रांची: बिहार में भले ही एनडीए के साथ जदयू लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहा है, लेकिन झारखंड में जदयू उपेक्षा का शिकार है. संगठनात्मक रूप से कमजोर संगठन को मजबूत करने का दावा करने वाले राज्यसभा सांसद सह जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो के द्वारा लाख कोशिशों के बावजूद एक भी सीट झारखंड में एनडीए कोटे से जदयू को नहीं मिली.
झारखंड जदयू के प्रदेश महासचिव ने उपेक्षा का लगाया आरोप
झारखंड जदयू के प्रदेश महासचिव संतोष सोनी एनडीए के अंदर पार्टी की उपेक्षा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि अब तक एनडीए की तीन बैठक हुई है, मगर एक भी बैठक में जदयू को बुलावा नहीं आया. इतना ही नहीं चुनावी रणनीति बनाने में भी जदयू के साथ कोई बैठक नहीं की गई है. ऐसे में झारखंड की सभी 14 सीटों में 13 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर आजसू कैसे चुनाव लड़ेगी वो जो चुनाव लड़ने वाले जानें. उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म निभाने के बजाय संभावना दिख रही है कि बीजेपी अतिउत्साह में बड़ा नुकसान कर लेगी, क्योंकि झारखंड में जदयू के लाखों कार्यकर्ता हैं जो उदास बैठे हैं, क्योंकि पार्टी चुनाव तो लड़ नहीं रही है.
झारखंड एनडीए में सबकुछ है ऑल इज वेल, जदयू है हमारा सहयोगीः बीजेपी
झारखंड जदयू की नाराजगी के बीच बीजेपी ने कहा है कि एनडीए में ऑल इज वेल है और जदयू हमारा सहयोगी है. बीजेपी सांसद और रांची सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे संजय सेठ कहते हैं कि एनडीए में कोई खटास नहीं है. हमारे साथ जदयू के लोग भी क्षेत्र में जाते हैं. इस बहाने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए संजय सेठ कहते हैं कि इंडिया गठबंधन के लोग मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं, जबकि एनडीए का नेतृत्वकर्ता देश और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी जो कहते हैं वो करते हैं. इसको लेकर लोगों का अटूट विश्वास है.
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