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झाबुआ में 'चुनावी काका-काकी' कराएंगे वोटिंग, बघीरा का जोड़ा बना लोकसभा चुनाव शुभंकर - jhabua election activities

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 4:18 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 6:04 PM IST

झाबुआ जिला प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए बघीरा के जोड़े को लोक संस्कृति के अनुरूप डिजाइन करते हुए दो शुभंकर बनाए हैं. इन्हें नाम दिया हैं "चुनावी काका और काकी". मतदाता जागरूकता के लिए इस तरह की पहल करने वाला झाबुआ फिलहाल प्रदेश पहला जिला है.

jhabua election activities
झाबुआ में बघीरा के जोड़े को बनाया लोकसभा चुनाव के लिए शुभंकर
झाबुआ में बघीरा का जोड़ा करेगा वोटिंग के लिए प्रेरित

झाबुआ। रतलाम संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है. ऐसे में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन लगातर कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. इसी क्रम में झाबुआ जिले के मतदाताओं को खासतौर पर फोकस करते हुए बघीरा के जोड़े को शुभंकर के रूप में डिजाइन किया गया है. कलेक्टर नेहा मीना ने शुभंकर का अनावरण किया. अब इन्हें सभी कस्बों और गांवों में लगाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनसे जुड़ते हुए मतदान के लिए प्रेरित हो सकें.

बघीरा जोड़े को आदिवासी संस्कृति पर किया डिजाइन

बघीरा के जोड़े को पूरी तरह से आदिवासी संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया है. "चुनावी काका" को धोती-कुर्ता पहनाने के साथ पगड़ी बांधी गई है. गले में पारंपरिक आभूषण भी पहनाए गए हैं. इसी तरह "चुनावी काकी" को भी पारंपरिक परिधान और गहने पहनाए गए हैं. दोनों की कमर में बेल्ट के रूप में भारत निर्वाचन आयोग का मोनो है. इसके साथ ही भीली बोली में मतदान की अपील करते हुए लिखा गया है- "चुनावी काका और चुनावी काकी के है- लोकतंत्र नो तेवार है, वोट नाखवा जावु है". यानी लोकतंत्र का त्योहार आया है और सभी को मतदान के लिए जाना है. शुभंकर के जरिए मतदान का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाना है.

शुभंकर को लेकर क्या कहा कलेक्टर ने

इस बारे में झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने बताया हमारा प्रयास रहेगा कि शुभंकर के माध्यम से 13 मई मतदान दिवस का मैसेज एक-एक गांव और एक-एक फलिए तक पहुंचाना है. चुनाव आयोग का शुभंकर शेरा है, इसलिए हमने बघीरा को शुभंकर के रूप में लिया है. कोशिश करेंगे कि हमारे शुभंकर के माध्यम से छोटी-छोटी स्टोरी लॉन्च करें और भीली बोली में स्लोगन आदि के माध्यम से मतदान की अपील कर सकें. स्थानीय बोली में अपील करना ज्यादा प्रभावी रहेगा.

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झाबुआ में सबसे कम हुआ था मतदान

नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में झाबुआ विधानसभा में सबसे कम 65.61 प्रतिशत ही मतदान हुआ था. जबकि थांदला विधानसभा में सर्वाधिक 86.95 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था. पेटलावद विधानसभा में मतदान का आंकड़ा 79.39 प्रतिशत रहा था. इन्हीं आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए मतदाता जागरूकता अभियान की कार्ययोजना बनाई गई है. शुभंकर भी उसी प्लान का एक हिस्सा है.

झाबुआ में बघीरा का जोड़ा करेगा वोटिंग के लिए प्रेरित

झाबुआ। रतलाम संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है. ऐसे में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन लगातर कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. इसी क्रम में झाबुआ जिले के मतदाताओं को खासतौर पर फोकस करते हुए बघीरा के जोड़े को शुभंकर के रूप में डिजाइन किया गया है. कलेक्टर नेहा मीना ने शुभंकर का अनावरण किया. अब इन्हें सभी कस्बों और गांवों में लगाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनसे जुड़ते हुए मतदान के लिए प्रेरित हो सकें.

बघीरा जोड़े को आदिवासी संस्कृति पर किया डिजाइन

बघीरा के जोड़े को पूरी तरह से आदिवासी संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया है. "चुनावी काका" को धोती-कुर्ता पहनाने के साथ पगड़ी बांधी गई है. गले में पारंपरिक आभूषण भी पहनाए गए हैं. इसी तरह "चुनावी काकी" को भी पारंपरिक परिधान और गहने पहनाए गए हैं. दोनों की कमर में बेल्ट के रूप में भारत निर्वाचन आयोग का मोनो है. इसके साथ ही भीली बोली में मतदान की अपील करते हुए लिखा गया है- "चुनावी काका और चुनावी काकी के है- लोकतंत्र नो तेवार है, वोट नाखवा जावु है". यानी लोकतंत्र का त्योहार आया है और सभी को मतदान के लिए जाना है. शुभंकर के जरिए मतदान का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाना है.

शुभंकर को लेकर क्या कहा कलेक्टर ने

इस बारे में झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने बताया हमारा प्रयास रहेगा कि शुभंकर के माध्यम से 13 मई मतदान दिवस का मैसेज एक-एक गांव और एक-एक फलिए तक पहुंचाना है. चुनाव आयोग का शुभंकर शेरा है, इसलिए हमने बघीरा को शुभंकर के रूप में लिया है. कोशिश करेंगे कि हमारे शुभंकर के माध्यम से छोटी-छोटी स्टोरी लॉन्च करें और भीली बोली में स्लोगन आदि के माध्यम से मतदान की अपील कर सकें. स्थानीय बोली में अपील करना ज्यादा प्रभावी रहेगा.

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झाबुआ में सबसे कम हुआ था मतदान

नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में झाबुआ विधानसभा में सबसे कम 65.61 प्रतिशत ही मतदान हुआ था. जबकि थांदला विधानसभा में सर्वाधिक 86.95 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था. पेटलावद विधानसभा में मतदान का आंकड़ा 79.39 प्रतिशत रहा था. इन्हीं आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए मतदाता जागरूकता अभियान की कार्ययोजना बनाई गई है. शुभंकर भी उसी प्लान का एक हिस्सा है.

Last Updated : Mar 23, 2024, 6:04 PM IST
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