रांची: 18वीं लोकसभा चुनाव का कार्य संपन्न होने और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट हटने के साथ ही झारखंड की चंपाई सरकार भी एक्टिव हो गई है. झारखंड सरकार के नेपाल हाउस और प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालयों में रौनक लौट गई है. मुख्यमंत्री भी एक्टिव हो गये हैं. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट हटते ही राज्य सरकार ने चार पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की स्वीकृति दे दी है. किसी के वेतन वृद्धि पर रोक, किसी के पेंशन पर रोक तो किसी के पेंशन में कटौती के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है. झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी गई.
पहली कार्रवाई धनबाद के वलिपुर के तत्कालीन अंचल अधिकारी राम प्रवेश कुमार (चतुर्थ सीमित बैच) के खिलाफ हुई है. झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम 14(iv) के तहत इनके वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है. वर्तमान में राम प्रवेश कुमार जामताड़ा के करमाटांड में सीओ के रूप में पदस्थापित हैं.
दूसरी कार्रवाई झारखंड प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ हुई है. उनके खिलाफ झारखंड पेंशन नियमावली के नियम 43 (ख) के तहत आजीवन पेंशन पर रोक लगा दी गई है.
तीसरी कार्रवाई झारखंड प्रशासनिक सेवा के तत्कालीन नगर आयुक्त, धनबाद नगर निगम के अवधेश कुमार पांडेय के खिलाफ भी झारखंड पेंशन नियमावली के नियम 43 (ख) के तहत उनके पेंशन से 05 प्रतिशत राशि की कटौती एक वर्ष तक करने का दंड अधिरोपित करने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है.
चौथी कार्रवाई डॉ. अशोक कुमार पाठक के खिलाफ हुई है. वह बोकारो के तत्कालीन सिविल सर्जन रहे हैं. उनके खिलाफ गठित प्रपत्र 'क' के तहत विभागीय कार्यवाही संचालित करने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है.
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