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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; NICU में कैसे लगी आग, जांच टीम शॉर्ट सर्किट की ओर कर रही इशारा

Jhansi Hospital Accident: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में 15 नवम्बर की रात को भीषण अग्निकाण्ड हो गया था. आग बच्चा वॉर्ड में लगी थी.

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झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद जली पड़ीं मशीनें. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

झांसी: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में 12 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. लखनऊ से आई अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और NICU वॉर्ड में जाकर आग लगने का कारण जाना.

लगभग 5 घण्टे तक चली जांच के बाद माना गया कि घटना वाले दिन बिजली लोड अधिक होने के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे वॉर्ड में आग लगी. जांच टीम के अनुसार पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी. उसके बाद पास के वेंटिलेटर में भी आग लग गई, जिससे ये बड़ा हादसा हो गया. इससे पहले मण्डलायुक्त और डीआइजी की जांच में भी हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट को ही बताया गया था. हालांकि लखनऊ से आई टीम अभी मंगलवार को फिर से जांच करेगी.

झांसी में मीडिया से बात करतीं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

बुन्देलखण्ड के सबसे बड़े महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में 15 नवम्बर की रात को भीषण अग्निकाण्ड हो गया था. आग बच्चा वॉर्ड में लगी थी, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की जलने से मौत हो गई थी, जबकि वॉर्ड में भर्ती 39 शिशुओं का रेस्क्यू किया गया था. हादसे के बाद दो और शिशुओं की मौत हो गई, जिससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई.

हादसे ने झांसी से लेकर लखनऊ तक हड़कम्प मचा दिया और सरकार ने तत्काल जांच रिपोर्ट मांगी. शुरुआती जांच मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे व डीआइजी कलानिधि नैथानी ने की, जिन्होंने हादसे के लिए किसी को दोषी नहीं मानते हुए शॉर्ट सर्किट को ही हादसे की वजह बताया था.

शासन के निर्देश पर सोमवार को लखनऊ से विशेष जांच टीम महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह की अध्यक्षता में झांसी पहुंची. टीम ने NICU वार्ड में जाकर जांच की, चिकित्सकों व कर्मचारियों के बयान रिकॉर्ड किए. लगभग 5 घण्टे तक जांच टीम घटना के साक्ष्य खंगालती रही.

शुरुआती जांच में लखनऊ की टीम ने भी शॉर्ट सर्किट को ही घटना की वजह माना है. जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन बिजली का लोड अधिक होने के कारण ही शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग फैली.

लखनऊ से आई टीम ने घटना वाले दिन बिजली लोड का डेटा भी तलब किया है. शुरुआती जांच में ही सामने आया कि उस दिन लोड क्षमता से काफी अधिक था. अब टीम का फोकस इलेक्ट्रिक वायरिंग पर रहेगा. आगामी जांच में इसकी गुणवत्ता देखने की सम्भावना है.

मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे की जांच करने पहुंची महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में घटना की वजह शॉर्ट सर्किट नजर आ रही है. घटना वाले दिन बिजली लोड अधिक था, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की सम्भावना है. अभी वायरिंग आदि की जांच भी कराई जाएगी, जिसके बाद शासन को पूरी रिपोर्ट दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; एक और बच्चे ने दम तोड़ा, अब तक 12 की मौत

झांसी: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में 12 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. लखनऊ से आई अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और NICU वॉर्ड में जाकर आग लगने का कारण जाना.

लगभग 5 घण्टे तक चली जांच के बाद माना गया कि घटना वाले दिन बिजली लोड अधिक होने के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे वॉर्ड में आग लगी. जांच टीम के अनुसार पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी. उसके बाद पास के वेंटिलेटर में भी आग लग गई, जिससे ये बड़ा हादसा हो गया. इससे पहले मण्डलायुक्त और डीआइजी की जांच में भी हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट को ही बताया गया था. हालांकि लखनऊ से आई टीम अभी मंगलवार को फिर से जांच करेगी.

झांसी में मीडिया से बात करतीं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

बुन्देलखण्ड के सबसे बड़े महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में 15 नवम्बर की रात को भीषण अग्निकाण्ड हो गया था. आग बच्चा वॉर्ड में लगी थी, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की जलने से मौत हो गई थी, जबकि वॉर्ड में भर्ती 39 शिशुओं का रेस्क्यू किया गया था. हादसे के बाद दो और शिशुओं की मौत हो गई, जिससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई.

हादसे ने झांसी से लेकर लखनऊ तक हड़कम्प मचा दिया और सरकार ने तत्काल जांच रिपोर्ट मांगी. शुरुआती जांच मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे व डीआइजी कलानिधि नैथानी ने की, जिन्होंने हादसे के लिए किसी को दोषी नहीं मानते हुए शॉर्ट सर्किट को ही हादसे की वजह बताया था.

शासन के निर्देश पर सोमवार को लखनऊ से विशेष जांच टीम महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह की अध्यक्षता में झांसी पहुंची. टीम ने NICU वार्ड में जाकर जांच की, चिकित्सकों व कर्मचारियों के बयान रिकॉर्ड किए. लगभग 5 घण्टे तक जांच टीम घटना के साक्ष्य खंगालती रही.

शुरुआती जांच में लखनऊ की टीम ने भी शॉर्ट सर्किट को ही घटना की वजह माना है. जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन बिजली का लोड अधिक होने के कारण ही शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग फैली.

लखनऊ से आई टीम ने घटना वाले दिन बिजली लोड का डेटा भी तलब किया है. शुरुआती जांच में ही सामने आया कि उस दिन लोड क्षमता से काफी अधिक था. अब टीम का फोकस इलेक्ट्रिक वायरिंग पर रहेगा. आगामी जांच में इसकी गुणवत्ता देखने की सम्भावना है.

मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे की जांच करने पहुंची महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में घटना की वजह शॉर्ट सर्किट नजर आ रही है. घटना वाले दिन बिजली लोड अधिक था, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की सम्भावना है. अभी वायरिंग आदि की जांच भी कराई जाएगी, जिसके बाद शासन को पूरी रिपोर्ट दी जाएगी.

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