कोटा. जॉइंट एंट्रेंस एक्जाम (JEE MAIN 2024) में बीआर्क, बीई व बीटेक प्रवेश परीक्षा का गुरुवार को सम्पन्न हुई. अब विद्यार्थी व अभिभावक कटऑफ को लेकर चिंतित हैं. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि कटऑफ जानने का यह सही समय नहीं है, क्योंकि अभी अप्रैल सेशन बाकी है. पहले सेशन के स्कोर कार्ड 12 फरवरी को एनटीए जारी करेगी. ऑल इंडिया रैंक व कटऑफ अप्रैल सेशन के बाद जारी किए जाएंगे.
एक्सपर्ट देव शर्मा के अनुसार सभी शिफ्टों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करने पर यह ज्ञात होता है कि टॉप मेरिट्स का निर्धारण विद्यार्थी के मैथमेटिक्स व इनॉर्गेनिक केमेस्ट्री में अर्जित किए गए अंकों से होगा. साल 2023 की तरह ही इस साल पहले सेशन में भी फिजिक्स के पेपर लगभग सभी शिफ्टों में आसान रहा. फिजिकल केमेस्ट्री व ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के प्रश्न भी आसान थे, लेकिन इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री के फैक्ट बेस्ड क्वेश्चंस ने विद्यार्थियों की अच्छी खासी परीक्षा ली. विद्यार्थियों को इन ऑर्गेनिक कैमेस्ट्री के कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह से समझना होगा. मैथमेटिक्स के पेपर परंपरागत तौर पर लेंदी व कठिन थे.
देव शर्मा ने बताया कि अभिभावकों का यह मानना था कि 31 जनवरी व 1 फरवरी को परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के साथ प्रश्न पत्र कठिन होने के कारण न्याय नहीं हुआ. विद्यार्थियों व अभिभावकों को यह समझना चाहिए कि बाद की शिफ्टों में पेपर पहले की अपेक्षा थोड़े कठिन होते जाते हैं. हालांकि बाद में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को प्रश्नों के रिपीट होने का फायदा भी मिलता है.
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जेईई मेन पहले सेशन की लगभग सभी शिफ्टों में ऑटोमेटिक स्ट्रक्चर, फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट व थर्मोडायनेमिक्स से फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों विषयों में ही प्रश्न पूछे गए. देव शर्मा ने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यह टॉपिक फिजिक्स व केमिस्ट्री दोनों में कॉमन हैं. ऐसी स्थिति में इन टॉपिक्स की अच्छी तैयारी के साथ परीक्षा में सम्मिलित हुए विद्यार्थियों को अधिक फायदा हुआ. जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में सफलता के लिए फार्मूला व फैक्ट बेस्ड क्वेश्चंस की अच्छी प्रैक्टिस होना आवश्यक है. यहां सफलता के लिए एक्यूरेसी आवश्यक है. क्योंकि पेपर पैटर्न में नेगेटिव मार्किंग है. प्रश्न को गलत करने से बेहतर उसे छोड़ देना होता है.