला संजना सोनी घटना के बारे में बताते हुए. (Photo Credit; ETV Bharat)

वह चिल्लाते हुए बाहर निकली. उनके सामने ही लगभग 15 बच्चों को जली हुई अवस्था में बाहर निकाला गया. अब उनके बच्चे की कोई जानकारी नहीं मिल रही है. वहीं जो परिजन अपने बच्चों को बचा पाए वह अस्पताल परिसर में बच्चों को छुपाते नजर आए. उनका कहना है कि वे अब दोबारा बच्चे को अस्पताल में वापस भर्ती नहीं कराना चाहते. हादसे के बाद जिन बच्चों की जलकर मौत हो गई, उनके शवों की हालत काफी खराब है. उनके परिजन ही उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं.

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