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राजस्थान में पहली बार ऑर्गन किए गए एयरलिफ्ट, ब्रेन डेड विष्णु ने कई लोगों को दी नई जिंदगी - JAIPUR SMS HOSPITAL

पहली बार राजस्थान में ऑर्गन को एयरलिफ्ट किया गया. ऑर्गन को झालावाड़ से जयपुर लाया गया है. SMS में फर्स्ट टाइम हुआ लंग्स ट्रांसप्लांट

ऑर्गन एयरलिफ्ट कर लाए गए जयपुर
ऑर्गन एयरलिफ्ट कर लाए गए जयपुर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

जयपुर : राजस्थान में पहली बार ऑर्गन एयर लिफ्ट किए गए. झालावाड़ में ब्रेन डेड हुए युवक विष्णु प्रसाद के हार्ट, किडनी और लंग्स को एयर एंबुलेंस के जरिए जयपुर लाया गया है, जबकि लिवर और एक किडनी को जोधपुर एम्स पहुंचाया गया. इन ऑर्गन को ग्रीन कॉरिडोर की बजाय हेलीकॉप्टर से महज सवा घंटे में झालावाड़ से जयपुर लाया गया. ये पहला मौका है जब एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लंग ट्रांसप्लांट हो रहा है. लंग्स को रखने के लिए पहले चेन्नई से विशेष फ्लूड भी मंगवाया गया.

पहली बार लंग्स ट्रांसप्लांट : एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल दीपक माहेश्वरी ने बताया कि जयपुर में एक पेशेंट के हार्ट और लंग जबकि एक पेशेंट की किडनी ट्रांसप्लांट की जा रही है. वहीं, ब्रेन डेड व्यक्ति की एक किडनी और लिवर को जोधपुर एम्स पहुंचाया गया है. लंग्स के लिए एक फ्लूड की जरूरत होती है, जो जयपुर में उपलब्ध नहीं था. इसलिए इस फ्लूड को चेन्नई से मंगवाया गया. शनिवार रात को ही डॉक्टर की विशेष टीम इस फ्लूड को लेकर झालावाड़ पहुंची. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में सभी तरह के ऑर्गन ट्रांसप्लांट होने लगे हैं. अब तक किडनी, लिवर और हार्ट के कई ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. हालांकि, ये पहला मौका होगा जब लंग्स ट्रांसप्लांट हो रहा है.

राजस्थान में पहली बार ऑर्गन एयर लिफ्ट किए गए (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढे़ं.कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु', ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने किया ऑर्गन डोनेट

ग्रीन कॉरिडोर में लगता काफी समय : ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. राजकुमार यादव, डॉ. संजीव देवगौड़ा के साथ कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी की पूरी टीम, एनेस्थीसिया की पूरी टीम इस काम में जुटी हुई थी. अंगदान की इस मुहिम को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार ज्यादा से ज्यादा प्रमोट कर रहे हैं. उन्होंने सभी अंगदान करने वालों को नमन करते हुए बताया कि झालावाड़ से जयपुर तक यदि ग्रीन कॉरिडोर बनाते तो भी 4 से 6 घंटे में ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं किए जा सकते थे, इसलिए पहली बार अंग को एयरलिफ्ट किया गया.

एयरलिफ्ट में सहयोगी बनी हेलीकॉप्टर संचालक संस्थान एवन के एमडी सोहन सिंह नाथावत ने बताया कि राजस्थान में पहली बार ऑर्गन को एयरलिफ्ट किया गया है. झालावाड़ से जयपुर और जयपुर से जोधपुर ऑर्गन ले जाए गए हैं. हमेशा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंग ट्रांसफर किए जाते हैं, लेकिन उसमें काफी समय लगता है और पब्लिक को यातायात से जुड़ी कई परेशानी होती है. इसलिए पहली बार प्रशासन ने हेलीकॉप्टर एयर एंबुलेंस से अंग ट्रांसफर किए हैं. झालावाड़ से 10:15 पर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और 11:30 पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मैदान में लैंड किया. यहां से लिवर और एक किडनी को लेकर 1 घंटा 15 मिनट में जोधपुर एम्स पहुंचे.

पढ़ें: SMS अस्पताल में हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, 37 वर्षीय मरीज को मिला नया जीवनदान

झालावाड़ में ब्रेन डेड हुए युवक विष्णु प्रसाद ने चार लोगों को नया जीवन दिया है. 10 दिसंबर को झालावाड़ के पीपाजी में रहने वाले विष्णु ब्रेन डेड हो गया था. 13 दिसंबर को परिवार ने उसके ऑर्गन डोनेशन की सहमति दी. इसके बाद रविवार को सुबह 11:30 बजे झालावाड़ से ऑर्गन्स को एयरलिफ्ट कर हेलीकॉप्टर के जरिए जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज लाया गया. आपको बता दें कि ये हेलीकॉप्टर जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड में लैंड किया.

पहली बार ऑर्गन किए गए एयरलिफ्ट
पहली बार ऑर्गन किए गए एयरलिफ्ट (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर एम्स के प्रवक्ता डॉ. जीवन राम बिश्नोई ने बताया कि 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद, 11 दिसंबर 2024 को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे. वह एक सड़क दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट का शिकार हुए थे. उनकी और उनके परिवार की मानवीय सोच ने इस जीवनरक्षक प्रक्रिया को संभव बनाया है. अंगों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए AIIMS जोधपुर की टीम जिसमें डॉ. पीयूष वार्ष्णेय, डॉ. सुभाष सोनी, डॉ. दीपक भीरूड और डॉ. जितेंद्र ने नेतृत्व किया.

इनके साथ ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कुलदीप सिंह और रमेश, और नर्सिंग ऑफिसर मनीष, प्रवीण, और दामोदर ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अंगों की सुरक्षित प्राप्ति के लिए डॉ. शिवचरण नावरिया ने अनुमतियों के समन्वय और सुविधाओं के निर्माण में योगदान दिया. यह राजस्थान में पहली बार है जब अंग परिवहन के लिए एयर एम्बुलेंस का उपयोग किया गया है. इससे ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन में समय घटा है. इससे अंगों की गुणवत्ता भी बनी रहती है. शाम को लिवर ट्रांसप्लांट डॉ. वैभव वार्ष्णेय और किडनी ट्रांसप्लांट डॉ. एएस संधू और उनकी टीम द्वारा किया जाएगा.

प्रमुख बिंदु :

  • AIIMS जोधपुर में पहली बार दोहरे अंग पहुंचे : हेलीकॉप्टर के माध्यम से लिवर और किडनी एक साथ लाए गए, जिससे समय और गुणवत्ता दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
  • राजस्थान में पहली बार एयर एम्बुलेंस का उपयोग: यह कदम स्वास्थ्य सेवा में तकनीकी उन्नति और त्वरित प्रतिक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है.
  • पहला संयुक्त लिवर-किडनी प्रत्यारोपण प्रयास: यह प्रत्यारोपण AIIMS जोधपुर में बहु-अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

जयपुर : राजस्थान में पहली बार ऑर्गन एयर लिफ्ट किए गए. झालावाड़ में ब्रेन डेड हुए युवक विष्णु प्रसाद के हार्ट, किडनी और लंग्स को एयर एंबुलेंस के जरिए जयपुर लाया गया है, जबकि लिवर और एक किडनी को जोधपुर एम्स पहुंचाया गया. इन ऑर्गन को ग्रीन कॉरिडोर की बजाय हेलीकॉप्टर से महज सवा घंटे में झालावाड़ से जयपुर लाया गया. ये पहला मौका है जब एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लंग ट्रांसप्लांट हो रहा है. लंग्स को रखने के लिए पहले चेन्नई से विशेष फ्लूड भी मंगवाया गया.

पहली बार लंग्स ट्रांसप्लांट : एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल दीपक माहेश्वरी ने बताया कि जयपुर में एक पेशेंट के हार्ट और लंग जबकि एक पेशेंट की किडनी ट्रांसप्लांट की जा रही है. वहीं, ब्रेन डेड व्यक्ति की एक किडनी और लिवर को जोधपुर एम्स पहुंचाया गया है. लंग्स के लिए एक फ्लूड की जरूरत होती है, जो जयपुर में उपलब्ध नहीं था. इसलिए इस फ्लूड को चेन्नई से मंगवाया गया. शनिवार रात को ही डॉक्टर की विशेष टीम इस फ्लूड को लेकर झालावाड़ पहुंची. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में सभी तरह के ऑर्गन ट्रांसप्लांट होने लगे हैं. अब तक किडनी, लिवर और हार्ट के कई ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. हालांकि, ये पहला मौका होगा जब लंग्स ट्रांसप्लांट हो रहा है.

राजस्थान में पहली बार ऑर्गन एयर लिफ्ट किए गए (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढे़ं.कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु', ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने किया ऑर्गन डोनेट

ग्रीन कॉरिडोर में लगता काफी समय : ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. राजकुमार यादव, डॉ. संजीव देवगौड़ा के साथ कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी की पूरी टीम, एनेस्थीसिया की पूरी टीम इस काम में जुटी हुई थी. अंगदान की इस मुहिम को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार ज्यादा से ज्यादा प्रमोट कर रहे हैं. उन्होंने सभी अंगदान करने वालों को नमन करते हुए बताया कि झालावाड़ से जयपुर तक यदि ग्रीन कॉरिडोर बनाते तो भी 4 से 6 घंटे में ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं किए जा सकते थे, इसलिए पहली बार अंग को एयरलिफ्ट किया गया.

एयरलिफ्ट में सहयोगी बनी हेलीकॉप्टर संचालक संस्थान एवन के एमडी सोहन सिंह नाथावत ने बताया कि राजस्थान में पहली बार ऑर्गन को एयरलिफ्ट किया गया है. झालावाड़ से जयपुर और जयपुर से जोधपुर ऑर्गन ले जाए गए हैं. हमेशा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंग ट्रांसफर किए जाते हैं, लेकिन उसमें काफी समय लगता है और पब्लिक को यातायात से जुड़ी कई परेशानी होती है. इसलिए पहली बार प्रशासन ने हेलीकॉप्टर एयर एंबुलेंस से अंग ट्रांसफर किए हैं. झालावाड़ से 10:15 पर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और 11:30 पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मैदान में लैंड किया. यहां से लिवर और एक किडनी को लेकर 1 घंटा 15 मिनट में जोधपुर एम्स पहुंचे.

पढ़ें: SMS अस्पताल में हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, 37 वर्षीय मरीज को मिला नया जीवनदान

झालावाड़ में ब्रेन डेड हुए युवक विष्णु प्रसाद ने चार लोगों को नया जीवन दिया है. 10 दिसंबर को झालावाड़ के पीपाजी में रहने वाले विष्णु ब्रेन डेड हो गया था. 13 दिसंबर को परिवार ने उसके ऑर्गन डोनेशन की सहमति दी. इसके बाद रविवार को सुबह 11:30 बजे झालावाड़ से ऑर्गन्स को एयरलिफ्ट कर हेलीकॉप्टर के जरिए जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज लाया गया. आपको बता दें कि ये हेलीकॉप्टर जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड में लैंड किया.

पहली बार ऑर्गन किए गए एयरलिफ्ट
पहली बार ऑर्गन किए गए एयरलिफ्ट (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर एम्स के प्रवक्ता डॉ. जीवन राम बिश्नोई ने बताया कि 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद, 11 दिसंबर 2024 को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे. वह एक सड़क दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट का शिकार हुए थे. उनकी और उनके परिवार की मानवीय सोच ने इस जीवनरक्षक प्रक्रिया को संभव बनाया है. अंगों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए AIIMS जोधपुर की टीम जिसमें डॉ. पीयूष वार्ष्णेय, डॉ. सुभाष सोनी, डॉ. दीपक भीरूड और डॉ. जितेंद्र ने नेतृत्व किया.

इनके साथ ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कुलदीप सिंह और रमेश, और नर्सिंग ऑफिसर मनीष, प्रवीण, और दामोदर ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अंगों की सुरक्षित प्राप्ति के लिए डॉ. शिवचरण नावरिया ने अनुमतियों के समन्वय और सुविधाओं के निर्माण में योगदान दिया. यह राजस्थान में पहली बार है जब अंग परिवहन के लिए एयर एम्बुलेंस का उपयोग किया गया है. इससे ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन में समय घटा है. इससे अंगों की गुणवत्ता भी बनी रहती है. शाम को लिवर ट्रांसप्लांट डॉ. वैभव वार्ष्णेय और किडनी ट्रांसप्लांट डॉ. एएस संधू और उनकी टीम द्वारा किया जाएगा.

प्रमुख बिंदु :

  • AIIMS जोधपुर में पहली बार दोहरे अंग पहुंचे : हेलीकॉप्टर के माध्यम से लिवर और किडनी एक साथ लाए गए, जिससे समय और गुणवत्ता दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
  • राजस्थान में पहली बार एयर एम्बुलेंस का उपयोग: यह कदम स्वास्थ्य सेवा में तकनीकी उन्नति और त्वरित प्रतिक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है.
  • पहला संयुक्त लिवर-किडनी प्रत्यारोपण प्रयास: यह प्रत्यारोपण AIIMS जोधपुर में बहु-अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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